[ad_1]

थायरॉइड से जुड़ा दर्द कई बार धीरे-धीरे बढ़ता है. कुछ मामलों में ग्रंथि में सूजन आ जाती है, जिससे गर्दन या गले में कोमलता और दर्द महसूस होता है. यह दर्द जबड़े या कान तक भी फैल सकता है. थायरॉइडाइटिस जैसी स्थिति या गले में गॉइटर भी असहजता बढ़ा सकते हैं.

थायरॉइड असंतुलन से मांसपेशियों और जोड़ों में भी दर्द हो सकता है. जब हार्मोन का स्तर कम हो जाता है, तो मांसपेशियां कमजोर, अकड़ी हुई और दर्दभरी महसूस होती हैं, खासतौर पर कंधों में. वहीं, हाइपरथायरॉइडिज्म में ऊपरी बाजुओं और पैरों में क्रैम्प या थकान महसूस हो सकती है.

कई बार थायरॉइड की समस्या के कारण जोड़ों में अकड़न और सूजन भी होती है. हाइपोथायरॉइडिज्म में यह दर्द गठिया जैसे लक्षण पैदा कर सकता है, जिसमें जोड़ों में जकड़न और कोमलता महसूस होती है. ये लक्षण अक्सर किसी और बीमारी के रूप में समझ लिए जाते हैं, जिससे इलाज में देरी हो जाती है.

अगर आपको लगता है कि शरीर का दर्द थायरॉइड से जुड़ा हो सकता है, तो अपने लक्षणों का रिकॉर्ड रखें. कब और कहां दर्द होता है, किन परिस्थितियों में बढ़ता या घटता है. इन सबका ध्यान रखें. इसके साथ ही वजन, मूड, भूख और गर्दन की सूजन जैसे लक्षणों पर भी नजर रखें. खून की जांच TSH, T3, T4 से थायरॉइड की स्थिति का पता लगाया जा सकता है.

थायरॉइड से जुड़ा दर्द कम करने के लिए सिर्फ दवा ही नहीं, बल्कि सही लाफस्टाइल, फिजिकल थेरेपी और दर्द प्रबंधन की जरूरत होती है. समय रहते इसका इलाज करने से न सिर्फ दर्द में राहत मिलती है, बल्कि जीवन की क्वालिटी और गतिशीलता भी बनी रहती है.
Published at : 08 Nov 2025 11:21 AM (IST)
हेल्थ फोटो गैलरी
[ad_2]
थायरॉइड की वजह से गर्दन, मांसपेशियों और जोड़ों में क्यों होता है दर्द? जान लें इसकी वजह

