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डोनाल्ड ट्रम्प व्हाइट हाउस में संबोधन के दौरान। तस्वीर 5 फरवरी की है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन की सिक्योरिटी क्लीयरेंस (खुफिया जानकारी तक पहुंच) रद्द कर दी है। ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि गोपनीय जानकारी तक बाइडेन की पहुंच बने रहने की कोई जरूरत नहीं है।
ट्रम्प ने कहा-
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हम तुरंत प्रभाव से बाइडेन की सिक्योरिटी क्लीयरेंस को रद्द कर रहे हैं और उनको दैनिक तौर पर दी जा रही इंटेलिजेंस ब्रीफिंग रोक रहे हैं।
साल 2021 में राष्ट्रपति बनने के बाद बाइडेन ने भी ट्रम्प के साथ ऐसा ही किया था। ट्रम्प ने दावा किया कि जस्टिस डिपार्टमेंट की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि बाइडेन की याददाश्त खराब है। ऐसे में संवेदनशील जानकारी को लेकर उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। ट्रम्प ने लिखा- मैं हमेशा हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा की हिफाजत करूंगा।
हूर रिपोर्ट फरवरी 2024 में आई थी। इसमें कहा गया था कि बाइडेन अपने बेटे की मौत का साल और बराक ओबामा के दौर में उपराष्ट्रपति रहने के दौरान कई अहम घटनाओं को भूल चुके थे। हालांकि तब बाइडेन ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था।
![20 जनवरी को व्हाइट हाउस में बाइडेन फैमिली के साथ ट्रम्प फैमिली।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2025/02/08/mxp-61_1739017368.png)
20 जनवरी को व्हाइट हाउस में बाइडेन फैमिली के साथ ट्रम्प फैमिली।
बाइडेन ने भी ट्रम्प का सिक्योरिटी क्लीयरेंस रद्द किया था ट्रम्प ने लिखा- बाइडेन ने 2021 में मिसाल कायम किया था। तब उन्होंने खुफिया समुदाय (इंटेलिजेंस कम्युनिटी) को अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति (ट्रम्प) की सिक्योरिटी क्लीयरेंस रद्द कर दिया था। जबकि यह पूर्व राष्ट्रपतियों को दिया जाने वाला शिष्टाचार है।
तब ऐसा पहली बार हुआ था जब किसी पूर्व राष्ट्रपति का सिक्योरिटी क्लीयरेंस रोक दिया गया था। तब बाइडेन के कहा था कि ट्रम्प के बर्ताव की वजह से ऐसा कदम उठाया गया। उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
बाइडेन ने कहा था-
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ट्रम्प को सिक्योरिटी क्लीयरेंस देने का कोई मतलब नहीं है। उनका अब कोई वजूद नहीं है, सिवाय इसके कि वे मुश्किलें खड़ीं कर सकते हैं।
सिक्योरिटी क्लीयरेंस मिलने का मतलब क्या है? अमेरिकी राष्ट्रपतियों को सिक्योरिटी क्लीयरेंस की जरूरत नहीं होती है और उन्हें अपने पद के आधार पर खुफिया जानकारी का एक्सिस होता है। पूर्व राष्ट्रपतियों को पारंपरिक तौर पर खुफिया ब्रीफिंग मिलती रही है, हालांकि इसकी पहुंच मौजूदा राष्ट्रपति के फैसले पर निर्भर है।
सिक्योरिटी क्लीयरेंस के जरिए, पूर्व राष्ट्रपति यह समझ सकते हैं कि दुनिया में क्या हो रहा है, खासकर उन देशों से जुड़ी खुफिया जानकारी हासिल कर सकते हैं जो अमेरिकी हितों से जुड़े हैं। उन्हें यह समझने में भी मदद मिलती है कि दुनिया में कौन से खतरे पैदा हो सकते हैं।
ट्रम्प ने 50 से ज्यादा अफसरों का क्लीयरेंस रोका ट्रम्प पहले ही 50 से ज्यादा पूर्व खुफिया अधिकारियों की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर चुके हैं। इन सभी पर बाइडेन के पक्ष में 2020 के चुनाव में हस्तक्षेप करने का आरोप लगा था।
![डॉ फाउची रोनाल्ड रीगन से लेकर जो बाइडेन तक सात अमेरिकी राष्ट्रपतियों के साथ काम कर चुके हैं।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2025/02/08/fauci159566015516214765571737379587_1739016921.jpg)
डॉ फाउची रोनाल्ड रीगन से लेकर जो बाइडेन तक सात अमेरिकी राष्ट्रपतियों के साथ काम कर चुके हैं।
जिन लोगों के सिक्योरिटी क्लीयरेंस छीन लिए गए हैं, उनमें पूर्व शीर्ष अमेरिकी सैन्य कमांडर मार्क मिले भी शामिल हैं। वे ट्रम्प के मुखर आलोचक हैं। अमेरिका के नए रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने मार्क मिले के ‘व्यवहार’ की जांच करने का आदेश दिया है।
ट्रम्प ने राष्ट्रपति के पूर्व मुख्य चिकित्सा सलाहकार एंथनी फाउची, पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ, पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन के सिक्योरिटी क्लीयरेंस रद्द कर दिया है।
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ट्रम्प ने बाइडेन की खुफिया जानकारी तक पहुंच खत्म की: कहा- उनकी याद्दाश्त ठीक नहीं; बाइडेन ने 2021 में ऐसा ही किया था