
[ad_1]
टीवी एक्ट्रेस दीपिका कक्कड़ को लिवर कैंसर हो गया है और उनकी यह यह बीमारी सेकेंड स्टेज में पहुंच चुकी है. अहम बात यह है कि दीपिका स्टेज-2 लिवर कैंसर के साथ-साथ गॉल ब्लैडर में स्टोन से भी जूझ रही हैं और उन्हें तेज फीचर भी है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि कैंसर के साथ हुईं ये बीमारियां कितनी खतरनाक हैं और इनका इलाज एक साथ कैसे होता है?

कैंसर के साथ बुखार और गॉल स्टोन कितना खतरनाक?
लिवर कैंसर, गॉल ब्लैडर में पथरी (गॉल स्टोन्स) और तेज बुखार जैसी दिक्कतें अपनेआप में बेहद गंभीर हैं, लेकिन जब ये एक साथ किसी को अपनी चपेट में लेती हैं तो हालत ज्यादा खराब हो सकती है. दीपिका कक्कड़ ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में बताया कि उनके लिवर में टेनिस बॉल के साइज का ट्यूमर मिला है, जो स्टेज 2 लिवर कैंसर निकला। वहीं, दीपिका के पति शोएब इब्राहिम ने खुलासा किया कि दीपिका को गॉल ब्लैडर में पथरी के कारण भी तेज पेट दर्द हुआ. वहीं, 103.9°F के तेज बुखार के चलते उनकी सर्जरी को टालना पड़ा.
कितना गंभीर है स्टेज 2 लिवर कैंसर?
स्टेज 2 लिवर कैंसर को हेपेटोसेलुलर कार्सिनोमा (HCC) कहा जाता है. यह एक गंभीर स्थिति है, जिसमें ट्यूमर लिवर तक सीमित होता है. स्टेज 2 में ट्यूमर खून की धमनियों में एंट्री कर सकता है, जिससे कैंसर का प्रसार तेज हो सकता है. अगर मरीज को लिवर सिरोसिस या हेपेटाइटिस जैसी पहले से मौजूद बीमारियां हालात गंभीर बना देती हैं. लिवर कैंसर होने पर पेट दर्द, थकान, वजन घटना और पीलिया जैसे लक्षण नजर आते हैं. दीपिका ने बताया कि उन्हें लगातार पेट दर्द था, जिसे शुरू में एसिडिटी समझा गया.
गॉल ब्लैडर में पथरी कितनी खतरनाक?
गॉल ब्लैडर में पथरी तब बनती है, जब पित्त में कोलेस्ट्रॉल या बिलीरुबिन जमा होकर कठोर हो जाता है. दीपिका को गॉल ब्लैडर में पथरी के कारण तेज पेट दर्द हुआ, जिसे शुरू में ट्यूमर से अलग समझा गया. दरअसल, पथरी पित्त नली में रुकावट पैदा कर सकती है, जिससे पीलिया, पैनक्रियाटाइटिस या गॉल ब्लैडर में इंफेक्शन हो सकता है. कई स्टडी में सामने आया है कि लंबे समय तक गॉल ब्लैडर में पथरी रहने से गॉल ब्लैडर कैंसर का खतरा बढ़ सकता है, लेकिन यह काफी रेयर है.
तेज बुखार भी कर सकता है परेशान
दीपिका को 103.9°F तक का तेज बुखार हुआ, जिसके कारण उनकी लिवर ट्यूमर की सर्जरी को टालना पड़ा. तेज बुखार होने के कई कारण हैं. दरअसल, गॉल ब्लैडर की पथरी से कोलेसिस्टाइटिस (गॉल ब्लैडर की सूजन) या लिवर ट्यूमर से जुड़ा इंफेक्शन हो सकता है. वहीं, कैंसर सेल्स या लिवर की सूजन बुखार का कारण बन सकती हैं. बता दें कि तेज बुखार अपने आप में खतरनाक हो सकता है, क्योंकि यह शरीर की कमजोरी बढ़ाता है और अन्य इलाज को मुश्किल बना सकता है.

एक साथ तीनों बीमारियां कितनी खतरनाक?
दीपिका के मामले में इन तीनों स्थितियों का एक साथ होना संयोग हो सकता है, लेकिन कुछ कारण इनके बीच का कनेक्शन दिखाते हैं. दरअसल, हेपेटाइटिस, सिरोसिस, या अनहेल्दी लाइफस्टाइल की वजह से लिवर कैंसर और गॉल ब्लैडर की पथरी दोनों बीमारियां हो सकती हैं. कैंसर शरीर के इम्युनिटी सिस्टम को कमजोर करता है, जिससे बुखार और इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. वहीं, गॉल ब्लैडर की पथरी से होने वाली सूजन बुखार का कारण बन सकती है, जो लिवर पर एक्स्ट्रा दबाव डाल सकती है.
कैसे कराएं इन बीमारियों का इलाज?
स्टेज 2 लिवर कैंसर में यदि लिवर का ठीक तरीके से काम कर रहा है तो ट्यूमर को सर्जरी से हटाया जा सकता है. यदि ट्यूमर का साइज ज्यादा बड़ा हो गया है तो तो ट्रांसप्लांट प्रभावी ऑप्शन है. इसके अलावा रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन से छोटे ट्यूमर को नष्ट करने के लिए रेडियो वेव्स का इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही, ट्रांसआर्टेरियल किमोएंबोलाइजेशन, टारगेटेड थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी के ऑप्शन भी मौजूद हैं. कोलेसिस्टेक्टॉमी के तहत गॉल ब्लैडर को सर्जरी से हटाना सबसे आम तरीका है. यह लैप्रोस्कोपिक सर्जरी से किया जा सकता है. अगर पथरी से इंफेक्शन हो गया है तो एंटीबायोटिक्स दिए जाते हैं. दीपिका के केस में सबसे पहले बुखार को कंट्रोल करना बेहद जरूरी है. वहीं, कुछ मामलों में लिवर ट्यूमर और गॉल ब्लैडर की सर्जरी एक साथ की जा सकती है. हालांकि, यह मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है.
ये भी पढ़ें: कितना खतरनाक होता है स्टेज 2 का लिवर कैंसर, इसमें जान बचने का चांस कितना?
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )
Calculate The Age Through Age Calculator
[ad_2]
दीपिका कक्कड़ को लिवर कैंसर के साथ हुईं ये बीमारियां कितनी खतरनाक, एक साथ कैसे होता है इलाज?