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थॉमस एल. फ्रीडमैन का कॉलम: अब गाजा में युद्ध का अंत चाहते हैं इजराइल के लोग Politics & News

थॉमस एल. फ्रीडमैन का कॉलम:  अब गाजा में युद्ध का अंत चाहते हैं इजराइल के लोग Politics & News

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3 घंटे पहले

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थॉमस एल. फ्रीडमैन, तीन बार पुलित्ज़र अवॉर्ड विजेता एवं ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ में स्तंभकार

मैं इजराइल में एक सप्ताह बिताकर लौटा हूं और मैंने वहां 7 अक्टूबर 2023 के बाद पहली बार कुछ नया महसूस किया। इसे एक व्यापक युद्ध-विरोधी आंदोलन कहना तो जल्दबाजी होगी, क्योंकि वह तभी हो सकता है जब सभी इजराइली बंधकों को रिहा कर दिया जाए। लेकिन मैंने इस बात के स्पष्ट संकेत देखे कि बहुतेरे इजराइली लोग- फिर चाहे वे किसी भी विचारधारा के क्यों न हों- इस निष्कर्ष पर पहुंच रहे हैं कि यह युद्ध जारी रखना इजराइल के लिए एक आपदा है : नैतिक के साथ ही कूटनीतिक या रणनीतिक रूप से भी।

पूर्व प्रधानमंत्री एहुद ओलमर्ट ने समाचार पत्र हारेत्ज में एक लेख लिखा, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनके गठबंधन की आलोचना करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। ओलमर्ट ने कहा कि इजराइल की सरकार बिना किसी उद्देश्य, लक्ष्य या स्पष्ट योजना के और किसी सफलता की संभावना के बिना ही युद्ध लड़ रही है। उन्होंने कहा, हम गाजा में जो कर रहे हैं, वह विनाशलीला है : नागरिकों की अंधाधुंध, असीमित, क्रूर और आपराधिक हत्या। उनका निष्कर्ष था कि हां, इजराइल युद्ध-अपराध कर रहा है।

नेतन्याहू की अपनी दक्षिणपंथी पार्टी के सदस्य एमिट हलेवी जैसे लोग- जो कि युद्ध के कट्टर समर्थक रहे हैं- को लगता है कि क्रियान्वयन में गड़बड़ी हो रही है। हलेवी की विदेश मामलों और रक्षा समिति की सदस्यता नेतन्याहू के गठबंधन द्वारा निलंबित कर दी गई थी, क्योंकि उन्होंने इजराइली रिजर्विस्टों के लिए आपातकालीन कॉल-अप आदेश जारी करने की सरकार की क्षमता का विस्तार करने के प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया था।

अपनी बर्खास्तगी के बाद एक अखबार को दिए साक्षात्कार में हलेवी ने कहा : यह युद्ध एक धोखा है। उन्होंने अपनी उपलब्धियों के बारे में हमसे झूठ बोला है। इजराइल 20 महीनों से लड़ रहा है और वह हमास को नष्ट करने में सफल नहीं हो रहा है।

वहीं इजराइल के उदारवादी गठबंधन के नेता यायर गोलान ने इजराइल रेडियो पर दिए एक इंटरव्यू में कहा कि अगर हम एक समझदार देश की तरह व्यवहार करना नहीं सीखते हैं, तो इजराइल दक्षिण अफ्रीका की तरह एक बहिष्कृत राष्ट्र बनने की डगर पर है।

एक समझदार देश नागरिकों के खिलाफ नहीं लड़ता है, बच्चों को नहीं मारता है और आबा​दियों को अपनी रहने की जगहों से बाहर निकालने का लक्ष्य नहीं रखता है। गोलान- जो खुद गाजा-युद्ध के नायक रह चुके हैं- ने स्पष्ट किया कि वे इजराइली सेना नहीं, उन राजनेताओं को दोष दे रहे हैं, जो युद्ध को ऐसे कारणों से बढ़ा रहे हैं, जिनका राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई लेना-देना नहीं।

आज किसी भी स्वतंत्र विदेशी पत्रकार को गाजा से सीधे रिपोर्ट करने की अनुमति नहीं दी जा रही है- इजराइली सेना के बिना। जब युद्ध खत्म होगा और गाजा अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों और फोटोग्राफरों से भर जाएगा, तब जाकर वहां से मृत्यु और विनाश की पूरी रिपोर्ट सामने आएंगी।

वह इजराइल और यहूदी-समुदाय के लिए बहुत बुरा समय होगा। यही कारण है कि गोलान ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि अब रुक जाएं, युद्ध-विराम करें, बंधकों को वापस लाएं, गाजा में एक अंतरराष्ट्रीय और अरब सेना भेजें और बाद में हमास के अवशेषों से निपटें। उन्होंने कहा, जब आप पहले ही गड्ढे में हों तो और खुदाई करना बंद कर दें।

लेकिन नेतन्याहू खुदाई जारी रखने पर अड़े हुए हैं। उनका दावा है कि वे हमास पर दबाव बनाकर इजराइली बंधकों को लौटा ला सकते हैं। वहीं उनके गठबंधन के धुर-राष्ट्रवादी सदस्यों ने भी उनसे कहा है कि अगर वे युद्ध बंद कर देते हैं, तो उनका तख्तापलट कर दिया जाएगा। इसलिए इजराइली सेना अधिक से अधिक सेकंडरी-टारगेट्स पर हमला कर रही है, और नतीजा यह है कि हर दिन नागरिक मारे जा रहे हैं।

हारेत्ज के सैन्य विश्लेषक अमोस हारेल ने बताया कि हमास नेताओं के खिलाफ चलाए जा रहे कई बमबारी अभियान वास्तव में सामूहिक हत्या के प्रयास हैं, अकसर तब, जब वे अपने परिवार के साथ होते हैं। ये अधिकारी अब निजी घरों या अपार्टमेंट इमारतों में नहीं रहते।

वे अमूमन हजारों नागरिकों के साथ भीड़ भरे कैंपों में रहते हैं। सेना चाहे जितनी सावधानी बरते, इन हमलों के परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर आम नागरिकों की हत्याएं होती हैं। लेकिन इजराइल के लोग गाजा में हताहतों की बढ़ती संख्या के चलते ही युद्ध के खिलाफ नहीं हो रहे हैं। हकीकत यह है कि युद्ध ने पूरे समाज को थका दिया है। इसके संकेत आज आत्महत्याओं की बढ़ती संख्या से लेकर टूटते परिवारों और ढहते व्यवसायों तक सब तरफ नजर आ रहे हैं।

गाजा में भी युद्ध-विरोधी आंदोलन जोर पकड़ता दिख रहा है। फिलिस्तीनी सेंटर फॉर पॉलिसी एंड सर्वे रिसर्च के सर्वे में पाया गया कि गाजा पट्टी के 48% लोगों ने हाल में कई जगहों पर हुए हमास- विरोधी प्रदर्शनों का समर्थन किया हैं। (द न्यूयॉर्क टाइम्स से)

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