[ad_1]
फरीदाबाद. फरीदाबाद के कोट गांव में तेंदुआ और लकड़बग्घा का आतंक जारी है, विशेषकर गांव के रियासी क्षेत्र में. इसके कारण पूरे गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है. लोग रात में घर से बाहर निकलने से डरते हैं, क्योंकि तेंदुआ और लकड़बग्घा कभी भी दिन हो या रात आ सकते हैं. यह समस्या कई सालों से है और वन विभाग को बार-बार सूचना दी गई, लेकिन इसका कोई स्थायी समाधान नहीं निकला है.
गांव में निरंतर दहशत का माहौल
कोट के निवासी सुमंत्रा ने Local18 को बताया कि तेंदुआ और लकड़बग्घा इस गांव में अक्सर आते हैं. कभी सुबह 5 बजे कभी शाम 6 बजे और रात में भी. उन्होंने बताया कि हाल ही में उनका लड़का सुबह दूध निकालने गया था, तभी तेंदुआ दिखाई दिया. यह समस्या कई सालों से गांव में है और वन विभाग ने इसे गंभीरता से नहीं लिया है.
मंदिर के पुजारी का बयान
सेवानन्द जो कि गांव के मंदिर के पुजारी हैं ने Local18 को बताया कि तेंदुआ और लकड़बग्घा पिछले 2-3 सालों से मंदिर के पास भी आ जाते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि मंदिर आने-जाने वाले लोग इन जानवरों से खतरे में हैं, क्योंकि तेंदुआ पहाड़ों से आकर रियासी क्षेत्र में दाखिल हो जाते हैं.
सरपंच का बयान और वन विभाग का रवैया
कोट गांव के सरपंच केसर सिंह ने Local18 से बातचीत करते हुए कहा कि तेंदुआ और लकड़बग्घा करीब 5-6 साल पहले गांव में आए थे. गर्मियों के दौरान ये जानवर गांव में आकर अपने शिकार करते हैं. उन्होंने बताया कि कई बार इन जानवरों ने गांव के पशुओं को नुकसान पहुंचाया है और किसानों को खेतों में काम करने में डर लगता है. वन विभाग से संपर्क करने पर वन विभाग के अधिकारियों ने यह जवाब दिया कि यह गांव पहाड़ी इलाके में बसा है, इसलिए ये जानवर इस क्षेत्र में आते हैं.
जानवरों की बढ़ती संख्या और खतरे का कारण
तेजवीर ने Local18 को बताया कि गांव का इतिहास पाषाण काल से जुड़ा है और यह इलाका ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है. उन्होंने बताया कि जंगलों की अंधाधुंध कटाई के कारण तेंदुआ और लकड़बग्घा इस गांव में आ रहे हैं. इसके अलावा लकड़बग्घा के बच्चों की संख्या में वृद्धि हो रही है जिससे इन जानवरों की तादाद भी बढ़ रही है.अब तक इन जानवरों ने कई कुत्तों को शिकार बना लिया है और गांव के कुत्ते गायब हो गए हैं.
Tags: Faridabad News, Haryana news, Leopard attack, Local18, Tiger attack
[ad_2]