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जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड यानी ZEEL ने आज 18 सितंबर को एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि वो डिज्नी के मालिकाना हक वाली स्टार इंडिया के दावे को चुनौती देगी और अपने अधिकारों को सुरक्षित करेगी। स्टार इंडिया ने जी पर 940 मिलियन डॉलर (करीब 8 हजार करोड़ रुपए) के नुकसान की भरपाई के लिए केस फाइल किया है।
अब जी एंटरटेनमेंट ने स्टार इंडिया के इन दावों को आधारहीन बताया है। शेयरों की बात करें तो जी एंटरटेनमेंट के शेयर आज 1.35% की गिरावट के साथ 131.25 रुपए के भाव पर बंद हुए हैं। इंट्रा-डे में यह 131.00 रुपए के भाव तक टूट गया था।
करीब दो साल पहले 26 अगस्त 2022 को स्टार और जी के बीच मेन्स और अंडर-19 (U-19) के ग्लोबल इवेंट्स के लिए ICC टीवी राइट्स के लाइसेंस को लेकर एक समझौता हुआ था। यह समझौता वर्ष 2027 तक के लिए था।

जी ने स्टार इंडिया से 69 करोड़ रुपए वापस मांगे थे हालांकि, जब जी एंटरटेनमेंट और सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया के विलय पर बात बिगड़ी तो जी इस डील से भी पीछे हट गई। जी ने स्टार इंडिया को कहा कि एग्रीमेंट पर वह आगे नहीं बढ़ सकती है और इसने 69 करोड़ रुपए वापस मांग लिए। इसे लेकर स्टार ने 14 मार्च को जी के खिलाफ LCTA (लंदन कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ऑर्बिट्रेशन) में मुकदमा दायर कर दिया।
जी एंटरटेनमेंट का शेयर पिछले साल 12 दिसंबर 2024 को 299.50 रुपए पर था, जो इसके शेयर के लिए एक साल का रिकॉर्ड हाई है। इस लेवल से 7 महीने में यह करीब 58% टूटकर 4 जून 2024 को 126.15 रुपए पर आ गए, जो इसके शेयरों के लिए एक साल का निचला स्तर है। इस निचले स्तर से अब तक यह करीब 4% रिकवर हुआ है, लेकिन एक साल के हाई से अभी भी यह 56% डाउनसाइड है। कंपनी का मार्केट कैप 12.61 हजार करोड़ रुपए है।
मर्जर टर्मिनेशन विवाद सुलझा, दोनों कंपनियों के बीच एग्रीमेंट हुआ पिछले महीने अगस्त में जी ने कहा था कि उसने मर्जर के टर्मिनेशन को लेकर सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया के साथ सभी विवादों को निपटाने के लिए एक समझौता किया है। मीडिया फर्म ने स्टेटमेंट में कहा था, ‘एग्रीमेंट में जी और सोनी ने सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) में चल रही मध्यस्थता और नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) और अन्य मंचों में शुरू की गई सभी संबंधित कानूनी कार्यवाहियों में एक-दूसरे के खिलाफ सभी संबंधित दावों को वापस लेने पर सहमति व्यक्त की है।’
एग्रीमेंट से विवादों को सुलझाते हुए नॉन-कैश सेटलमेंट पर पहुंचे दोनों कंपनियों ने कहा था कि समझौते की शर्तों के तहत किसी भी पक्ष पर दूसरे के प्रति कोई बकाया या जारी दायित्व या देनदारी नहीं होगी। मर्जर कॉर्पोरेशन एग्रीमेंट से संबंधित सभी विवादों को सुलझाते हुए एक नॉन-कैश सेटलमेंट पर पहुंच गए हैं।
दोनों कंपनियों के बयान के अनुसार, ‘यह समझौता कंपनियों के बीच आपसी समझ से हुआ है, ताकि वे स्वतंत्र रूप से नए उद्देश्य के साथ भविष्य के विकास के अवसरों पर काम कर सकें। साथ ही अपने मीडिया और एंटरटेनमेंट बिजनेस पर फोकस कर सके, जो सभी विवादों के निर्णायक निष्कर्ष को दर्शाता है।’
23 मई को ZEE ने सोनी से ₹750 करोड़ टर्मिनेशन फीस मांगी थी इससे पहले 23 मई को जी एंटरटेनमेंट ने सोनी ग्रुप की कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट और बांग्ला एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड (BEPL) को टर्मिनेशन फीस के हिस्से के रूप में 90 मिलियन डॉलर का भुगतान करने को कहा था। जी एंटरटेनमेंट ने इस बात की जानकारी स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में दी थी।
जी एंटरटेनमेंट ने फाइलिंग में कहा था, ‘सोनी ग्रुप की इंडिया मीडिया यूनिट कल्वर मैक्स और BEPL मर्जर कॉरपोरेशन एग्रीमेंट (MCA) के तहत अपने दायित्वों का पालन करने में विफल रहे हैं। इसलिए, कंपनी ने MCA को समाप्त कर दिया है और कल्वर मैक्स और BEPL को MCA के अनुसार, टर्मिनेशन फीस यानी 90 मिलियन डॉलर (750 करोड़ रुपए) के बराबर कुल राशि का भुगतान करने के लिए कहा है।’
सोनी ने 22 जनवरी को डील खत्म करने की घोषणा की थी अपने प्रपोज्ड मर्जर की घोषणा के दो साल से ज्यादा समय के बाद सोनी ने 22 जनवरी को डील को खत्म करने की घोषणा की थी। वहीं सोनी ने ZEEL पर क्लोजिंग पीरियड को एक महीने बढ़ाने के बाद भी क्लोजिंग कंडीशंस को पूरा नहीं करने का आरोप भी लगाया था। हालांकि, ZEEL का कहना है कि वह अधिकांश शर्तों को पूरा करने को तैयार है।
NCLT की मुंबई बेंच ने 10 अगस्त 2023 को सोनी ग्रुप की एंटिटीज कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट और BEPL के साथ ZEEL के मर्जर की स्कीम को मंजूरी दी थी। इस डील के पूरा होने के बाद 10 बिलियन डॉलर (83,277 करोड़ रुपए) की एक मीडिया यूनिट बन सकती थी।
जी ने मर्जर डील पर 432 करोड़ रुपए खर्च किए थे रेगुलेटरी फाइलिंग के अनुसार, जी एंटरटेनमेंट ने सोनी ग्रुप कॉर्पोरेशन की इंडिया मीडिया यूनिट कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट के साथ अपनी फेल मर्जर डील पर 2023-24 और 2022-23 के दौरान मर्जर से जुड़ी लागत में 432 करोड़ रुपए खर्च किए थे।
सोनी ग्रुप कॉर्पोरेशन ने कहा था कि ZEEL मर्जर की शर्तों को पूरा करने में विफल रहा और उसने सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) के समक्ष मध्यस्थता कार्यवाही भी शुरू की। जिसमें टर्मिनेशन फीस के रूप में 90 मिलियन डॉलर का दावा किया गया था।

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डिज्नी की स्टार इंडिया के दावे को चुनौती देगी ZEE: स्टार ने जी पर करीब 8 हजार करोड़ रुपए के नुकसान की भरपाई के लिए केस फाइल किया