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Delhi New Government: दिल्ली चुनाव के बाद जो एग्जिट पोल सामने आए, उनमें बीजेपी की सरकार बनती हुई दिख रही है. एग्जिट पोल अगर सही साबित हुए तो दिल्ली में बीजेपी के लिए पूरे 26 साल का सूखा खत्म हो जाएगा. हालांकि ये तो 8 फरवरी को ही तय होगा कि सरकार किसकी बनेगी, अगर ऐसा हुआ तो पहली बार देश की युवा पीढ़ी दिल्ली में बीजेपी की सरकार देखेगी, लेकिन सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि बीजेपी आम आदमी पार्टी से रेस में आगे निकली? इसके पीछे की 5 वजह हम आपको बताते हैं.
1- AAP सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी
आम आदमी पार्टी पिछले दस 10 साल से दिल्ली की सत्ता पर काबिज है और माना जा रहा है कि दिल्ली के अंदर आप सरकार के खिलाफ गुस्सा था, लेकिन वो अंडर करंट ही रहा यानी एंटी इनकंबेसी का असर तो था, लेकिन वो बाहर दिखाई नहीं पड़ा. शायद इसी का नुकसान आम आदमी पार्टी को हुआ क्योंकि वोटर बदलाव का मन बना चुके थे और वही एग्जिट पोल में दिख रहा है.
2- मिडिल क्लास के लिए मोदी सरकार का मास्टर स्ट्रोक
दिल्ली में सरकारी और प्राइवेट मिलाकर वेतनभोगी करीब 33 लाख वोटर हैं यानी दिल्ली की आबादी में 21 फीसदी मतदाता वेतनभोगी हैं. पूरे देश में सबसे ज्यादा वेतन पर काम करने वाले दिल्ली में हैं और सबसे ज्यादा सरकारी कर्मचारी भी दिल्ली में हैं. दिल्ली चुनाव के ठीक पहले प्रधानमंत्री मोदी ने बजट के जरिए मिडिल क्लास को लुभाने का ब्रह्मास्त्र चल दिया. टैक्स छूट का ऐलान मिडिल क्लास के लिए बहुत बड़ी सौगात था. माना जा रहा है कि इस मास्टर स्ट्रोक के जरिए मोदी ने दिल्ली के मिडिल क्लास को बीजेपी के पाले में लाने का काम किया.
3- PM मोदी का माइक्रो मैनेजमेंट
दिल्ली के चुनाव में पीएम मोदी ने माइक्रो मैनेजमेंट की मिसाल पेश की. दिल्ली के सियासी युद्ध को जीतने के लिए पीएम मोदी ने महाराष्ट्र के महारथी से असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा तक को मैदान में उतार दिया. हर सीट के हिसाब से रणनीति तैयार की गई. बीजेपी के बड़े-बड़े दिग्गज प्रचार के लिए उतरे और जहां जैसी जरूरत थी. जहां जो मुद्दा बड़ा था उसी हिसाब से बीजेपी आगे बढ़ी. जहां हिंदुत्व की बात करनी थी वहां हिंदूवादी चेहरे उतारे गए और जहां पानी मुद्दा था वहां पानी के अधिकार की आवाज को बुलंद किया गया. जाति, धर्म से लेकर भूगोल तक के पैमाने को परखकर बीजेपी के स्टार प्रचारकों की फौज राजधानी में उतरी थी.
4- ईमानदार इमेज पर अटैक
अगर दिल्ली एग्जिट पोल के नतीजे सही साबित होते हैं तो केजरीवाल की हार के पीछे एक बहुत बड़ी वजह बीजेपी द्वारा उनकी ईमानदार इमेज पर अटैक करना होगा. बीजेपी ने आम आदमी पार्टी की कट्टर ईमानदार वाली छवि पर तगड़ा अटैक किया और चुनाव के आखिरी दिन तक ये हमला रुका नहीं. मुमकिन है कि कथित शीशमहल ने केजरीवाल की छवि को गहरा नुकसान पहुंचाया.
5- यूथ जेनरेशन
अगर दिल्ली में बीजेपी सरकार बना पाती है तो उसके पीछे एक वजह राजधानी की युवा पीढ़ी होगी जिसने कभी भी दिल्ली में बीजेपी को राज करते देखा ही नहीं है. 1998 में बीजेपी सत्ता से बाहर हुई थी, तबसे तीन बार कांग्रेस की सरकार बनी और तीन बार आम आदमी पार्टी की. बीजेपी को सत्ता में आने का मौका इतने सालों में नहीं मिला, जबकि बीते 10 सालों से केंद्र में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं और तीन बार से लोकसभा में बीजेपी 7-0 से क्लीन स्वीप कर रही है. ऐसे में जो 30-35 साल वाली युवा पीढ़ी है उसने होश संभालने के बाद आज तक दिल्ली में बीजेपी का सीएम देखा ही नहीं है, जबकि बीजेपी उत्तर भारत के तमाम राज्यों में सरकार बना चुकी है या सरकार में है. हो सकता है कि युवा पीढ़ी ने इस वजह से दिल्ली में बदलाव के लिए वोट किया हो.
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