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Mumbling in High Fever : तेज बुखार होने पर अक्सर कई लोग बड़बड़ाने लगते हैं. कुछ लोग तो अजीब-अजीब बातें करने लगते हैं. उनकी आंखें खुली होती हैं लेकिन बात समझ नहीं आती. ये देखकर परिवार वाले घबरा भी जाते हैं, लेकिन सवाल ये है कि ऐसा क्यों होता है, इसका दिमाग पर कितना असर पड़ता है. चलिए जानते हैं, इस बड़बड़ाने वाली ‘फीवर मिस्ट्री’ के पीछे का साइंटिफिक कारण…
बुखार से बढ़ता है बॉडी टेम्परेचर, होती है उलझन
जब शरीर को तेज इंफेक्शन होता है जैसे वायरल, बैक्टीरियल इंफेक्शन, तो इम्यून सिस्टम (Immune System) एक्टिव हो जाता है। इससे बॉडी का नॉर्मल टेम्परेचर (98.6°F) बढ़कर 102°F, 103°F या उससे भी ज्यादा हो जाता है. जैसे-जैसे टेम्परेचर बढ़ता है, तब शरीर ही नहीं दिमाग भी ओवरहीट होने लगता है. जब ये बढ़ा हुआ तापमान ब्रेन तक पहुंचता है, तो वहां की केमिस्ट्री डिस्टर्ब हो जाती है.
न्यूरॉन्स यानी जो सोचने-समझने का काम करते हैं, उनमें समस्याएं होने लगती हैं. इसकी वजह से व्यक्ति अजीब-अजीब बातें करने लगता है, जो सुनने वालों को डरावनी या हंसी वाली लग सकती हैं. ये डिलीरियम (Delirium) कहलाता है, जिसमें इंसान को भ्रम होने लगता है और वो सच-झूठ में फर्क नहीं कर पाता.कुछ केस में लोग नाम तक भूल जाते हैं और कई बार जोर-जोर से बोलने लगते हैं.
तेज बुखार दिमाग पर कैसे असर डालता है
1. तेज बुखार (High Fever) से न्यूरोट्रांसमीटर्स में गड़बड़ी आ सकती है. इससे सोचने-समझने की क्षमता कुछ देर के लिए बिगड़ जाती है.
2. कुछ लोगों को तेज बुखार में ऐसा लगता है जैसे वो कुछ देख या सुन रहे हों जो असल में है ही नहीं. इसे फीवर डिलीरियम कहा जाता है.
तेज बुखार में कौन-कौन सी समस्याएं होती हैं
खुद से बात करना
कोई पुरानी याद बार-बार दोहराना
किसी को आवाज देना
अचानक डर जाना या चिल्लाना
कुछ दिखने का दावा करना जो मौजूद नहीं होता
कुछ भी बड़बड़ाना

कब हो जाएं अलर्ट
104°F से ज्यादा बुखार
लगातार बड़बड़ाना या जवाब ना देना
शरीर में झटके आना
भ्रम की स्थिति या चेतना में कमी
तेज बुखार होने पर क्या करना चाहिए
बुखार को जल्दी कंट्रोल करें
ठंडी पट्टी का इस्तेमाल करें
डॉक्टर की सलाह से सही दवा और डोज लें
आराम करें और ज्यादा से ज्यादा लिक्विड लें.
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तेज बुखार आने पर बड़बड़ाने क्यों लगते हैं लोग? जानें दिमाग पर कितना पड़ता है असर