in

डॉलर की चाह में दांव पर जिंदगी: डिपोर्ट होने वाले 16 युवा करनाल से, अब शर्म के कारण खुद को किया घरों में कैद Latest Haryana News

डॉलर की चाह में दांव पर जिंदगी: डिपोर्ट होने वाले 16 युवा करनाल से, अब शर्म के कारण खुद को किया घरों में कैद Latest Haryana News

[ad_1]

अमेरिका में डॉलर कमाने की चाह में युवाओं ने अपनी जिंदगी को भी दांव पर लगा दिया। डंकी मार्ग से अमेरिका पहुंचने के लिए उन्होंने अपनी जान को भी आफत में डाला। इधर, परिवार को बड़ा घर और अच्छे लाइफ स्टाइल के सपने को पूरा करने इस शार्टकट में छोटा घर और जमीन भी अब हाथ से निकल गई है।

अमेरिका से डिपोर्ट होकर पहुंचे भारतीय नागरिकों में 16 युवा करनाल जिले के हैं। इनमें ज्यादातर की हालत यह है कि अब वे और उनका परिवार घर में कैद है। जहां उन्हें लोगों के सामने शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है, वहीं कर्ज की देनदारी का डर भी सता रहा है।

करनाल पहुंचे युवाओं में ज्यादातर ऐसे हैं, जिनका एक साल तक जीवन अमेरिका की जेल में बीता। अब वहां के हालात बताते हुए परिवार की आंखों में भी आंसू हैं। क्योंकि बेटे को पूरे दिन में खाने के नाम पर केवल एक बर्गर ही मिलता था और वहां पहुंचने तक के सफर में ऐसा कई बार हुआ जब पीने को पानी भी दिन में एक बार ही नसीब हुआ।

कर्ज की स्थिति देखें तो किसी ने पिता की छोटी दुकान, मकान व अपने हिस्से की जमीन तक बेच दी तो किसी ने बच्चों की जिद के आगे 40 लाख रुपये तक का कर्ज उठाया। अब उन्हें यह समझ नहीं आ रहा कि वे आगे की जिंदगी कैसे गुजारेंगे और किस माध्यम से वे अपने कर्ज के बोझ को उतार पाएंगे। ऐसे में बेटों के विदेश में सेट होने की खुशी अब गम व पीड़ा में बदल गई है। ब्यूरो

केस-1

11 माह खाने को पूरे दिन में एक बर्गर मिला

असंध के पोपड़ा निवासी हुसन का परिवार अभी सदमे में है। परिवार ने खुद को दो दिन से घर में ही बंद कर रखा है और किसी से बात नहीं कर रहे। चाचा सलिंद्र ने बताया कि हुसन मैक्सिको के रास्ते अमेरिका गया था। एजेंटों ने तीन महीने तक दिल्ली में ही बैठाकर रखा। अमेरिका पहुंचने के बाद 11 महीने तक जेल में बंद रहा, इस दौरान खाने में पूरे दिन में केवल एक बर्गर ही मिलता था। चाचा बलिंद्र ने बताया कि भतीजे की विदेश जाने की जिद पर एक किला जमीन, कार, बाइक आदि बेचकर 45 लाख रुपये जुटाए गए थे। अब परिवार पर लाखों रुपये का कर्ज है, जिसे उतारने की चिंता सता रही है।

केस-2

10वीं करते ही जमीन बेचकर जुटाए 50 लाख रुपये

बस्तली गांव के युवक तुषार ने बताया कि वह असर कैराना पानीपत के एजेंट के माध्यम से डंकी पर अमेरिका गया था। 2023 में 10वीं पास करने के बाद अपने हिस्से की एक एकड़ जमीन बेचकर करीब 50 लाख रुपये जुटाए थे। अमेरिका पहुंचने के सफर के दौरान काफी परेशानियां झेलनी पड़ी, घनघोर जंगल के रास्ते से होते हुए बारिश में भी नदी और नाले पार कराए गए। जैसे तैसे अमेरिका पहुंचे, दीवार को पार करते ही अमेरिकी पुलिस ने बंदी बना लिए। परिवार में दादा, मां, बड़ा भाई, भाभी सहित पांच सदस्य परेशानी में हैं।

केस-3

पहले हलवाई पिता की दुकान फिर बिका मकान

संगोही निवासी रजत ने बताया कि 26 मई 2024 को 45 लाख रुपये खर्च करके अमेरिका गए थे। इसके लिए पिता की हलवाई की दुकान को बेचना पड़ा। दो दिसंबर को उन्होंने बार्डर पार किया थ। तब तक का समय उनका जंगलों में ही बीता। गांव के एजेंट के माध्यम से ही वे अमेरिका गए थे। रजत के भाई विशाल ने बताया कि बार्डर पार करने के बाद उन्होंने बाॅन्ड की अपील के लिए भी रुपये खर्च किए। तब उन्होंने अपना मकान बेचा। लेकिन परिवार के सपने अधूरे रह गए।

केस-4

11 महीने जंगल और आठ माह जेल में बीते

गांव बिलौना के गुरजंट ने बताया कि वे छह साल पहले जलमाना के एजेंट के माध्यम से एक किला जमीन बेचकर अमेरिका गए थे। इसके लिए 45 लाख रुपये खर्च किए थे। वहां पहुंचने में 11 महीने का समय लगा। इसके अलावा पकड़े जाने के बाद आठ माह जेल में रहे। इस दौरान कठोर यातनाएं दी गई। दिन में पीने को पानी का ही सहारा था। पिता की मौत के बाद घर के आर्थिक हालात सुधारने की जिम्मेदारी भी उनके ऊपर थी।

[ad_2]
डॉलर की चाह में दांव पर जिंदगी: डिपोर्ट होने वाले 16 युवा करनाल से, अब शर्म के कारण खुद को किया घरों में कैद

Extremist Islamist group kills Pakistani journalist for his pro-Israel comments Today World News

Extremist Islamist group kills Pakistani journalist for his pro-Israel comments Today World News

Mahendragarh-Narnaul News: सीलिंग प्लान के तहत चलाया वाहन चेकिंग अभियान, काटे चालान  haryanacircle.com

Mahendragarh-Narnaul News: सीलिंग प्लान के तहत चलाया वाहन चेकिंग अभियान, काटे चालान haryanacircle.com