तनाव में पंजाब की अफसरशाही: छह माह में डीसीपी की पिटाई से लेकर डीसी के रोने तक के मामलों से अधिकारी आहत


जालंधर में स्टाफ नर्सों से अभद्रता मामले में बात करते विधायक रमन अरोड़ा।

जालंधर में स्टाफ नर्सों से अभद्रता मामले में बात करते विधायक रमन अरोड़ा।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी।

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पंजाब में आम आदमी पार्टी को सत्ता संभाले हुए छह माह से अधिक का समय हो चुका है। इस दौरान अफसरशाही के साथ घटने वाली घटनाओं ने तमाम ब्यूरोक्रेट्स के चेहरे पर शिकन पैदा कर दी है। हाल ही में 72 घंटे में तीन बड़ी घटनाओं से अधिकारियों में खलबली मची हुई है। जालंधर में डीसीपी नरेश डोगरा की पिटाई हो या फरीदकोट की डिप्टी कमिश्नर रूही दुग्ग के साथ विधायक की पत्नी के दुर्व्यवहार और शनिवार को कपूरथला में थानेदार जतिंदर सिंह बीच बाजार अपमानित करने की घटनाओं ने अफसरशाही में तनाव का माहौल पैदा कर दिया है। अब आम आदमी पार्टी में मंथन शुरू हो चुका है कि अफसरशाही व विधायकों के बीच तालमेल को अच्छा कैसे बनाया जाए?

सीएम ने विधायकों को व्यवहार अच्छा करने के लिए कहा है : कंग

आप के प्रवक्ता मालविंदर सिंह कंग का कहना है कि सीएम भगवंत मान लगातार प्रयास कर रहे हैं कि विधायकों व पार्टी नेताओं का अधिकारियों के प्रति व्यवहार अच्छा हो। क्योंकि एक विधायक के व्यवहार को जनता देखती है और उस पर चर्चा भी होती है। कुछ शिकायतें आई थीं, जिसको लेकर सीएम भगवंत मान ने पिछले दिनों विधायकों की बैठक बुलाकर इस पर अपनी राय दी है और तमाम विधायकों को समझाया भी है। कुछ मामलों में तो था कुछ भी नहीं, लेकिन विरोधी पक्ष ने हवा देकर खूब उछाला। बेवजह तूल देकर राजनीति की गई। आप सरकार जनता के साथ वादे कर सत्ता में आई है और भ्रष्टाचार को खत्म करना हमारी प्राथमिकता है, जिस तरफ तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसमें अधिकारियों का सहयोग जरूरी है।

सत्ता बदली है, तालमेल ठीक होगा : राजविंदर कौर

आप की स्टेट सचिव राजविंदर कौर थियाड़ा का कहना है कि सत्ता का बदलाव हुआ है, पहली बार नई पार्टी पंजाब में सत्तासीन हुई है। कुछ तालमेल का अभाव होता है, जिसको पूरा किया जाएगा। विधायकों को भी सीएम भगवंत मान समझा रहे हैं। कामकाज का तौर तरीका हरेक सरकार का अपना होता है। लेकिन इतना साफ है कि आप सरकार करप्शन पर चोट कर रही है। ईमानदार अधिकारियों को डरने की कोई जरूरत नहीं है। अधिकारियों, वर्करों और विधायकों में तालमेल आगे अच्छा मिलेगा, जिसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

