ड्यूल डेस्क पर बैठकर पढ़ाई करेंगे सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी


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माई सिटी रिपोर्टर
करनाल। राजकीय स्कूलों के विद्यार्थी अब ड्यूल डेस्क (बैंच) पर बैठकर पढ़ाई करेंगे। किसी भी विद्यार्थी को अब टाट-पट्टी या दरी पर बैठकर कक्षा नहीं लगानी पड़ेगी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर शिक्षा विभाग की ओर से राजकीय स्कूलों को टाट-पट्टी से मुक्त करने की कवायद शुरू होगी। विभाग की योजना के अनुसार इस विशेष प्रोजेक्ट की शुरुआत प्रदेश में सीएम सिटी करनाल से की जाएगी।
विभाग की ओर से सबसे पहले करनाल खंड के स्कूलों को टाट मुक्त करने का निर्णय लिया गया है। खंड के करीब 200 स्कूलों में शुरुआती चरण में ड्यूल डेस्क मिलेंगे। इसके लिए मुख्यालय की ओर विशेष रूप से बजट भी जारी किया गया है। बजट और सैंपल के आधार पर स्थानीय बाजार से स्कूल खुद डेस्क खरीदेंगे। इस कार्य में स्कूल मुखिया का स्कूल प्रबंधन कमेटी (एसएमसी) मदद करेगी। विभाग की ओर से 400 रुपये प्रति बैंच के हिसाब से करीब सवा छह लाख रुपये का बजट जारी किया गया है।
सात हजार बैंच की जरूरत
खंड के कई स्कूल ऐसे हैं, जहां आधे से ज्यादा विद्यार्थी जमीन पर बैठकर कक्षाएं लगाते हैं। अधिकारियों के अनुसार करीब सात हजार बैंच की जरूरत है। कई स्कूल ऐसे हैं जहां 20 से 30 बैंच की जरूरत है। वहीं कई स्कूल ऐसे भी हैं, जहां 200 से ज्यादा बैंच भेजे जाने हैं। ऐसे में फिलहाल छात्र संख्या के हिसाब से जरूरत को देखते हुए स्कूल वाइज रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
चार हजार कंडम बैंच किए जाएंगे ठीक
स्कूलों से मिली रिपोर्ट के प्राथमिक आंकड़ों के अनुसार खंड के 200 स्कूलों में चार हजार से ज्यादा बैंच कंडम स्थिति में हैं। जिन्हें कबाड़ या खाली जगह पर रखा गया है। अधिकारियों के अनुसार नए बैंच लाने के साथ-साथ ऐसे बैंचों को भी ठीक किया जाएगा। जो भी हिस्सा खराब होगा, उसे बदलकर बैंच को इस्तेमाल करने लायक बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देश पर स्कूलों में ड्यूल डेस्क लगाए जाएंगे। करनाल खंड से इस खास प्रोजेक्ट की शुरुआत होगी। नए ड्यूल डेस्क कैसे खरीदने हैं, इसके लिए मुख्यालय की ओर से सैंपल भी भेजा जाएगा। किस स्कूल में कितने बैंच की जरूरत है, इसकी रिपोर्ट मांगी गई है। सवा छह लाख रुपये का बजट जारी हो चुका है।
– रोहताश वर्मा, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी

माई सिटी रिपोर्टर

करनाल। राजकीय स्कूलों के विद्यार्थी अब ड्यूल डेस्क (बैंच) पर बैठकर पढ़ाई करेंगे। किसी भी विद्यार्थी को अब टाट-पट्टी या दरी पर बैठकर कक्षा नहीं लगानी पड़ेगी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर शिक्षा विभाग की ओर से राजकीय स्कूलों को टाट-पट्टी से मुक्त करने की कवायद शुरू होगी। विभाग की योजना के अनुसार इस विशेष प्रोजेक्ट की शुरुआत प्रदेश में सीएम सिटी करनाल से की जाएगी।

विभाग की ओर से सबसे पहले करनाल खंड के स्कूलों को टाट मुक्त करने का निर्णय लिया गया है। खंड के करीब 200 स्कूलों में शुरुआती चरण में ड्यूल डेस्क मिलेंगे। इसके लिए मुख्यालय की ओर विशेष रूप से बजट भी जारी किया गया है। बजट और सैंपल के आधार पर स्थानीय बाजार से स्कूल खुद डेस्क खरीदेंगे। इस कार्य में स्कूल मुखिया का स्कूल प्रबंधन कमेटी (एसएमसी) मदद करेगी। विभाग की ओर से 400 रुपये प्रति बैंच के हिसाब से करीब सवा छह लाख रुपये का बजट जारी किया गया है।

सात हजार बैंच की जरूरत

खंड के कई स्कूल ऐसे हैं, जहां आधे से ज्यादा विद्यार्थी जमीन पर बैठकर कक्षाएं लगाते हैं। अधिकारियों के अनुसार करीब सात हजार बैंच की जरूरत है। कई स्कूल ऐसे हैं जहां 20 से 30 बैंच की जरूरत है। वहीं कई स्कूल ऐसे भी हैं, जहां 200 से ज्यादा बैंच भेजे जाने हैं। ऐसे में फिलहाल छात्र संख्या के हिसाब से जरूरत को देखते हुए स्कूल वाइज रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

चार हजार कंडम बैंच किए जाएंगे ठीक

स्कूलों से मिली रिपोर्ट के प्राथमिक आंकड़ों के अनुसार खंड के 200 स्कूलों में चार हजार से ज्यादा बैंच कंडम स्थिति में हैं। जिन्हें कबाड़ या खाली जगह पर रखा गया है। अधिकारियों के अनुसार नए बैंच लाने के साथ-साथ ऐसे बैंचों को भी ठीक किया जाएगा। जो भी हिस्सा खराब होगा, उसे बदलकर बैंच को इस्तेमाल करने लायक बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देश पर स्कूलों में ड्यूल डेस्क लगाए जाएंगे। करनाल खंड से इस खास प्रोजेक्ट की शुरुआत होगी। नए ड्यूल डेस्क कैसे खरीदने हैं, इसके लिए मुख्यालय की ओर से सैंपल भी भेजा जाएगा। किस स्कूल में कितने बैंच की जरूरत है, इसकी रिपोर्ट मांगी गई है। सवा छह लाख रुपये का बजट जारी हो चुका है।

– रोहताश वर्मा, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी

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