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10 घंटे पहले
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शेख हसीना ने बांग्लादेश में हिंसा के बाद 5 अगस्त को इस्तीफा दे दिया था।
बांग्लादेश में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे के 6 दिन बाद शेख हसीना ने कहा है कि अमेरिका को सेंट मार्टिन आइलैंड न देने की वजह से उनकी सरकार गिराई गई है।
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, हसीना ने अपने करीबी सहयोगियों से कहा, “मैं कट्टरपंथियों की हिंसा में मरने वालों की संख्या को बढ़ने नहीं देना चाहती थी। वे छात्रों के शवों के जरिए सत्ता हासिल करना चाहते थे। लेकिन मैंने पद छोड़कर ऐसा नहीं होने दिया।”
हसीना ने कहा, “मैं सेंट मार्टिन द्वीप और बंगाल की खाड़ी को अमेरिकी कंट्रोल में देकर अपनी कुर्सी बचा सकती थी। मैं देशवासियों से अपील करती हूं कि वे कट्टरपंथियों के बहकावे में न आएं। अल्लाह की कृपा से मैं बांग्लादेश जल्द लौटूंगी।”
छात्रों के आंदोलन पर बात करते हुए हसीना ने कहा, “मैंने कभी उन्हें रजाकार नहीं बुलाया। देश में अस्थिरता लाने के लिए मेरे शब्दों को गलत तरह से पेश किया गया। बांग्लादेश की जनता की मासूमियत का फायदा उठाते हुए यह साजिश रची गई है।” इस्तीफे के बाद यह पहला मौका है जब हसीना का इस मामले में कोई बयान सामने आया है।
फुटेज 5 अगस्त की है, जब हिंसा के बीच शेख हसीना ने बांग्लादेश छोड़ा था।
हसीना ने कहा था- बांग्लादेश से सेंट मार्टिन द्वीप मांग रहा अमेरिका
इससे पहले जून 2021 में बांग्ला अखबारों में दावा किया गया था कि अमेरिका, बांग्लादेश से सेंट मार्टिन द्वीप की मांग कर रहा है। वह यहां मिलिट्री बेस बनाना चाहता है। इसके बाद बांग्लादेश वर्कर्स पार्टी के अध्यक्ष रशीद खान मेनन ने भी संसद में कहा कि अमेरिका सेंट मार्टिन द्वीप हासिल करना चाहता है और क्वाड का मेंबर बनने के लिए दबाव बना रहा है।
सेंट मार्टिन द्वीप जिसे लेकर बांग्लादेश की राजनीति में इतना हंगामा मचा वह सिर्फ 3 वर्ग किमी का एक द्वीप है। म्यांमार से इसकी दूरी सिर्फ 5 मील है। जून 2023 को PM हसीना ने कहा था कि विपक्षी BNP पार्टी अगर सत्ता में आई तो वे सेंट मार्टिन बेच देंगे।
बांग्लादेश के 52 जिलों में हिंदुओं पर 205 हमले
बांग्लादेश में हिंसा के बीच हिंदू समुदाय पर हमले बढ़ते जा रहे हैं। 52 जिलों में हिंदुओं पर हमले के अब तक 205 मामले सामने आ चुके हैं। शनिवार को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के हेड मुहम्मद यूनुस ने इसकी निंदा की।
उन्होंने कहा, “अल्पसंख्यकों पर हमले करना जघन्य अपराध है। बांग्लादेश में रह रहे हिंदू, ईसाई और बौद्ध समुदाय के लोगों की रक्षा करना देश के युवा वर्ग का फर्ज है।” बांग्लादेश की बेगम रोकेया यूनिवर्सिटी को संबोधित करते हुए यूनुस ने कहा, “छात्रों ने इस देश को बचाया है। क्या वे अल्पसंख्यकों की रक्षा नहीं कर सकते। वे भी हमारे देश के नागरिक हैं। हमें साथ मिलकर रहना होगा।”
मोहम्मद यूनुस ने 8 अगस्त को अंतरिम सरकार के हेड के तौर पर शपथ ली थी।
यूनुस बोले- बांग्लादेश युवाओं के हाथ में
यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश अब युवाओं के हाथ में है। बांग्लादेशी मीडिया डेली स्टार के मुताबिक, शनिवार को हजारों हिंदू प्रदर्शनकारियों ने ढाका और चिटगांव में सड़कें जाम कीं। उन्होंने अपने घरों, दुकानों और मंदिरों पर हो रहे हमलों का विरोध किया।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने ‘हिंदुओं की रक्षा करो’, ‘हमें इंसाफ चाहिए’ और ‘देश सभी नागरिकों का है’ जैसे नारे भी लगाए। उन्होंने पूछा कि हिंदुओं के घर और मंदिर क्यों लूटे जा रहे हैं? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शेख हसीना के इस्तीफे के बाद उनकी पार्टी अवामी लीग के 2 हिंदू नेताओं की हत्या की जा चुकी है।
