तेज हवाओं के साथ सोनीपत व राई में बरसे मेघा, गन्नौर, गोहाना व खानपुर रहे सूखे


ख़बर सुनें

भीषण गर्मी से जूझ रहे लोगों को दो दिन से काफी राहत मिली है। जिले में प्री मानसून ने दस्तक के बाद अधिकतम तापमान में 10 डिग्री सेल्सियस तक की कमी दर्ज की गई है। हालांकि दो दिन में औसतन महज 8 एमएम बारिश ही दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार 22 जून तक बारिश के आसार बने रहेंगे। किसानों ने धान की रोपाई तेज कर दी है।
जिले में मानसून जुलाई माह के पहले सप्ताह तक दस्तक देता है। इससे पहले प्री मानसून से किसानों को राहत मिलती है। हर साल 12 से 20 जून के बीच प्री मानसून की बारिश होती है। इससे तापमान में गिरावट आती है। वहीं खरीफ सीजन में धान की रोपाई भी जोर पकड़ती है। इस बार प्री मानसून की दस्तक 16 जून को हुई है। वीरवार के बाद शुक्रवार को भी जिले के सोनीपत, राई व खरखौदा ब्लॉक में हल्की बारिश व बूंदाबांदी हुई। बारिश का सिलसिला अगले चार से पांच दिनों तक जारी रहने का अनुमान है।
तापमान में 10 डिग्री तक की गिरावट
शुक्रवार को भी जिले के कई क्षेत्रों में सुबह के आठ बजे तक हल्की बारिश हुई। उसके बाद आसमान में धूप व बादलों की आंख मिचौली चलती रही। शाम को फिर से बूंदाबांदी से राहत मिली। शुक्रवार सुबह आठ बजे तक सोनीपत व राई ब्लाक में जहां 8-8 एमएम बारिश दर्ज की गई वहीं खरखौदा में 3 एमएम बारिश हुई। गन्नौर, गोहाना व खानपुर में बारिश नहीं आई। शुक्रवार को दिन का अधिकतम तापमान घटकर 34.2 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम 24.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। दो दिन पहले तक यह 44 डिग्री था। शनिवार, रविवार, सोमवार व बुधवार को अधिकतम तापमान 32-33 डिग्री रहने का अनुमान लगाया गया है। इससे लोगों को गर्मी से बड़ी राहत मिलेगी।
हरे चारे की फसलों को अच्छी बारिश की दरकार
रबी सीजन में इस बार गेहूं का उत्पादन कम होने की वजह से जिले में पशुपालकों को चारे की किल्लत झेलनी पड़ी थी। सरकार ने खरीफ सीजन के तहत नहरों, ड्रेनों आदि के किनारे हरे चारे की फसलों को उगाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया था। मई और जून में इस बार अब तक रिकॉर्ड गर्मी लोगों को झेलनी पड़ी थी। जिसके चलते ज्वार सहित विभिन्न हरे चारे की फसलों पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। मानसून का आगाज होने में अभी काफी समय बचा हुआ है, ऐसे में हरे चारे की फसलों को अच्छी बारिश की दरकार है। प्री मानसून में बारिश अच्छी होती है तो किसानों का सिंचाई का खर्च कम हो जाएगा। किसानों ने धान की रोपाई प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
दिल्ली-एनसीआर में प्री मानसून आ चुका है। जिसके चलते वीरवार के बाद शुक्रवार को भी बारिश हुई है। बारिश के आसार अगले कई दिनों तक बने रहेंगे। जिसकी वजह से तापमान में काफी गिरावट आएगी। लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी। -प्रो. चंद्रमोहन, मौसम विशेषज्ञ

भीषण गर्मी से जूझ रहे लोगों को दो दिन से काफी राहत मिली है। जिले में प्री मानसून ने दस्तक के बाद अधिकतम तापमान में 10 डिग्री सेल्सियस तक की कमी दर्ज की गई है। हालांकि दो दिन में औसतन महज 8 एमएम बारिश ही दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार 22 जून तक बारिश के आसार बने रहेंगे। किसानों ने धान की रोपाई तेज कर दी है।

जिले में मानसून जुलाई माह के पहले सप्ताह तक दस्तक देता है। इससे पहले प्री मानसून से किसानों को राहत मिलती है। हर साल 12 से 20 जून के बीच प्री मानसून की बारिश होती है। इससे तापमान में गिरावट आती है। वहीं खरीफ सीजन में धान की रोपाई भी जोर पकड़ती है। इस बार प्री मानसून की दस्तक 16 जून को हुई है। वीरवार के बाद शुक्रवार को भी जिले के सोनीपत, राई व खरखौदा ब्लॉक में हल्की बारिश व बूंदाबांदी हुई। बारिश का सिलसिला अगले चार से पांच दिनों तक जारी रहने का अनुमान है।

तापमान में 10 डिग्री तक की गिरावट

शुक्रवार को भी जिले के कई क्षेत्रों में सुबह के आठ बजे तक हल्की बारिश हुई। उसके बाद आसमान में धूप व बादलों की आंख मिचौली चलती रही। शाम को फिर से बूंदाबांदी से राहत मिली। शुक्रवार सुबह आठ बजे तक सोनीपत व राई ब्लाक में जहां 8-8 एमएम बारिश दर्ज की गई वहीं खरखौदा में 3 एमएम बारिश हुई। गन्नौर, गोहाना व खानपुर में बारिश नहीं आई। शुक्रवार को दिन का अधिकतम तापमान घटकर 34.2 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम 24.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। दो दिन पहले तक यह 44 डिग्री था। शनिवार, रविवार, सोमवार व बुधवार को अधिकतम तापमान 32-33 डिग्री रहने का अनुमान लगाया गया है। इससे लोगों को गर्मी से बड़ी राहत मिलेगी।

हरे चारे की फसलों को अच्छी बारिश की दरकार

रबी सीजन में इस बार गेहूं का उत्पादन कम होने की वजह से जिले में पशुपालकों को चारे की किल्लत झेलनी पड़ी थी। सरकार ने खरीफ सीजन के तहत नहरों, ड्रेनों आदि के किनारे हरे चारे की फसलों को उगाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया था। मई और जून में इस बार अब तक रिकॉर्ड गर्मी लोगों को झेलनी पड़ी थी। जिसके चलते ज्वार सहित विभिन्न हरे चारे की फसलों पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। मानसून का आगाज होने में अभी काफी समय बचा हुआ है, ऐसे में हरे चारे की फसलों को अच्छी बारिश की दरकार है। प्री मानसून में बारिश अच्छी होती है तो किसानों का सिंचाई का खर्च कम हो जाएगा। किसानों ने धान की रोपाई प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।

दिल्ली-एनसीआर में प्री मानसून आ चुका है। जिसके चलते वीरवार के बाद शुक्रवार को भी बारिश हुई है। बारिश के आसार अगले कई दिनों तक बने रहेंगे। जिसकी वजह से तापमान में काफी गिरावट आएगी। लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी। -प्रो. चंद्रमोहन, मौसम विशेषज्ञ

.


What do you think?

सीनियर्स के विरोध में आए एमबीबीएस छात्र, निदेशक कार्यालय के बाहर प्रदर्शन

प्रदेश में टॉपर पर जिले की बेटियां टॉपर