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Recent Study On Alcohol: आजकल कोई भी पार्टी हो, यंगस्टर क्लब जाते हैं, शादी हो या कोई ओकेजन हो बिना शराब के अधूरा माना जाता है और कई लोग रेगुलर शराब (alcohol) का सेवन करते हैं, लेकिन शराब पर हाल ही में की गई एक रिसर्च के अनुसार यह न केवल दर्द और सहनशीलता (tolerance) को बढ़ाती है, बल्कि अग्रेशन (aggression) को भी बढ़ा सकती है.
रिसर्च में पाया गया है कि शराब पीने वाले लोगों में दर्द की सीमा अधिक होती है, वह दूसरों को दर्द देने से भी परहेज नहीं करते हैं और उनमें सहानुभूति कम होती है. ऐसे लोगों में अग्रेशन भी ज्यादा देखा गया. तो चलिए आपको बताते हैं शराब पर की गई इस नई रिसर्च के बारे में और इसके क्या प्रभाव होते हैं.
क्या कहती है शराब पर की गई नई रिसर्च
जनरल ऑफ स्टडीज ऑन अल्कोहल एंड ड्रग्स में हाल ही में प्रकाशित हुई रिसर्च में दो ग्रुप पर अध्ययन किया गया. एक 543 प्रतिभागियों के साथ और दूसरा 327 प्रतिभागियों के साथ, जिनमें से सभी ने महीने में कम से कम 3 से 4 बार अल्कोहल का सेवन किया.
इस रिसर्च में पाया गया कि जो लोग ज्यादा मात्रा में शराब का सेवन करते हैं उनमें शराब का सुन्न करने वाला प्रभाव दूसरों के तुलना में ज्यादा पाया गया है. ऐसे लोगों में दूसरों के दर्द के प्रति सहानुभूति कम और आक्रामक व्यवहार ज्यादा देखा गया. रिसर्च में बताया गया है कि मादक पदार्थ पीने के बाद जितना कम दर्द इंसान महसूस करता है, उतना ही ज्यादा दर्द वह किसी और को देने के लिए तैयार होता हैं.
शराब का लंबे समय तक सेवन करने के प्रभाव
शराब पीने की आदत लंबे समय तक बनी रहे तो दर्द सहनशीलता और आक्रामकता को और ज्यादा बढ़ा सकती है. इसके अलावा लीवर और दिमाग को नुकसान हो सकता है, जिससे इमोशनल डिसबैलेंस और सोशल कनेक्शन भी खत्म होता है.
दरअसल, शराब प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स की गतिविधि को कम कर देती है, इससे व्यक्ति का आत्म नियंत्रण कम हो जाता है और आक्रामक व्यवहार बढ़ जाता है. वहीं, डोपामिन के लेवल को भी शराब बढ़ा सकती है. यह इंसान को अधिक गुस्सैल बना सकता है, डॉक्टर का मानना है कि शराब न्यूरोट्रांसमीटर हार्मोन और दिमाग को प्रभावित करके दर्द सहनशीलता और आक्रामकता में बदलाव लाती है.
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दर्द और गुस्से को कैसे बढ़ा सकती है शराब? जानें क्या कहती है स्टडी