हिंदुओं की मांग- अल्पसंख्यकों के लिए अलग मंत्रालय बने
बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों ने हिंदुओं पर हमले रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने की मांग की है। साथ ही उन्होंने अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के लिए एक अलग मंत्रालय की मांग की है। प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि उन्हें बांग्लादेश की संसद में 10% सीटें दी जानी चाहिए।
हिंदू समुदाय पर हिंसा के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन सिर्फ बांग्लादेश तक सीमित नहीं हैं। ब्रिटेन के हाउस ऑफ पार्लियामेंट के बाहर भी बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए लोगों ने हिंदुओं पर हमले का विरोध किया। उन्होंने ‘हिंदू लाइफ मैटर्स’ के नारे लगाए। इस प्रदर्शन में मानवाधिकार संगठन के सदस्यों समेत कई लोगों ने हिस्सा लिया।
प्रदर्शनकारियों ने हिंसा से प्रभावित लोगों के लिए मुआवजा भी मांगा। इसके अलावा तोड़े गए मंदिरों को फिर से बनाने की भी मांग की। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे इस देश में पैदा हुए हैं। यह उनके पूर्वजों की जमीन है। यह देश उनका भी उतना ही है। वे भले ही यहां मार दिए जाएं, फिर भी अपना जन्मस्थान बांग्लादेश नहीं छोड़ेंगे। वे अपना अधिकार पाने के लिए सड़कों पर रहेंगे।
बांग्लादेश की सड़कों पर हिंदू प्रदर्शनकारी मंदिरों और उनके घरों पर हुए हमलों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
लंदन में हाउस ऑफ पार्लियामेंट के सामने लोगों ने हिंदुओं पर हो रहे हमलों के खिलाफ प्रदर्शन किया।
अमेरिकी सांसद बोले- हसीना सरकार के मंत्रियों पर प्रतिबंध लगे
दूसरी तरफ अमेरिका में कुछ सांसदों ने शेख हसीना के कार्यकाल के दौरान काम करने वाले बांग्लादेश के अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। डेमोक्रेटिक पार्टी से सांसद वैन हॉलेन ने हसीना सरकार में गृह मंत्री रहे असदुज्जमां खान कमाल और जनरल सेक्रेटरी रह चुके ओबैदुल कादर पर पाबंदियों की मांग की है। इसके लिए उन्होंने विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को खत भी लिखा।
52 जिलों में हिंदुओं पर हमले हुए, मोहम्मद यूनुस से मांगी सुरक्षा
बांग्लादेश की आबादी 17 करोड़ है, जिसमें हिंदू करीब 7.95% (1.35 करोड़) हैं। बांग्लादेश में हिंदू दूसरा सबसे बड़ा धर्म है। देश के 64 में से 61 जिलों में हिंदुओं की बड़ी आबादी रहती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक बांग्लादेश में हिंदू, हसीना की पार्टी अवामी लीग के समर्थक माने जाते हैं। यही वजह है कि अब वे निशाने पर हैं।
बांग्लादेश हिंदू, बौद्ध, ईसाई एकता परिषद के मुताबिक, देश के 64 में से 52 जिलों में हिंदुओं और उनकी संपत्तियों को निशाना बनाया गया। परिषद ने कहा कि अल्पसंख्यकों की आबादी डर-डरकर जीने को मजबूर है। उन्होंने सरकार प्रमुख मोहम्मद यूनुस से सुरक्षा और संरक्षण की मांग की है।
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दावा-हसीना बोलीं- बांग्लादेशियों की जान बचाने के लिए इस्तीफा दिया: कहा- अमेरिका को सेंट मार्टिन द्वीप दे देती तो सत्ता नहीं जाती, मैं बांग्लादेश लौटूंगी