विवाद

1. एसएसपी होशियारपुर निंबले को अप्रैल माह में बदल दिया गया। उन्होंने माइनिंग माफिया से जुड़े गुंडा टैक्स का रैकेट पकड़ा था और 1.53 करोड़ बरामद किए थे। भगवंत मान सरकार ने उन्हें होशियारपुर से बदलकर मुक्तसर में लगाया, जिसके बाद परगट सिंह सहित अन्य कई विरोधियों ने आप सरकार पर सवाल उठाकर कटघरे में खड़ा किया।
2. जुलाई में बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के कुलपति डॉ. राज बहादुर को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने फंगस वाले बिस्तर पर लिटाया गया, जिसका वीडियो वायरल हुआ और राजबहादुर ने वीसी के पद से इस्तीफा दे दिया।
3. पंजाब के एडवोकेट जनरल अनमोल रत्न सिद्धू ने भी जुलाई में इस्तीफा दे दिया। सूत्रों के मुताबिक लॉ अफसरों की नियुक्ति को लेकर एडवोकेट सिद्धू और सरकार के बीच कोई मतभेद हुआ था। एडवोकेट सिद्धू जिनकी नियुक्ति चाहते थे, उस पर सरकारी अफसर कोई रोड़ा अटका रहे थे।
4. अप्रैल में एसएसपी फरीदकोट बनने वाली अवनीत कौर सिद्धू का तबादला तीन माह में ही मलेरकोटला कर दिया गया। विधायक के साथ उनकी अनबन हो गई थी, जिसको लेकर काफी बवाल हुआ।
5. डीसीपी नरेश डोगरा का विधायक रमन अरोड़ा के साथ पंगा हुआ, डीसीपी की जमकर पिटाई हुई और उसका वीडियो भी वायरल हुआ। डीसीपी का पीएपी तबादला कर दिया गया।
 6. विधायक के भाई राजन अंगुराल का वीडियो वायरल हुआ। जालंधर सिविल अस्पताल की चिकित्सक डॉ. हरवीन कौर ने धमकाने व ड्यूटी में बाधा डालने का आरोप लगाकर शिकायत की। 
7. डीसी फरीदकोट रूही को फरीदकोट के विधायक गुरदित्त सिंह सेखों की पत्नी बेअंत कौर ने तमाम अधिकारियों के बीच जलील किया। जिसके बाद डीसी रूही रोती हुई कार्यक्रम छोड़कर घर चली गईं। वहां मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा भी मौजूद थे।
8. विधायक शीतल अंगुराल का विवाद जालंधर के एडीसी मेजर अमित सरीन के साथ हो गया। डीसी के कमरे में खड़े होकर एडीसी को कहना पड़ा कि उनको गोली मार दी जाए। 
9. जुलाई में लुधियाना में विधायक राजिंदर पाल कौर छिन्ना व एसीपी ज्योति के बीच विवाद हो गया। वीडियो वायरल हुआ, जिसमें विधायक का कहना था कि उनके इलाके में दबिश से पहले उनको सूचना क्यों नहीं दी गई। दोनों के बीच तीखी बहस भी हुई।
10. शनिवार को कपूरथला में दबिश देने पहुंची जालंधर की पुलिस टीम को कपूरथला में आप की नेत्री मंजू राणा ने घेर लिया। पुलिस न तो आरोपी को गिरफ्तार कर पाई और न ही चोरी के माल की रिकवरी हुई।

विस्तार

पंजाब में आम आदमी पार्टी को सत्ता संभाले हुए छह माह से अधिक का समय हो चुका है। इस दौरान अफसरशाही के साथ घटने वाली घटनाओं ने तमाम ब्यूरोक्रेट्स के चेहरे पर शिकन पैदा कर दी है। हाल ही में 72 घंटे में तीन बड़ी घटनाओं से अधिकारियों में खलबली मची हुई है। जालंधर में डीसीपी नरेश डोगरा की पिटाई हो या फरीदकोट की डिप्टी कमिश्नर रूही दुग्ग के साथ विधायक की पत्नी के दुर्व्यवहार और शनिवार को कपूरथला में थानेदार जतिंदर सिंह बीच बाजार अपमानित करने की घटनाओं ने अफसरशाही में तनाव का माहौल पैदा कर दिया है। अब आम आदमी पार्टी में मंथन शुरू हो चुका है कि अफसरशाही व विधायकों के बीच तालमेल को अच्छा कैसे बनाया जाए?

सीएम ने विधायकों को व्यवहार अच्छा करने के लिए कहा है : कंग

आप के प्रवक्ता मालविंदर सिंह कंग का कहना है कि सीएम भगवंत मान लगातार प्रयास कर रहे हैं कि विधायकों व पार्टी नेताओं का अधिकारियों के प्रति व्यवहार अच्छा हो। क्योंकि एक विधायक के व्यवहार को जनता देखती है और उस पर चर्चा भी होती है। कुछ शिकायतें आई थीं, जिसको लेकर सीएम भगवंत मान ने पिछले दिनों विधायकों की बैठक बुलाकर इस पर अपनी राय दी है और तमाम विधायकों को समझाया भी है। कुछ मामलों में तो था कुछ भी नहीं, लेकिन विरोधी पक्ष ने हवा देकर खूब उछाला। बेवजह तूल देकर राजनीति की गई। आप सरकार जनता के साथ वादे कर सत्ता में आई है और भ्रष्टाचार को खत्म करना हमारी प्राथमिकता है, जिस तरफ तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसमें अधिकारियों का सहयोग जरूरी है।

