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दावा- वुहान के पास डूबी चीन की परमाणु पनडुब्बी: सैटेलाइट इमेज में नजर नहीं आ रही; अमेरिका बोला- ड्रैगन के लिए यह शर्मनाक Today World News

दावा- वुहान के पास डूबी चीन की परमाणु पनडुब्बी:  सैटेलाइट इमेज में नजर नहीं आ रही; अमेरिका बोला- ड्रैगन के लिए यह शर्मनाक Today World News

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8 दिन पहले

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पनडुब्बी की यह तस्वीर 10 मार्च को ली गई थी। फोटो- Maxar Technologies

चीन की एक परमाणु पनडुब्बी वुहान के पास वुचांग शिपयार्ड में डूब गई है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सैटेलाइट के हवाले से इसकी जानकारी दी। डूबने वाली पनडुब्बी झाओ क्लास की थी और परमाणु ऊर्जा से चलती थी। घटना मई या जून में हुई थी, लेकिन इसकी जानकारी अब सामने आई है।

अमेरिका के कई अधिकारियों ने भी पनडुब्बी के डूबने का दावा किया है। हालांकि चीन ने अब तक इस मामले की पुष्टि नहीं की है। वॉशिंगटन में चीनी ऐम्बेसी के प्रवक्ता ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि उनके पास इससे जुड़ी कोई जानकारी नहीं है।

यह सैटेलाइट इमेज 10 मई की है। इसमें झाउ-क्लास सबमरीन दिखाई दे रही है। फोटो- Planet Labs PBC

यह सैटेलाइट इमेज 10 मई की है। इसमें झाउ-क्लास सबमरीन दिखाई दे रही है। फोटो- Planet Labs PBC

यह तस्वीर 15 जून को ली गई थी। इसमें सबमरीन दिखाई नहीं दे रही है। फोटो- Planet Labs PBC

यह तस्वीर 15 जून को ली गई थी। इसमें सबमरीन दिखाई नहीं दे रही है। फोटो- Planet Labs PBC

16 मई के बाद लापता हुआ सबमरीन 10 मार्च को मैक्सार टेक्नोलॉजीज की सैटेलाइट इमेज में झाउ-क्लास सबमरीन को वुहान के पास शिपयार्ड में खड़ा देखा गया था। इस सबमरीन को उसकी लंबी टेल से पहचाना जाता है। इसके बाद इसे प्लैनेट लैब्स की सैटेलाइट इमेज में 16 मई को भी देखा गया। जून के आखिर में यहां की फिर से तस्वीरें ली गईं, जिसमें इसे नहीं देखा गया।

सैटेलाइट इमेज पर रिसर्च करने वाले टॉम शुगार्ट ने सबसे पहले इसकी जानकारी दी। शुगार्ट ने कहा कि पहले उन्हें लगा कि कोई पनडुब्बी डूब गई होगी, लेकिन बाद में पता चला कि वह चीन की परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी थी। उन्होंने कहा-

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क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि सैन डिएगो में एक अमेरिकी परमाणु पनडुब्बी डूब जाए और सरकार इसे दबा दे और किसी को इसके बारे में न बताए? ये मुमकिन नहीं है।

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पनडुब्बी को लेकर चीन ने कोई जानकारी नहीं दी वॉल स्ट्रीट जर्नल ने दावा किया है कि पनडुब्बी को बचा लिया गया है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि इसे फिर से काम पर लगने में कई महीने लग सकते हैं। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने भी अब तक इस घटना की कोई पुष्टि नहीं की है।

अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि यह पता नहीं चल पाया है कि इसके डूबने का कारण क्या था। जब ये डूबी तब उसमें न्यूक्लियर फ्यूल था या नहीं इसकी भी जानकारी नहीं है। इस हादसे में कोई हताहत हुआ या नहीं इसका भी पता नहीं चला है।

चीनी इक्वीपमेंट्स की क्वालिटी पर उठे सवाल एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने CNN से कहा कि चीन का डिफेंस सेक्टर भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है। यह घटना PLA की जवाबदेही पर सवाल खड़े करती है। एक दूसरे अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि यह बीजिंग के लिए एक शर्मिंदगी की तरह है, जो नेवी के विस्तार में जुटा हुआ है।

चीन की परमाणु पनडुब्बी में मारे गए थे 55 सैनिक इससे पहले पिछले साल अगस्त में भी चीन की एक परमाणु पनडुब्बी में 55 सैनिकों की मौत का दावा किया गया था। चीनी पनडुब्बी पीले सागर में एक बैरियर से टकरा गई थी, जिसकी वजह से उसका ऑक्सीजन सिस्टम फेल हो गया था। इसके बाद दम घुटने से सैनिकों के मारे जाने की खबर आई थी। हालांकि चीनी अधिकारियों ने किसी भी हादसे से इनकार किया था।

सबसे ज्यादा परमाणु पनडुब्बी बनाने की तैयारी में चीन चीन मिलिट्री पावर रिपोर्ट 2023 के मुताबिक चीन के पास 6 न्यूक्लियर फ्यूल बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी, 6 न्यूक्लियर फ्यूल पावर अटैक पनडुब्बी और 48 डीजल अटैक पनडुब्बी थीं। परमाणु पनडुब्बी दो तरह की होती हैं। बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी और अटैक पनडुब्बी। बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी ज्यादा ताकतवर होती है।

वहीं, अमेरिका के पास 53 तेज गति से हमला करने वाली पनडुब्बी, 14 बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी और चार गाइडेड मिसाइल पनडुब्बी हैं। अमेरिका का पूरा पनडुब्बी बेड़ा परमाणु ऊर्जा से चलता है।

चीन अपनी पनडुब्बियों की संख्या को साल 2025 तक 65 और साल 2035 तक 80 तक ले जाना चाहता है। चीन के पास पहले से ही 370 से अधिक जहाजों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है। चीन ने अब न्यूक्लियर फ्यूल से जलने वाले हमलावर पनडुब्बियों की एक नई पीढ़ी का उत्पादन शुरू कर दिया है।

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