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दिल्ली ITO के पास बनी वो ‘कीमती’ चीज, दूसरे राज्य का है कंट्रोल, थोड़ी सी चूक पर टेंशन में आ जाती है दिल्ली सरकार Haryana News & Updates

दिल्ली ITO के पास बनी वो ‘कीमती’ चीज, दूसरे राज्य का है कंट्रोल, थोड़ी सी चूक पर टेंशन में आ जाती है दिल्ली सरकार Haryana News & Updates

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Delhi News : दिल्ली का आईटीओ शहर का प्रीमियम इलाका है. यहां की ऊंची इमारतें बरबस ही आपका ध्यान अपनी ओर खींचती हैं. इसी आईटीओ के पास एक ऐसी कीमती चीज बनी हुई है जिस पर किसी दूसरे राज्य का मालिकाना हक है. इससे भी…और पढ़ें

दिल्ली सरकार ने हरियाणा से ITO बैराज का कंट्रोल मांगा है..
नई दिल्ली. दिल्ली का आईटीओ, एक ऐसा इलाका, जहां से पूरा शहर कनेक्ट होता है. दिल्ली में घूमने के दौरान आप भी आईटीओ जरूर गए होंगे. यहां की ऊंची इमारतें एक बार जरूर आपका ध्यान अपनी ओर खींचती हैं. इसी आईटीओ के पास है एक कीमती ऐसी चीज बनी हुई है, जो है तो दिल्ली में लेकिन इसका मालिकाना हक किसी और राज्य के पास है. अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है. जी हां, यह सौ फीसदी सच है. दिल्ली में आईटीओ के पास ही बना हुआ है आईटीओ बैराज. लक्ष्मी नगर से आईटीओ, नई दिल्ली, कनॉट प्लेस जाते समय आपने आईटीओ पुल जरूर देखा होगा. इसी ब्रिज के बगल में बैराज भी बना हुआ है. इस बैराज पर दिल्ली के पड़ोसी राज्य हरियाणा का मालिकाना हक है. सवाल यह है कि यह बैराज चर्चा में क्यों है?

दरअसल, दिल्ली सरकार ने बाढ़ प्रबंधन को मजबूत बनाने के लिए एक बैठक की. बैठक में आईटीओ के पास यमुना नदी पर बने बैराज का मुद्दा भी उठा. यह बैराज हरियाणा सरकार के अधीन है. यानी इसका कंट्रोल हरियाणा के पास है. दिल्ली सरकार ने इसका नियंत्रण हासिल करने के लिए हरियाणा सरकार से अनुरोध किया है.

आईटीओ बैराज का निर्माण 1960 के दशक में पंजाब सरकार ने करवाया था. उस समय हरियाणा पंजाब का हिस्सा था. यह बैराज इंद्रप्रस्थ पावर जेनरेशन कंपनी की दो थर्मल इकाइयों को पानी उपलब्ध कराने के लिए बनवाया गया था. हालांकि 2000 के दशक में थर्मल पावर प्लांट को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर बंद कर दिया गया था. आईटीओ बैराज में कुल 32 गेट हैं.

दिल्ली सरकार क्यों चाह रही है नियंत्रण?

सवाल यह भी कि दिल्ली सरकार आईटीओ बैराज का कंट्रोल क्यों चाह रही थी. पिछली केजरीवाल सरकार ने भी हरियाणा सरकार के सामने मांग रखी थी. अब दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने भी यही मांग दोहराई है. इसके पीछ की वजह बाढ़ प्रबंधन को मजबूत बनाना है. दरअसल, 2023 में यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर तक पहुंचने से आईटीओ के आसपास के कई वीआईपी इलाके जलमग्न हो गए थे. इन इलाकों में सिविल लाइन्स, राजघाट, लाल किला, सलीमगढ़ फोर्ट, बस अड्डा शामिल हैं. इसकी बड़ी वजह यह थी कि ITO बैराज के 5 गेट 35 साल से बंद थे. बाद में इन 5 गेट को एक महीने की कड़ी मशक्कत के बाद भारतीय सेना और नौसेना के कर्मियों की मदद से खुलवाया गया था.

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Chaturesh Tiwari

An accomplished digital content creator and Planner. Creating enhanced news content for online and social media. Having more than 10 years experience in the field of Journalism. Done Master of Journalism from M…और पढ़ें

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ITO के पास बनी वो ‘कीमती’ चीज, दूसरे राज्य का है कंट्रोल, 90% नहीं जानते नाम

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