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पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारत का बड़ा एक्शन
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत का जवाबी एक्शन शुरू हो गया है। बुधवार देर रात दिल्ली में पाकिस्तान के शीर्ष राजनयिक साद अहमद वराइच को तलब किया गया है। साथ ही पाकिस्तान के सैन्य राजनयिकों को पर्सोना नॉन ग्राटा नोट भेजा। बता दें कि पर्सोना नॉन ग्राटा का मतलब है कि किसी राजनयिक या विदेशी व्यक्ति को किसी विशेष देश में प्रवेश या रहने से मना करना। भारत ने पाकिस्तान के सैन्य राजनयिकों को ये नोट थमाया है, जिसके बाद उन्हें एक हफ्ते के अंदर भारत छोड़ना होगा।

इस बीच, हमले में मारे गए लोगों के पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचने लगे हैं। हर परिवार में गमगीन माहौल है और देश में गुस्सा है।
पाकिस्तान का हुक्का-पानी बंद!
इससे पहले बुधवार देर शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की अहम बैठक में पांच बड़े फैसले लिए गए। शुरुआत डिप्लोमैटिक एक्शन से हुई है। सबसे बड़ा फैसला सिंधु नदी जल समझौते को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। पाकिस्तानियों को वीजा नहीं मिलेगा। साथ ही भारत में पाकिस्तानी उच्चायोग में अब अनवांटेड सैन्य अफसरों को तुरंत भारत छोड़ना होगा।
भारत के इन फैसलों से पाकिस्तान न सिर्फ बूंद-बूंद को तरसने लगेगा बल्कि पाकिस्तानियों को अब भारत में एंट्री नहीं मिलेगी। मोदी सरकार के इन फैसलों से पाकिस्तान पर आर्थिक और राजनीतिक चोट के साथ साथ कूटनीतिक चोट भी लगेगी। एक तरह से कहें तो भारत ने उसका हुक्का-पानी बंद कर दिया है।
CCS की मीटिंग में ये बड़े फैसले लिए गए-
- 1960 की सिंधु जल संधि सस्पेंड किया गया है। भारत ने कहा है कि जब जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को अपना सपोर्ट बंद नहीं करता तब तक उसे सिंधु नदी का पानी नहीं दिया जाएगा। मतलब कि पाकिस्तान के एक बड़े इलाके में अब पानी की भारी किल्लत हो सकती है।
- अटारी का चेक पोस्ट तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है यानी अब सड़क मार्ग से पाकिस्तानियों की भारत में एंट्री बंद हो जाएगी। जिन लोगों के पास वैध दस्तावेज हैं वो 1 मई से पहले इस रास्ते से वापस पाकिस्तान जा सकते हैं।
- सार्क वीजा छूट योजना यानी एसवीईएस वीजा के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को भारत की यात्रा करने की छूट बंद कर दी गई है। पाकिस्तानी नागरिकों को जारी सभी वीजा रद्द कर दिए गए हैं और उन्हें 48 घंटे के अंदर भारत छोड़ने को कहा गया है।
- नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में सैन्य सलाहकारों को एक हफ्ते में भारत छोड़ने को कहा गया है। साथ ही उच्चायोग में स्टाफ की संख्या भी 55 से घटाकर 30 कर दी गई है।
- इनके अलावा भारत भी इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग से सैन्य अफसरों को वापस बुलाएगा यानी पाकिस्तान के साथ अब नाम मात्र के डिप्लोमैटिक रिश्ते रहेंगे।
भारत के एक्शन के बाद डरे पाकिस्तानी PM
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं जिसके बाद पाकिस्तान सरकार घबरा गई है। भारत के एक्शन के बाद आज पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक बुलाई है। इस बैठक में भारत के फैसलों का पाकिस्तान पर पड़ने वाले असर और जवाबी कार्रवाई पर रणनीति बनाई जाएगी। बैठक में सेना के तीनों अंगों के प्रमुख और प्रमुख कैबिनेट मंत्री शामिल होंगे।
पाकिस्तान को सर्जिकल स्ट्राइक का डर
पाकिस्तान को डर है कि भारत उस पर एक बार फिर से सर्जिकल स्ट्राइक कर सकता है। यही वजह है कि पाकिस्तान हमले के तुरंत बाद कहने लगा था कि उसका इससे कुछ भी लेना देना नहीं है जबकि इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं कि हमला करने वाले आतंकी पाकिस्तान से मिल रहे ऑर्डर को फॉलो कर रहे थे।
देश में अगले कुछ घंटे में बड़ा होने वाला है?
बता दें कि पहलगाम हमले के विरोध में पूरे देश में प्रोटेस्ट हो रहा है। पीएम मोदी के 11 साल के कार्यकाल में शायद यह पहला मौका है, जब वह विदेश का दौरा बीच में ही छोड़कर भारत लौटे। यह संकेत बता रहा है कि देश में अगले कुछ घंटे में बड़ा होने वाला है।
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