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ट्रम्प से मिलेंगे सीरियाई राष्ट्रपति अल-शरा: अमेरिका ने आतंकी माना, सिर पर 84 करोड़ का इनाम था, अब UN ने भी आतंकी का टैग हटाया Today World News

ट्रम्प से मिलेंगे सीरियाई राष्ट्रपति अल-शरा:  अमेरिका ने आतंकी माना, सिर पर 84 करोड़ का इनाम था, अब UN ने भी आतंकी का टैग हटाया Today World News

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वॉशिंगटन डीसी3 मिनट पहले

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इस साल मई में सऊदी अरब में ट्रम्प ने अल-शरा से मुलाकात की थी।

सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल-शरा आज अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से व्हाइट हाउस में मुलाकात करेंगे। वे रविवार को वॉशिंगटन पहुंच चुके हैं। दोनों नेताओं की इस साल यह दूसरी मुलाकात है। इससे पहले मई 2025 में दोनों नेता सऊदी अरब में मिले थे।

अलकायदा से जुड़े अल-शरा को अमेरिका ने 2013 में आतंकी घोषित किया था। उन पर 10 मिलियन डॉलर यानी लगभग 84 करोड़ रुपए का इनाम था। अल-शरा ने पिछले साल दिसंबर में सीरिया में तख्तापलट किया था। वे इस साल 29 जनवरी को सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति बने।

2 दिन पहले 7 नवंबर को अमेरिका ने उन्हें आतंकी लिस्ट से हटा दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता टॉमी पिगॉट ने कहा था कि शरा की सरकार ने लापता अमेरिकियों की तलाश और हथियार नष्ट करने जैसे अमेरिकी शर्तें पूरी कीं। इसलिए उन्हें सूची से हटाया गया।।

अगले ही दिन संयुक्त राष्ट्र ने भी ऐसा ही किया। उन पर रखा इनाम भी पिछले साल दिसंबर में हटा लिया गया था।

1946 में सीरिया की आजादी के बाद यह किसी सीरियाई राष्ट्रपति की अमेरिका की पहली आधिकारिक यात्रा है।

1946 में सीरिया की आजादी के बाद यह किसी सीरियाई राष्ट्रपति की अमेरिका की पहली आधिकारिक यात्रा है।

ISIS के खिलाफ सहयोग, सीरिया पुनर्निर्माण पर बात संभव

शरा के अमेरिकी दौरे के दौरान कई अहम समझौते होने की उम्मीद है। अहमद अल-शरा के नेतृत्व में सीरिया ISIS के खिलाफ अमेरिका का साथ देने का ऐलान कर सकते हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका दमिश्क के पास सैन्य अड्डा बनाएगा, जहां मानवीय सहायता और सीरिया-इजराइल स्थिति पर नजर रखी जाएगी।

इस बैठक में कई दूसरों मुद्दों पर बात होने की उम्मीद है, जो अमेरिका-सीरिया संबंधों को बेहतर बनाने और मध्य पूर्व में स्थिरता बढ़ाने पर जोर देंगी।

  • ISIS के खिलाफ सहयोग: सीरिया को अमेरिकी-नीति ‘ग्लोबल कोएलिशन टू डिफीट ISIS’ में शामिल करने पर एक समझौते पर हस्ताक्षर। यह अल शरा के साथ अमेरिका की ‘रीअल-पॉलिटिक’ (व्यावहारिक कूटनीति) का हिस्सा है, जो क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करने का मोटिव रखता है।
  • पुनर्निर्माण: 13 साल के सीरियाई गृहयुद्ध (2011-2024) से क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण पर चर्चा, 216 अरब डॉलर की मदद मांग सकते हैं। अमेरिका सीरिया को सहायता देने की दिशा में कदम उठा सकता है।
  • प्रतिबंधों में ढील: अमेरिकी प्रतिबंधों (जैसे सीजर एक्ट) को धीरे-धीरे हटाने की कोशिश। अल शरा ने संयुक्त राष्ट्र में अपनी स्पीच में इनकी पूरी तरह समाप्ति की मांग की है, ताकि सीरियाई जनता पर बोझ कम हो।
  • इजराइल के साथ समझौता: इजराइल-सीरिया सीमा सुरक्षा समझौते की दिशा में कदम, जिसमें अमेरिका मध्यस्थता करेगा। यह पांचवें दौर की डायरेक्ट बातचीत का आधार बनेगा, जो 2025 के अंत तक होनी है। साथ ही, अब्राहम समझौते के विस्तार पर भी बातचीत हो सकती है।

25 साल बाद अमेरिकी प्रेसिडेंट से मिले थे सीरियाई राष्ट्रपति

सऊदी अरब में मई में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अल-शरा से मुलाकात की थी। इस दौरान ट्रम्प ने सीरिया पर लगे कई प्रतिबंध हटाने का आदेश दिया था। दरअसल, अमेरिका ने असद सरकार को कमजोर करने के लिए पैसे के लेनदेन समेत तेल, गैस, बैंकिंग और सैन्य सामान पर रोक लगा दी थी।

इस प्रतिबंध ने सीरिया को दुनिया से आर्थिक, राजनीतिक और तकनीकी रूप से काफी हद तक काट दिया गया था। अमेरिकी संसद ने 2019 में सीरिया पर सख्त प्रतिबंधों के लिए कानून बनाया था।

हालांकि इस कानून में यह प्रावधान था कि अमेरिकी राष्ट्रपति राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए इन प्रतिबंधों को हटा सकते हैं। राष्ट्रपति ट्रम्प ने इसी अधिकार का इस्तेमाल करते हुए सभी बैन हटा दिए।

25 साल के बाद यह पहला मौका था जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने सीरियाई राष्ट्रपति से मुलाकात की हो। इससे पहले 2000 में जेनेवा (स्विट्जरलैंड) में अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और सीरिया के तत्कालीन राष्ट्रपति हाफिज अल-असद (बशर अल-असद के पिता) के बीच मुलाकात हुई थी।

ट्रम्प के साथ सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल-शरा (दाएं)। इस मुलाकात के दौरान सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (बाएं) भी मौजूद थे।

ट्रम्प के साथ सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल-शरा (दाएं)। इस मुलाकात के दौरान सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (बाएं) भी मौजूद थे।

अल-जुलानी के नाम से जाना जाते थे अल-शरा

अहमद अल-शरा ने 2003 में मेडिकल की पढ़ाई छोड़ अल कायदा नेताओं के संपर्क में आए। उन्हें अमेरिकी सेना ने 2005 में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जेल से छूटने के बाद अल-शरा ने अल कायदा की सीरिया शाखा जबात अल-नुस्र का गठन किया।

2016 में वह अल कायदा से अलग हो गए और हयात तहरीर अल-शाम (HTS) की स्थापना की। दिसंबर 2024 में बशर अल-असद के पतन के बाद जुलानी ने सत्ता संभाली। इसके बाद दुनिया को उनके असली नाम का पता चला।

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