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फूड डिलीवरी करने वाली कंपनी जोमैटो को वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में 59 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है। हालांकि, सालाना आधार पर इसमें 57% की कमी आई है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी को 138 करोड़ रुपए का कॉन्सोलिडेटेड मुनाफा हुआ था।
अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में जोमैटो का ऑपरेशनल रेवेन्यू सालाना आधार पर 64% बढ़कर 5,405 करोड़ रुपए रहा। वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में जोमैटो ने 3,288 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिलने वाली राशि को रेवेन्यू या राजस्व कहा जाता है।
दूसरी तिमाही के मुकाबले 66% कम हुआ मुनाफा
दूसरी तिमाही के मुकाबले कंपनी का मुनाफा 66.47% कम हुआ है। जुलाई-सितंबर 2024 में कंपनी को 176 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। इस दौरान रेवेन्यू की बात करें तो इसमें 12.63% की तेजी रही। पिछली तिमाही में कंपनी ने 4799 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था।
कॉन्सोलिडेटेड मुनाफा मतलब पूरे ग्रुप का प्रदर्शन
कंपनियों के रिजल्ट दो भाग में आते हैं- स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड। स्टैंडअलोन में केवल एक यूनिट का वित्तीय प्रदर्शन दिखाया जाता है, जबकि कंसॉलिडेटेड या समेकित फाइनेंशियल रिपोर्ट में पूरी कंपनी की रिपोर्ट दी जाती है।
यहां, जोमैटो की ब्लिंकिट समेत 28 सब्सिडियरी, 1 ट्रस्ट और 1 एसोसिएट कंपनी हैं। इन सभी के फाइनेंशियल रिपोर्ट को मिलाकर कंसॉलिडेटेड कहा जाएगा। वहीं, अगर ब्लिंकिट के अलग रिजल्ट को स्टैंडअलोन कहा जाएगा।
एक महीने में 18% से ज्यादा गिरा जोमैटो का शेयर
तिमाही नतीजों के बाद जोमैटो के शेयर में बड़ी गिरावट देखने को मिली। सोमवार, 20 जनवरी को कंपनी का शेयर 7.27% गिरकर 230.70 के स्तर पर बंद हुआ। पिछले 5 दिन में जोमैटो का शेयर 1.64%, एक महीने में 18.22% और इस साल यानी 1 जनवरी से अब तक 16.56% गिरा है।
जबकि, बीते 6 महीने में 4.08% और एक साल में 77.33% का पॉजिटिव रिटर्न दिया है। कंपनी का मार्केट कैप 2.03 लाख करोड़ रुपए है, बीते 3 महीने में इसमें करीब 20 हजार करोड़ रुपए की गिरावट हुई है।
ब्लिंकिट को 103 करोड़ रुपए का लॉस, रेवेन्यू 117% बढ़ा
जोमैटो के क्विक कॉमर्स बिजनेस ब्लिंकिट को तीसरी तिमाही में 103 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। हालांकि कंपनी का रेवेन्यू पिछले साल के मुकाबले 117% और जुलाई-सितंबर तिमाही के मुकाबले 21% बढ़ा है।
वहीं, EBITDA की बात करें तो, पिछले साल के 48 करोड़ पॉजिटिव EBITDA की तुलना में मौजूदा वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 30 करोड़ रुपए निगेटिव रहा है।
नतीजों पर ब्लिंकिट ने बताया कि अक्टूबर-दिसंबर के दौरान कंपनी ने बिजनेस ग्रोथ के लिए इन्वेस्टमेंट किया है। कंपनी 2025 के आखिर तक 2000 स्टोर्स के मार्क को पार कर जाएगी। इस तिमाही में ब्लिंकिट ने 1,000 स्टोर्स का आंकड़ा पार कर लिया।
