in

ट्रम्प बोले- हम चीन से अच्छा सौदा करने जा रहे: कोई भी हमसे मुकाबला नहीं कर सकता; कल चीन पर लगाया 245% टैरिफ Today World News

ट्रम्प बोले- हम चीन से अच्छा सौदा करने जा रहे:  कोई भी हमसे मुकाबला नहीं कर सकता; कल चीन पर लगाया 245% टैरिफ Today World News

[ad_1]

वॉशिंगटन DC1 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को कहा कि हम चीन के साथ बहुत अच्छा सौदा करने जा रहे हैं। जब ट्रम्प से पूछा गया कि क्या अमेरिका को इस बात से परेशान होना चाहिए कि उसके सहयोगी चीन के करीब आ रहे हैं, इस पर उन्होंने कहा- नहीं।

ट्रम्प ने कहा कि कोई भी हमसे मुकाबला नहीं कर सकता। मुझे लगता है कि हम चीन के साथ बहुत अच्छा सौदा करने जा रहे हैं। ट्रम्प ने दावा किया कि चीन अमेरिका के साथ बैठक करने को तैयार है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि कल मेक्सिको के राष्ट्रपति के साथ बहुत ही अच्छी बातचीत हुई। इसी तरह, मैंने जापान के बिजनेस प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की। चीन समेत हर देश हमसे मिलना चाहता है।

चीन पर लगाया था बोइंग सौदे से मुकरने का आरोप व्हाइट हाउस ने मंगलवार को कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प का मानना ​​है कि अमेरिका नहीं बल्कि चीन को बातचीत की टेबल पर आना है। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने बीजिंग पर बोइंग के एक बड़े सौदे से मुकरने का आरोप लगाया था।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने ट्रम्प के हवाले से कहा कि गेंद चीन के पाले में है। चीन को हमारे साथ समझौता करने की जरूरत है। हमें उनके साथ समझौता करने की जरूरत नहीं है।

चीन ने कहा था- अमेरिका के साथ ट्रेड वॉर से नहीं डरते अमेरिका ने कल चीन पर टैरिफ को बढ़ाकर 245% कर दिया है। चीन ने कहा कि हम अमेरिका के साथ ट्रेड वॉर करने से नहीं डरते। चीन ने दोबारा कहा कि अमेरिका को बातचीत करनी चाहिए। इससे पहले डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि चीन को बातचीत की शुरुआत करनी होगी।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि अगर अमेरिका सच में डायलॉग और समझौते के जरिए मुद्दे को सुलझाना चाहता है, तो उसे बेमतलब का दबाव बनाना, डराना और ब्लैकमेल करना बंद करना चाहिए और चीन के साथ बराबरी, सम्मान और आपसी हित के आधार पर बात करनी चाहिए।

लिन जियान ने पत्रकारों से कहा कि 245% अमेरिकी टैरिफ के तहत अलग-अलग टैक्स रेट क्या होगा, ये आप अमेरिका से ही पूछिए। ये टैरिफ वॉर अमेरिका ने शुरू की है, हमने नहीं। हम सिर्फ अमेरिका के एक्शन का जवाब दे रहे हैं। हमारे कदम पूरी तरह तार्किक और कानूनी हैं। हम अपने देश के अधिकारों और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में ईमानदारी बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।

चीन ने मंगलवार को बोइंग से नए विमानों की डिलीवरी लेने से मना किया

एक दिन पहले जानकारी सामने आई थी कि चीन ने अपनी एयरलाइन कंपनियों को अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग से नए विमानों की डिलीवरी नहीं लेने के आदेश दिए हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक बीजिंग ने अमेरिका में बनने वाले विमान के पार्ट्स और डिवाइसेस की खरीद रोकने का आदेश भी दिया है।

चीन ने यह आदेश अमेरिका के 145% टैरिफ के जवाब में जारी किया है। बोइंग एयरप्लेन एक अमेरिकी कंपनी है, जो एयरप्लेन, रॉकेट, सैटेलाइट, टेलीकम्युनिकेशन इक्विपमेंट और मिसाइल बनाती है। कंपनी की स्थापना 15 जुलाई 1916 को विलियम बोइंग ने की थी।

