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Faridabad News: फरीदाबाद के दशहरा मैदान पर हर साल गरीब और मेहनती परिवार फुटपाथ पर दुकान लगाकर गहने, खिलौने और डेकोरेशन बेचते हैं, लेकिन इस बार नगर निगम और ठेकेदार उन्हें परेशान कर रहे हैं.
फरीदाबाद: फरीदाबाद के मेट्रो रोड NIT दशहरा मैदान के पास हर साल दशहरे के मौके पर फुटपाथ पर सजी दुकानें गरीब और मेहनती परिवारों के चेहरों पर मुस्कान लाती हैं. यही वही जगह है जहां राजस्थान और फरीदाबाद से आए लोग छोटे-छोटे गहने, बच्चों के खिलौने, डेकोरेशन के फूल और तीर-कमान जैसी चीजें बेचकर अपने परिवार का गुजारा करते हैं. पिछले 30-40 सालों से यह लोग यही पर अपनी रोज़ी-रोटी चला रहे हैं, लेकिन इस बार जैसे अचानक बादल गरज गए हों ठेकेदारी और नगर निगम की रोक के कारण उन्हें दुकान लगाने की इजाजत नहीं दी जा रही. अब उनके कर्ज से खरीदे गए माल और महीनों की मेहनत पर पानी फिरने की नौबत आ गई है.
वहीं सुनीता ने अपनी मजबूरी बयां करते हुए कहा मैं विधवा हूं और घर में कोई कमाने वाला नहीं है. सिर्फ अपनी चाय की दुकान से परिवार चला रही हूं. अब नगर निगम वाले हमें दुकान लगाने नहीं दे रहे. मैं बीमार हूं, मां भी बीमार रहती है और भाई पागल है. हमें कहां जाना चाहिए? उनके शब्दों में दर्द साफ झलक रहा था.
नुकसान का सता रहा है डर
करतार ने बताया कि दशहरे से सिर्फ दो-तीन दिन पहले ही वे डेकोरेशन के फूल और सामान बेचते हैं. हमने ब्याज पर पैसा लेकर लाखों रुपए का माल खरीदा है. 40 साल से हम यही काम कर रहे हैं, लेकिन इस बार इतनी मुश्किल कभी नहीं आई.
इतनी मुश्किल पहली बार आई है
रोज़ी-रोटी बचाने के लिए संघर्ष
फरीदाबाद के दशहरा मैदान पर इन गरीब दुकानदारों की मेहनत पर ठेकेदारी और नगर निगम की यह रोक जैसे उनके सपनों पर पानी फेर रही है. छोटे-छोटे हाथ जो सिर्फ दो-तीन दिन की कमाई से घर का भरण-पोषण करते हैं इस बार उन्हें अपनी रोज़ी-रोटी बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.
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