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ट्रम्प बोले- भारत के कारण अमेरिकी किसानों को घाटा: सस्ता चावल भेज रहा, जिससे उन्हें सही दाम नहीं मिल रहा; एक्स्ट्रा टैरिफ लगाएंगे Today World News

ट्रम्प बोले- भारत के कारण अमेरिकी किसानों को घाटा:  सस्ता चावल भेज रहा, जिससे उन्हें सही दाम नहीं मिल रहा; एक्स्ट्रा टैरिफ लगाएंगे Today World News

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वॉशिंगटन डीसी7 मिनट पहले

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका भारत से आने वाले चावल और कनाडा से आने वाली खाद पर एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने पर विचार कर रहा है।

उनका कहना है कि दूसरे देशों से आने वाला सस्ता सामान अमेरिकी किसानों को नुकसान पहुंचा रहा है। ट्रम्प ने यह बात व्हाइट हाउस में उस समय कही जब वे किसानों के लिए नई आर्थिक मदद की घोषणा कर रहे थे।

ट्रम्प ने कहा कि भारत, वियतनाम और थाईलैंड जैसे देश अमेरिका में बहुत सस्ता चावल बेच रहे हैं, जिससे यहां के किसानों की कमाई कम हो रही है।

उन्होंने इसे ‘डंपिंग’ बताया और कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए। ट्रम्प ने अपने वित्त मंत्री से यह भी पूछा कि क्या भारत को चावल के मामले में किसी तरह की छूट मिली हुई है। मंत्री ने बताया कि दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते पर अभी बातचीत चल रही है।

कनाडाई फर्टिलाइजर पर भी टैरिफ लग सकता है

ट्रम्प ने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो अमेरिका कनाडा से आने वाली खाद पर भी कड़े टैरिफ लगा सकता है। उन्होंने कहा कि बहुत सी खाद कनाडा से आती है। अगर यह बहुत सस्ती हो गई, तो हम उस पर सख्त टैरिफ लगा देंगे।

कनाडा अमेरिका को पोटाश नाम की एक खाद की सबसे ज्यादा सप्लाई करता है। अब तक इसे व्यापार समझौते की वजह से संरक्षण मिला हुआ है।

अमेरिका में महंगाई और बढ़ती कीमतों की वजह से ट्रम्प पर दबाव बढ़ रहा है। किसान भी बढ़ती लागत से परेशान हैं। अगर खाद पर नया टैरिफ लग गया तो उनकी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

अमेरिका ने हाल ही में पोटाश और फॉस्फेट को क्रिटिकल मिनरल्स की लिस्ट में शामिल किया था, ताकि उनकी सप्लाई बनी रहे, लेकिन किसान अभी भी इसे लेकर परेशान हैं।

आसान भाषा में डंपिंग का मतलब जानिए

डंपिंग का मतलब है कि कोई देश अपनी चीजें दूसरे देश में बहुत ही कम दाम पर बेच देता है। यह इतना कम होता कि वहां की लोकल कंपनियां और किसान उस कीमत पर सामान बना ही नहीं पाते।

इससे उस देश का बाजार सस्ते विदेशी माल से भर जाता है और स्थानीय लोगों का कारोबार नुकसान में चला जाता है। इसके बाद धीरे-धीरे लोकल मार्केट पर विदेशी कंपनियों या प्रोडक्ट का कब्जा हो जाता है।

अगर ट्रम्प भारतीय चावल पर एक्स्ट्रा टैरिफ लगा देते हैं, तो भारत से अमेरिका जाने वाला चावल काफी महंगा हो जाएगा। इससे वहां भारतीय चावल खरीदने वाले लोगों की जेब पर सीधा असर पड़ेगा, क्योंकि कीमतें बढ़ जाएंगी।

साथ ही भारत के उन किसानों और निर्यातकों को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है, जो अपनी फसल का बड़ा हिस्सा अमेरिका भेजते हैं। महंगा होने की वजह से अमेरिकी बाजार में भारतीय चावल की मांग कम हो सकती है।

ट्रम्प भारत पर कुल 50% टैरिफ लगा चुके हैं

ट्रम्प पहले ही भारत पर कुल 50% टैरिफ लगा चुके हैं। इसमें से 25% एक्स्ट्रा टैरिफ रूसी तेल खरीदने की वजह से लगाया गया है। ट्रम्प अपनी अमेरिका फर्स्ट पॉलिसी के तहत पहले भी कई विदेशी उत्पादों पर टैरिफ लगा चुके हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत, अमेरिका बहुत ज्यादा चावल एक्सपोर्ट नहीं करता है। इसलिए यह फैसला भारत के पूरी चावल इंडस्ट्री पर असर नहीं डालेग, लेकिन जिन लोगों का व्यापार सीधे अमेरिका से जुड़ा है उन्हें परेशानी जरूर होगी। भारत को फिर नए देशों की तलाश करनी पड़ेगी, जहां वह अपना चावल भेज सके।

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