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8 घंटे पहले
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माइक्रोसॉफ्ट के मुताबिक जून के महीने में ईरानी हैकरों ने ट्रम्प के कैंपेन को निशाना बनाया था।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कैंपेन (चुनावी टीम) ने दावा किया है कि उनकी अंदरूनी बातचीत, प्लानिंग से जुड़ी जानकारियां और दस्तावेजों को हैक किया गया है। कैंपेन के मुताबिक हैंकिग की इस घटना को ईरानी हैकर्स ने अंजाम दिया है।
अमेरिकी न्यूज वेबसाइट पॉलिटिको ने शनिवार को बताया कि उसे ट्रम्प के प्रचार कार्यक्रम से जुड़े निजी दस्तावेज ईमेल के जरिए भेजे गए हैं। इनमें रिपब्लिकन पार्टी के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार वेंस के बारे में की गई पार्टी की रिसर्च से जुड़ी हुई जानकारियां भी शामिल हैं।
न्यूज बेवसाइट BBC को ट्रम्प के कैंपेन से जुड़े एक प्रवक्ता ने बताया कि इन दस्तावेजों को अमेरिका के दुश्मन देश ने 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप करने के मकसद से चुराया है। न्यूज वेबसाइट पॉलिटिको ने इन दस्तावेजों को वेरीफाई करने का दावा किया है।
बयान- ट्रम्प को रोकने के लिए रची साजिश
डोनाल्ड ट्रम्प की पार्टी से प्रवक्ता जुड़े स्टीवन चेयुंग ने कहा कि ईरान ट्रम्प को दोबारा राष्ट्रपति बनने से रोकना चाहता है। स्टीवन के मुताबिक अगर ट्रम्प सत्ता में वापस आते हैं तो ईरान की आतंकी गतिविधियों पर रोक लगा देंगे, जैसे उन्होंने पिछले कार्यकाल में किया था।
स्टीवन ने कहा कि हैंकिग की टाइमिंग, रिपब्लिकन पार्टी के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार जेडी वैंस के सिलेक्शन से जुड़ी हुई है। न्यूज वेबसाइट पॉलिटिको के ने बताया कि उसे 22 जुलाई को एक मेल मिला था। इस मेल में 271 पन्रों के दस्तावेज में वेंस से जुड़ी जानकारियां भेजी गईं थी।
ओहियो से सीनेटर जेम्स डेविड वेंस को रिपब्लिकन पार्टी ने जुलाई में अपना उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया था।
माइक्रोसॉफ्ट बोला-ईरानी हैकर्स ने बनाया निशाना
ट्रम्प के कैंपेन के बयान से एक दिन पहले यानी शुक्रवार को सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि जून के महीने में ट्रम्प के चुनावी अभियान को ईरानी हैकरों ने निशाना बनाया है।
रिपोर्ट के मुताबिक हैकरों ने रिपब्लिकन पार्टी से जुड़े एक राष्ट्रपति उम्मीदवार को निशाना बनाया था। माइक्रोसॉफ्ट के थ्रेट एनालिसिस सेंटर ने बताया कि ट्रम्प के कैंपेन को एक फिंशिग ईमेल भेजा गया था।
सेंटर के मुताबिक पिछले कुछ महीनों में ईरानी हैकर्स की तरफ से किए जाने वाले हैकिंग अटैक की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है।
माइक्रोसॉफ्ट ने इसी तरह की एक रिपोर्ट 2020 में भी जारी की थी। इसमें कहा गया था कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रम्प के कैंपेन को प्रभावित करने के लिए ईरानी हैकरों की तरफ से साजिश रची गई।
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ऊषा का जन्म और स्कूली शिक्षा सैन डिएगो में हुई। उनके माता-पिता 1980 के दौरान आंध्र से अमेरिका आकर बसे गए थे। अमेरिका में रहने के बावजूद उनके माता-पिता ने वहां की मॉडर्न संस्कृति से प्रभावित हुए बिना उन्हें भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म के अनुसार शिक्षा और संस्कार दिए। बाद में वेंस भी इन संस्कारों से प्रभावित हुए। पूरी खबर यहां पढ़ें…
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