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दिल्ली में रहना है तो फेफड़ों का रखें खास ख्याल, घर पर ही ऐसे कर सकते हैं लंग टेस्ट Health Updates

दिल्ली में रहना है तो फेफड़ों का रखें खास ख्याल, घर पर ही ऐसे कर सकते हैं लंग टेस्ट Health Updates

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दिल्ली एनसीआर की हवा एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है. दिवाली के बाद स्मॉग, धूल और धुएं के कारण सांस लेना भी मुश्किल हो गया है. दिल्ली की हवा में पीएम 2.5 का लेवल भी काफी गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया है. इस जहरीली हवा का सबसे ज्यादा असर फेफड़ों पर पड़ रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि अब प्रदूषण सिर्फ एलर्जी या अस्थमा तक नहीं रहा, बल्कि फेफड़ों के कैंसर तक पहुंच गया है

दिल्ली का एयर पॉल्यूशन अब यह केवल स्मोकर्स के लिए ही नहीं बल्कि नॉन स्मोकर्स के लिए भी खतरनाक बन चुका है. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि दिल्ली में रहना है तो फेफड़े का कैसे खास ख्याल रखें और घर पर ही लंग टेस्ट कैसे कर सकते हैं . 

सबसे ज्यादा इन लोगों को खतरा 

  • एक्सपर्ट्स बताते हैं कि दिल्ली के प्रदूषण से तीन तरह के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं. इसमें सबसे पहले वह लोग आ रहे हैं, जिनके फेफड़े अब तक स्वस्थ थे, लेकिन रोजाना प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं. 
  • वहीं दूसरे ग्रुप में बच्चे और बुजुर्ग शामिल है, जिनकी लंग कैपेसिटी उम्र के कारण पहले से ही कम है. 
  • इसके अलावा तीसरे ग्रुप में वह मरीज है, जिन्हें पहले से फेफड़ों की बीमारियां है. जैसे कि लंग कैंसर, COPD या जो कीमोथेरेपी से गुजर चुके हैं. 

ऐसे पहचानें फेफड़ों पर असर के शुरुआती लक्षण 

  • सांस फूलना या भारीपन महसूस होना. 
  • बार-बार वायरल यह हल्का बुखार होना.
  • सीने में जकड़न होना और लगातार खांसी रहना. 
  • लगातार थकान या कम एनर्जी महसूस होना. 

घर पर ऐसे करें आसान लंग टेस्ट 

एक्सपर्ट्स बताते हैं कि बिना किसी महंगे टेस्ट के आप घर बैठे अपने फेफड़ों की क्षमता का अंदाजा लगा सकते हैं. इसके लिए आप बस एक लंबी सांस खींचे और उसे रोक कर रखें. इसके बाद अगर आप 40 सेकंड तक सांस रोक सकते हैं तो समझ लें कि आपके फेफड़े पूरी तरह फिट है. वहीं अगर आप 20 से 25 सेकंड तक सांस रोक पा रहे हैं तो यह भी नॉर्मल माना जाता है. इसके अलावा अगर आप 20 सेकंड से पहले ही सांस छोड़ देते हैं तो यह संकेत है कि आपका फेफड़ों पर प्रदूषण का असर हो रहा है. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि लोगों को डीप ब्रीदिंग और ब्रेथ होल्डिंग टेस्ट हफ्ते में एक बार जरूर करना चाहिए. लगातार सांस लेने में भारीपन, खांसी या थकान महसूस हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. डॉक्टर PFT, Chest X-ray या CT Scan जैसी जांच से यह पता लगा सकते हैं कि प्रदूषण में आपके फेफड़ों को कितना नुकसान पहुंचा है.

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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