दीपिंदर ने 2008 में बनाई थी फूडीबे, फिर नाम बदल कर जोमैटो किया
- दीपिंदर गोयल और पंकज चड्ढा ने मिलकर साल 2008 में फूडीबे नाम से अपनी फूड डायरेक्टरी वेबसाइट लॉन्च की थी। केवल नौ महीनों में, FoodieBay दिल्ली एनसीआर में सबसे बड़ी रेस्तरां डायरेक्टरी बन गई।
- दो सक्सेसफुल साल के बाद 2010 में, कंपनी का नाम बदलकर जोमैटो कर दिया गया। दिल्ली-एनसीआर में अपनी सफलता के तुरंत बाद कंपनी ने पुणे, अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद जैसे शहरों में ब्रांच फैलानी शुरू कर दी।
- 2012 तक जोमैटो ने श्रीलंका, यूएई, कतर, दक्षिण अफ्रीका, यूके और फिलीपींस में अपनी सर्विसेज बढ़ाकर विदेशों में विस्तार करना शुरू कर दिया था। 2013 में न्यूजीलैंड, तुर्की और ब्राजील को इस लिस्ट में जोड़ा गया।
- जोमैटो देश का पहला फूडटेक यूनिकॉर्न है। 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा वैल्यू वाले स्टार्टअप को यूनिकॉर्न कहा जाता है। जोमैटो ने पहली बार फाइनेंशियल ईयर 2024 की पहली तिमाही में 2 करोड़ रुपए का मुनाफा दर्ज किया था।
- जोमैटो एक टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म है जो ग्राहकों, रेस्तरां पार्टनर्स और डिलीवरी पार्टनर्स को जोड़ता है। फूड डिलीवरी के अलावा ग्रॉसरी डिलीवरी के लिए जोमैटो के फाउंडर दीपिंदर गोयल ने अगस्त 2022 में ब्लिंकिट खरीदा था।
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फेस्टिव सीजन में जोमैटो ने प्लेटफॉर्म फीस 3 रुपए बढ़ाई: 7 रुपए से बढ़ाकर 10 रुपए की, शेयर करीब 3% चढ़कर 264 रुपए पर बंद
फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो ने फेस्टिव सीजन में प्लेटफॉर्म फीस 7 रुपए से बढ़ाकर 10 रुपए कर दी है। कंपनी ने ऐप नोटिफिकेशन में इसकी जानकारी दी।
कंपनी ने आज यानी 23 अक्टूबर को ऐप नोटिफिकेशन में कहा- ‘यह शुल्क हमें जोमैटो को चालू रखने के लिए अपने बिलों का भुगतान करने में मदद करेगा। त्योहारी सीजन के दौरान सर्विसेस को बनाए रखने के लिए, इसमें थोड़ी बढ़ोतरी की गई है।
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ब्लिंकिट एम्बुलेंस सर्विस, केंद्रीय मंत्री बोले-कानून का पालन करना होगा: 2 जनवरी को गुरुग्राम से शुरुआत हुई; 10 मिनट में मरीज तक पहुंचने का दावा
क्विक कॉमर्स सर्विस ब्लिंकिट ने 2 जनवरी को एम्बुलेंस सर्विस शुरू की। इस पर केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि ब्लिंकिट की एम्बुलेंस सर्विस के लिए क्विक कॉमर्स कंपनी को देश के कानून का पालन करना होगा। इसके अलावा अन्य कानूनी जरूरतों का भी ठीक ढंग से ध्यान रखा जाना चाहिए।
ब्लिंकिट के संस्थापक और CEO अलबिंदर ढींडसा ने X पोस्ट के जरिए घोषणा की कि गुरुवार को कंपनी की 5 एम्बुलेंस ने गुरुग्राम में सर्विस शुरू की। कंपनी करीब 10 मिनट में मरीज तक पहुंचने का दावा कर रही है।
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तीसरी तिमाही में जोमैटो का मुनाफा 57.25% कम हुआ: रेवेन्यू 64% बढ़कर ₹5,405 करोड़ रहा; नतीजों के बाद शेयर में 7% से ज्यादा की गिरावट