कई देशों की एयरलाइंस कंपनियां बोइंग के बनाए गए प्लेन का इस्तेमाल करती हैं। बोइंग अमेरिका की सबसे बड़ी एक्सपोर्टर कंपनी है और यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी डिफेंस डील करने वाली कंपनी भी है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर की अलग-अलग जगहों में कंपनी के डेढ़ लाख से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर की अलग-अलग जगहों में कंपनी के डेढ़ लाख से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं।

चीन ने कीमती मेटल्स की सप्लाई भी रोकी

चीन ने इस ट्रेड वॉर के बीच 7 कीमती धातुओं (रेयर अर्थ मटेरियल) के निर्यात पर भी रोक लगा दी है। चीन ने कार, ड्रोन से लेकर रोबोट और मिसाइलों तक असेंबल करने के लिए जरूरी मैग्नेट यानी चुंबकों के शिपमेंट भी चीनी बंदरगाहों पर रोक दिए हैं।

ये मटेरियल ऑटोमोबाइल, सेमीकंडक्टर और एयरोस्पेस बिजनेस के लिए बेहद अहम हैं। इस फैसले से दुनियाभर में मोटरव्हीकल, एयरक्राफ्ट, सेमीकंडक्टर और हथियार बनाने वाली कंपनियों पर असर पड़ेगा। ये महंगे हो जाएंगे।

चीन ने 4 अप्रैल को इन 7 कीमती धातुओं के निर्यात पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था। आदेश के मुताबिक ये कीमती धातुएं और उनसे बने खास चुंबक सिर्फ स्पेशल परमिट के साथ ही चीन से बाहर भेजे जा सकते हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें…

चीन नई इंडस्ट्री व इनोवेशन बढ़ाने पर जोर दे रहा

चीन के पास अमेरिका के करीब 600 अरब पाउंड (करीब 760 अरब डॉलर) के सरकारी बॉन्ड हैं। मतलब ये कि चीन के पास अमेरिकी इकोनॉमी को प्रभावित करने की बड़ी ताकत है। वहीं, चीन ने अपनी तैयारी भी शुरू कर दी है।

#

चीन ने 1.9 लाख करोड़ डॉलर का अतिरिक्त लोन इंडस्ट्रियल सेक्टर को दिया है। इससे यहां फैक्ट्रियों का निर्माण और अपग्रेडेशन तेज हुआ। हुआवेई ने शंघाई में 35,000 इंजीनियरों के लिए एक रिसर्च सेंटर खोला है, जो गूगल के कैलिफोर्निया हेडक्वार्टर से 10 गुना बड़ा है। इससे टेक्नोलॉजी और इनोवेशन कैपेसिटी तेज होगी।

[ad_2]
ट्रम्प बोले- हम चीन से अच्छा सौदा करने जा रहे: कोई भी हमसे मुकाबला नहीं कर सकता; कल चीन पर लगाया 245% टैरिफ

शुक्रवार 18 अप्रैल को कैसा रहेगा मौसम, जानें कहां कितना रहेगा अधिकतम तापमान – India TV Hindi Politics & News

शुक्रवार 18 अप्रैल को कैसा रहेगा मौसम, जानें कहां कितना रहेगा अधिकतम तापमान – India TV Hindi Politics & News

2025 स्कोडा कोडियाक लॉन्च, शुरुआती कीमत ₹46.89 लाख:  सेकेंड जनरेशन SUV में 14.86kmpl का माइलेज, 9 एयरबैग और 360° सेफ्टी फीचर्स Today Tech News

2025 स्कोडा कोडियाक लॉन्च, शुरुआती कीमत ₹46.89 लाख: सेकेंड जनरेशन SUV में 14.86kmpl का माइलेज, 9 एयरबैग और 360° सेफ्टी फीचर्स Today Tech News