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यूक्रेन की सिक्योरिटी सर्विस ने रूस में ऐसे 150 ठिकानों का पता लगाया है, जहां किडनैप किए गए रूसी बच्चों को रखा गया है।
यूक्रेन की सिक्योरिटी सर्विस (SBU) ने दावा किया है कि जंग शुरू होने के बाद से रूस ने अब तक 21 हजार यूक्रेनी बच्चों को किडनैप किया है। इन बच्चों को अलग-अलग ठिकानों पर रखकर उन्हें यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ने के लिए ब्रेनवॉश किया जा रहा है।
वहीं, येल यूनिवर्सिटी के रिसर्च ग्रुप ने पब्लिक डेटाबेस और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए ऐसे 8400 से ज्यादा बच्चों की पहचान की है, जिन्हें यूक्रेन से प्लानिंग के तहत रूस भेजा गया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कुछ अरसा पहले कहा था कि हम कम से कम 11,000 बच्चों के नाम तो जानते हैं, जिन्हें जबरन रूस भेजा गया है।
SBU ने ऐसी करीब 150 जगहों का पता लगाया है, जहां इन बच्चों को या तो कैम्पों में या उनके कथित दत्तक परिवारों के पास रखा गया है। कुछ बच्चों को मिलिट्री स्कूलों में भर्ती किया गया है। अब तक रूस ने सिर्फ 1200 यूक्रेनी बच्चों को ही वापस भेजा है।

यूक्रेन युद्ध की वजह से अब तक 50 लाख से ज्यादा बच्चों को विस्थापित होना पड़ा है।

पूर्वी यूक्रेन में रह रहे 16 लाख बच्चों को सबसे ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूक्रेनी बच्चों की बड़ी आबादी ऐसे मानसिक तनाव से जूझ रही है, जिससे शायद वे कभी उबर नहीं पाएंगे।
पुतिन के खिलाफ वारंट जारी हो चुका है
संयुक्त राष्ट्र (UN) इन बच्चों की किडनैपिंग को वॉर क्राइम करार दे चुका है। वहीं नीदरलैंड्स के हेग स्थित इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) इस मामले में रूसी राष्ट्रपति पुतिन को ‘वॉर क्रिमिनल’ घोषित करके उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर चुका है।
बीते कुछ महीनों में ट्रम्प के साथ अपनी बातचीत में जेलेंस्की ने बार-बार गुमशुदा बच्चों का मुद्दा उठाया है। मई में अमेरिकी सीनेट के एक ग्रुप ने भी एक प्रस्ताव पेश कर कहा था कि रूस के साथ किसी भी शांति समझौते को अंतिम रूप देने से पहले सभी यूक्रेनी बच्चों की वापसी तय होनी चाहिए।

50 लाख यूक्रेनी बच्चों को पलायन करना पड़ा
जंग शुरू होने के बाद से अब तक 50 लाख यूक्रेनी बच्चे को पलायन करना पड़ा है। इससे बच्चों के शिक्षा संबंधी और अन्य अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।
इसके अलावा उन 16 लाख बच्चों को सबसे ज्यादा मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है, जो यूक्रेन के उन हिस्सों में रह रहे हैं, जिन पर अब रूस का कब्जा है।
रूस ने यूक्रेन के करीब 20% हिस्से, यानी लगभग 1 लाख 14 हजार 500 वर्ग किलोमीटर पर कब्जा कर रखा है। इसमें क्रीमिया, डोनेट्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन, और जापोरिजिया जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

रूस-यूक्रेन जंग के प्रमुख घटनाक्रम
फरवरी 2022- रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हमले का ऐलान करते ही यूक्रेन में रूसी टैंक धड़धड़ाते हुए घुसने लगे। तब के अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन बोले- पुतिन से बातचीत का कोई प्लान नहीं है। उन्होंने पूरी दुनिया को खतरे में डाल दिया है। रूस को यूक्रेन पर हमले की गंभीर कीमत चुकानी होगी।
फरवरी 2025- अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पुतिन से फोन पर 90 मिनट तक बात की। इसके बाद सऊदी अरब में यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस और अमेरिकी के बीच हाई लेवल मीटिंग हुई। इसमें यूक्रेन को नहीं रखा गया। ट्रम्प ने पुतिन की तारीफ की और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को ‘तानाशाह’ कह दिया।
मई 2025- रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए शांति बातचीत 2025 में तेज हुई, खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की पहल के बाद। हाल के दिनों में कैदी अदला-बदली हुई है, लेकिन क्षेत्रीय नियंत्रण और सुरक्षा गारंटी पर मतभेद बने हुए हैं।
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दावा-रूस ने अबतक 21 हजार यूक्रेनी बच्चों को किडनैप किया: इन्हें ब्रेनवॉश करके यूक्रेन के खिलाफ ही जंग लड़ने भेजा जा रहा
