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स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक 25 हजार से ज्यादा घरों का सर्वे किया गया था. इस सर्वे का साफ उद्देश्य था कि कितने लोग जीबीएस से संक्रमित मरीजों का पता लगाना. क्योंकि इसका इलाज काफी ज्यादा महंगा था.


इससे निजात पाने वाले के लिए जिस वैक्सीन का इस्तेमाल किया जाता है उसकी कीमत 20 हजार है. जीबीएस बीमारी से कमजोर इम्युनिटी वाले शख्स तुरंत बीमार पड़ जाते हैं.

यह बीमारी एक तरह का वायरल इंफेक्शन है. जिसके कारण शरीर के कुछ हिस्सों तक जो नसें संकेत देती है यह बीमारी उसी पर अटैक करता है. जिसके कारण इसके मरीज को कमजोरी और नसों में दिकक्त होने लगती है.

प्रत्येक इंजेक्शन की कीमत 20 हजार रुपये बताई गई थी. महाराष्ट्र सरकार ने इस बीमारी के लिए मुफ्त इलाज का ऐलान भी किया है.

3000-3500/एमएल और 2 मिली/किग्रा की खुराक में दिया जाता है. इसलिए, वयस्कों में इस तरह की थेरेपी की लागत आमतौर पर 2 लाख से अधिक होती है. दूसरी ओर, MCS+ और हेमोनेटिक्स किट का उपयोग करके प्लाज़्माफेरेसिस की लागत 1.4 लाख रुपये प्रति मरीज है.
Published at : 28 Jan 2025 09:31 AM (IST)
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