in

डॉ. चन्द्रकान्त लहारिया का कॉलम: मामूली बीमारियों के लिए भी हम स्पेशलिस्ट के पास क्यों जाते हैं? Politics & News

डॉ. चन्द्रकान्त लहारिया का कॉलम:  मामूली बीमारियों के लिए भी हम स्पेशलिस्ट के पास क्यों जाते हैं? Politics & News

[ad_1]

  • Hindi News
  • Opinion
  • Dr. Chandrakant Lahariya’s Column Why Do We Go To A Specialist Even For Minor Illnesses?

1 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

डॉ. चन्द्रकान्त लहारिया, जाने माने चिकित्सक

जयपुर के 42 साल के आईटी प्रोफेशनल शैलेश को कुछ हफ्तों से कभी-कभार गर्दन और कंधे का दर्द था। फिर एक दिन वही दर्द बाएं हाथ में भी महसूस हुआ। युवा लोगों में दिल के दौरे के बारे में मीडिया रिपोर्टों से चिंतित उनकी पत्नी उन्हें एक कार्डियोलॉजिस्ट के पास ले पहुंची, जिन्होंने ईसीजी और फिर इको कराया, जिसमें कुछ नहीं निकला।

हृदयरोग विशेषज्ञ ने उन्हें रक्त की जांच की सलाह के साथ कुछ दवाएं लिखी और आर्थोपेडिक डॉक्टर के साथ एक रेफरल की सलाह दी। हड्डियों के डॉक्टर ने कंधे और सर्वाइकल स्पाइन का एमआरआई करवाया, जो नॉर्मल निकला। उन्हें फिजियोथेरेपी कराने, कुछ मल्टीविटामिन लेने और किसी न्यूरोलॉजिस्ट से परामर्श का सुझाव दिया गया।

शैलेश का पहले से ही बहुत पैसा खर्च हो गया था, इसलिए अब उन्होंने एक जनरल फिजिशियन के पास जाने का निर्णय लिया। उन्हें दर्द से राहत देने वाली दवाएं लेने और कुर्सी पर बैठकर काम करने के तरीकों में बदलाव की सलाह दी गई। कुछ दिनों में दर्द बंद हो गया और शैलेश अब पूरी तरह ठीक थे।

यह वृत्तांत भारतीय स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की वर्तमान स्थिति का एक प्रतिबिम्ब है, जहां आम बीमारियों के लिए भी मरीज अक्सर विशेषज्ञ डॉक्टरों के पास पहुंचते हैं। उच्च रक्तचाप है तो कार्डियोलॉजिस्ट या शुगर के लिए एंडोक्रिनोलोजिस्ट के पास जाना आम बात सी हो गई है।

सुपर-स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की ट्रेनिंग कुछ ऐसी होती है कि वो दुर्लभ बीमारी तो ढूंढ लेते हैं, लेकिन उनसे मामूली बीमारी छूट सकती है। फिर विशेषज्ञ डॉक्टर मरीज का अपने अनुभव और नजरिए के आधार पर इलाज करते हैं, जो कई बार उसी विषय के दूसरे डॉक्टरों से पूरी तरह अलग हो सकता है।

इस स्थिति को कभी-कभी चिकित्सा देखभाल में राशोमान प्रभाव भी कहा जाता है। ‘राशोमान’ अकीरा कुरोसावा द्वारा निर्देशित फिल्म का शीर्षक है, जिसमें एक दृश्य को अलग-अलग किरदार दूसरे से बिलकुल अलग तरीके से वर्णित करते हैं।

ऐसा क्यों होता है? रिसर्च बताती है कि समाज का हर व्यक्ति- जिनमें डॉक्टर भी शामिल हैं- में कुछ संज्ञानात्मक पूर्वग्रह या कॉग्निटिव बायस होते हैं। मेडिकल जर्नल बीएमसी मेडिकल इंफॉर्मेशन में 2016 और फिर 2023 में जर्नल इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित शोधों में निष्कर्ष निकला कि तीन प्रकार के संज्ञानात्मक पूर्वग्रह- उपलब्धता, पुष्टि और एंकरिंग- खास तौर से विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा निर्णय लेने को प्रभावित करते हैं।

