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पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट का प्रतीकात्मक फोटो।
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एक मामले में आदेश दिया है कि डेरा सच्चा सौदा, सिरसा में अपनी मां की कथित अवैध हिरासत में रखी गई नाबालिग बच्ची की काउंसलिंग पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ द्वारा तत्काल करवाई जाए। जस्टिस सुभाष मेहला ने कहा कि बच्ची की कस्टडी से जु
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यह मामला गोवा निवासी पिता साइप्रियानो ब्रिट्टो की ओर से दायर हैबियस कार्पस याचिका से जुड़ा है। आरोप लगाया कि उसकी बेटी को उसकी मां ने डेरा सच्चा सौदा आश्रम, सिरसा में अवैध रूप से रोका हुआ है।
इस मामले की सुनवाई अब 9 सितंबर को होगी।
बच्ची को आश्रम से पेश करने की मांग
याचिका में यह भी कहा गया कि याचिका लंबित रहने के दौरान बच्ची को आश्रम से पेश किया जाए, क्योंकि यह संस्थान कई विवादों और आपराधिक मामलों में बदनाम रहा है। पिता ने कोर्ट से गुहार लगाई कि परिवार न्यायालय अधिनियम, 1984 की धारा 12 की भावना के तहत बच्ची को योग्य चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट से काउंसलिंग दिलाई जाए और उसकी भलाई, भावनात्मक स्थिति और सर्वोत्तम हितों पर विशेषज्ञ रिपोर्ट उपलब्ध करवाई जाए।
बेटी से नहीं कर पाए खुलकर बात
गोवा के रहने वाले याचिकाकर्ता पिता का कहना है कि अदालत से कई बार उन्हें बेटी की कस्टडी के आदेश मिले, लेकिन वह कभी अपनी बेटी से खुलकर बात तक नहीं कर पाए। डेरा सच्चा सौदा के हस्तक्षेप के कारण बच्ची को स्वतंत्र इच्छा से निर्णय लेने का अवसर नहीं मिला।
डेरा सच्चा सौदा की ओर से तर्क दिया गया कि याचिका में संस्था के खिलाफ कोई विशेष आरोप या राहत नहीं मांगी गई है, इसलिए इसे खारिज किया जाना चाहिए।
अब नौ सितंबर को होगी सुनवाई
हाईकोर्ट ने पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ को निर्देश दिया कि नियुक्त काउंसलर बच्ची की काउंसलिंग पूरी करने के बाद रिपोर्ट दाखिल करें और यदि आवश्यक हो तो माता-पिता से बातचीत के बाद यह बताएं कि बच्ची अपनी भलाई को समझने और पिता या मां के साथ रहने का निर्णय करने की स्थिति में है या नहीं। इस मामले की अगली सुनवाई 9 सितंबर को होगी।
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डेरा सच्चा सौदा आश्रम में मां की हिरासत में नाबालिग: हाईकोर्ट ने दिए काउंसलिंग के आदेश; पिता उठाएंगे खर्च, गोवा की रहने वाली – Haryana News