सत्ता बदली है, तालमेल ठीक होगा : राजविंदर कौर

आप की स्टेट सचिव राजविंदर कौर थियाड़ा का कहना है कि सत्ता का बदलाव हुआ है, पहली बार नई पार्टी पंजाब में सत्तासीन हुई है। कुछ तालमेल का अभाव होता है, जिसको पूरा किया जाएगा। विधायकों को भी सीएम भगवंत मान समझा रहे हैं। कामकाज का तौर तरीका हरेक सरकार का अपना होता है। लेकिन इतना साफ है कि आप सरकार करप्शन पर चोट कर रही है। ईमानदार अधिकारियों को डरने की कोई जरूरत नहीं है। अधिकारियों, वर्करों और विधायकों में तालमेल आगे अच्छा मिलेगा, जिसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

विवाद

1. एसएसपी होशियारपुर निंबले को अप्रैल माह में बदल दिया गया। उन्होंने माइनिंग माफिया से जुड़े गुंडा टैक्स का रैकेट पकड़ा था और 1.53 करोड़ बरामद किए थे। भगवंत मान सरकार ने उन्हें होशियारपुर से बदलकर मुक्तसर में लगाया, जिसके बाद परगट सिंह सहित अन्य कई विरोधियों ने आप सरकार पर सवाल उठाकर कटघरे में खड़ा किया।

2. जुलाई में बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के कुलपति डॉ. राज बहादुर को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने फंगस वाले बिस्तर पर लिटाया गया, जिसका वीडियो वायरल हुआ और राजबहादुर ने वीसी के पद से इस्तीफा दे दिया।

3. पंजाब के एडवोकेट जनरल अनमोल रत्न सिद्धू ने भी जुलाई में इस्तीफा दे दिया। सूत्रों के मुताबिक लॉ अफसरों की नियुक्ति को लेकर एडवोकेट सिद्धू और सरकार के बीच कोई मतभेद हुआ था। एडवोकेट सिद्धू जिनकी नियुक्ति चाहते थे, उस पर सरकारी अफसर कोई रोड़ा अटका रहे थे।

4. अप्रैल में एसएसपी फरीदकोट बनने वाली अवनीत कौर सिद्धू का तबादला तीन माह में ही मलेरकोटला कर दिया गया। विधायक के साथ उनकी अनबन हो गई थी, जिसको लेकर काफी बवाल हुआ।

5. डीसीपी नरेश डोगरा का विधायक रमन अरोड़ा के साथ पंगा हुआ, डीसीपी की जमकर पिटाई हुई और उसका वीडियो भी वायरल हुआ। डीसीपी का पीएपी तबादला कर दिया गया।

 6. विधायक के भाई राजन अंगुराल का वीडियो वायरल हुआ। जालंधर सिविल अस्पताल की चिकित्सक डॉ. हरवीन कौर ने धमकाने व ड्यूटी में बाधा डालने का आरोप लगाकर शिकायत की। 

7. डीसी फरीदकोट रूही को फरीदकोट के विधायक गुरदित्त सिंह सेखों की पत्नी बेअंत कौर ने तमाम अधिकारियों के बीच जलील किया। जिसके बाद डीसी रूही रोती हुई कार्यक्रम छोड़कर घर चली गईं। वहां मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा भी मौजूद थे।

8. विधायक शीतल अंगुराल का विवाद जालंधर के एडीसी मेजर अमित सरीन के साथ हो गया। डीसी के कमरे में खड़े होकर एडीसी को कहना पड़ा कि उनको गोली मार दी जाए। 

9. जुलाई में लुधियाना में विधायक राजिंदर पाल कौर छिन्ना व एसीपी ज्योति के बीच विवाद हो गया। वीडियो वायरल हुआ, जिसमें विधायक का कहना था कि उनके इलाके में दबिश से पहले उनको सूचना क्यों नहीं दी गई। दोनों के बीच तीखी बहस भी हुई।

10. शनिवार को कपूरथला में दबिश देने पहुंची जालंधर की पुलिस टीम को कपूरथला में आप की नेत्री मंजू राणा ने घेर लिया। पुलिस न तो आरोपी को गिरफ्तार कर पाई और न ही चोरी के माल की रिकवरी हुई।

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