देखा गया है कि विशेषज्ञ डॉक्टर अपनी क्लीनिकल क्षमताओं का अधिक आकलन करते हैं जो ओवर-प्रिस्क्रिप्शन का कारण बनती है। जबकि सच यह है कि उनके पास सिर्फ चुनिंदा बीमारियों के बारे में गहराई से ज्ञान होता है।

इसके विपरीत, जनरल फिजिशियन या गैर-विशेषज्ञ चिकित्सक को अधिकतर आम बीमारियों के बारे में विस्तृत जानकारी होती है, साथ ही इस बात की समझ भी होती है कि किस लक्षण के लिए और कब मरीज को किस स्पेशलिस्ट डॉक्टर को रेफर करना है।

ऐसे में, किसी भी बीमारी के प्रारंभिक चरण में अगर लोग जनरल फिजिशियन के पास जाएं तो इन संज्ञानात्मक पूर्वग्रहों और उनके परिणामस्वरूप होने वाले ओवर प्रिस्क्रिप्शन से बचा जा सकता है। अच्छी मेडिकल हिस्ट्री, हर रोगी के साथ पर्याप्त समय बिताना और स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट गाइडलाइन का पालन भी इलाज को एक सही दिशा देता है।

चिंता का विषय है कि भारत की चिकित्सा देखभाल प्रणाली तेजी से सुपर-स्पेशलिस्ट देखभाल की ओर बढ़ रही है। इसके विपरीत, यूके या थाईलैंड जैसे कई देशों में जनरल या प्राइमरी केयर फिजिशियन स्वास्थ्य सेवा का पहला संपर्क पॉइंट होते हैं। जनरल फिजिशियन के रेफरल के बिना किसी विशेषज्ञ से मिलने की अनुमति नहीं है।

यह समय और स्वास्थ्य संसाधनों के बेहतर उपयोग में मदद करता है। यह स्वास्थ्य सेवाओं का अनुचित उपयोग भी रोकता है और इलाज का खर्चा कम रखता है। अगर आपको कोई बीमारी है तो पहले जनरल फिजिशियन से परामर्श लें। यह कम लागत पर व्यक्ति के लिए अच्छा स्वास्थ्य सुनिश्चित करेगा। यह व्यक्ति और परिवार के लिए अच्छा है और राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य सेवा के खर्च को घटाएगा।

(ये लेखक के अपने विचार हैं)

खबरें और भी हैं…

[ad_2]
डॉ. चन्द्रकान्त लहारिया का कॉलम: मामूली बीमारियों के लिए भी हम स्पेशलिस्ट के पास क्यों जाते हैं?

शुभांशु शुक्ला मुस्कराए, तब मां को मिला सुकून:  लखनऊ में बोलीं- बेटे का दोबारा जन्म हुआ; VIDEO में देखिए एस्ट्रोनॉट कैसे बीतेंगे कुछ दिन – Uttar Pradesh News Today Tech News

शुभांशु शुक्ला मुस्कराए, तब मां को मिला सुकून: लखनऊ में बोलीं- बेटे का दोबारा जन्म हुआ; VIDEO में देखिए एस्ट्रोनॉट कैसे बीतेंगे कुछ दिन – Uttar Pradesh News Today Tech News

पंजाब दो दिन बारिश का येलो अलर्ट:  आज 6 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी, तापमान 1 डिग्री बढ़ा, 25 फीसदी कम बारिश रिकॉर्ड – Punjab News Chandigarh News Updates

पंजाब दो दिन बारिश का येलो अलर्ट: आज 6 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी, तापमान 1 डिग्री बढ़ा, 25 फीसदी कम बारिश रिकॉर्ड – Punjab News Chandigarh News Updates