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ट्रम्प ने इसी साल फरवरी में ‘गोल्ड कार्ड’ नाम से एक नया वीजा प्रोग्राम शुरू करने का ऐलान किया था।
अमेरिकी प्रशासन ने ट्रम्प गोल्ड कार्ड वीजा के आवेदनों पर 1 मिलियन डॉलर (करीब 9 करोड़ रुपए) की फीस लगा दी है। इस फैसले के खिलाफ कैलिफोर्निया के नेतृत्व में कुल 20 अमेरिकी राज्यों ने कोर्ट में मुकदमा दायर कर दिया है।
इन राज्यों का कहना है कि यह फीस पूरी तरह गैर-कानूनी है और इससे अस्पतालों, स्कूलों, यूनिवर्सिटी और सरकारी सेवाओं में पहले से चल रही डॉक्टरों-शिक्षकों की कमी और गंभीर हो जाएगी।
कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल रॉब बोंटा ने कहा, “ये वीजा डॉक्टर, नर्स, इंजीनियर, वैज्ञानिक और शिक्षक जैसे उच्च कुशल प्रोफेशनल्स के लिए होता है। दुनियाभर का टैलेंट जब अमेरिका आता है तो पूरा देश आगे बढ़ता है।
कैलिफोर्निया के साथ न्यूयॉर्क, इलिनॉय, वॉशिंगटन, मैसाचुसेट्स समेत 20 बड़े राज्य इस मुकदमे में शामिल हैं।

ट्रम्प ने गुरुवार को गोल्ड कार्ड के लिए आवेदन प्रकिया शुरू की थी।
राज्य बोले- संसद की मंजूरी के बिना फीस बढ़ाना गलत
राज्यों का तर्क है कि पहले H-1B वीजा की फीस 1,000 से 7,500 डॉलर (1 से 6 लाख रुपए) के बीच होती थी, लेकिन संसद की मंजूरी के बिना अचानक फीस बढ़ा देना अवैध है।
साथ ही यह फीस वीजा प्रोसेसिंग की वास्तविक लागत से सैकड़ों गुना ज्यादा है। उन्होंने इसे प्रशासनिक प्रक्रिया अधिनियम(APA) का उल्लंघन बताया। क्योंकि बिना नोटिस और पब्लिक कमेंट के इतना बड़ा नियम नहीं बनाया जा सकता।
अमेरिका के 75% डिस्ट्रिक्ट स्कूलों में टीचर्स की कमी
राज्यों का कहना है कि इसका सबसे बड़ा असर सरकारी और गैर-लाभकारी संस्थानों पर पड़ेगा। स्कूल, यूनिवर्सिटी और अस्पताल को वीजा में छूट मिलता था, लेकिन अब एक-एक विदेशी टीचर या डॉक्टर लाने में 9 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इससे ये संस्थान या तो सेवाएं घटाएंगे या दूसरी जरूरी योजनाओं से पैसा काटेंगे।
अमेरिकी शिक्षा विभाग की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल अमेरिका के लगभग 75% डिस्ट्रिक्ट स्कूल को शिक्षक नहीं मिल पा रहे। खासकर स्पेशल एजुकेशन, साइंस और बाइलिंगुअल शिक्षकों की भारी कमी है।
वहीं स्वास्थ्य क्षेत्र में 2024 में करीब 17,000 वीजा डॉक्टरों-नर्सों को दिए गए थे। साल 2036 तक अमेरिका में 86,000 डॉक्टरों की कमी होने का अनुमान है, जो ग्रामीण और गरीब इलाकों में पहले से ही गंभीर है।
व्हाइट हाउस बोला- नया वीजा नियम अमेरिकियों की भलाई के लिए है
अमेरिकी सरकार वीजा में फीस बढ़ोतरी को जायज बताती रही है। व्हाइट हाउस का कहना है कि यह कदम वीजा प्रोग्राम के दुरुपयोग को रोकेगा। इसका साथ ही अमेरिकी नागरिकों के वेतन और नौकरियों की रक्षा करेगा।
इसके उलट आलोचकों का कहना है कि इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा। भारत जैसे देशों से आने वाले 70% से ज्यादा प्रोफेशनल्स पर इसका असर पड़ेगा। एक्सपर्ट्स के मुताबिक प्रोफेशनल अब कनाडा, ऑस्ट्रेलिया या यूरोप जैसे देशों की ओर जा सकते हैं।
इसके साथ ही ट्रम्प प्रशासन वीजा आवेदकों के सोशल मीडिया के पिछले 5 साल का रिकॉर्ड मांग रहा है। इससे जांच और सख्त हो जाएगा। कुल मिलाकर कुशल विदेशी कर्मचारियों के लिए अमेरिका जाना अब पहले से कहीं ज्यादा महंगा और मुश्किल होने वाला है।
ट्रम्प ने गोल्ड कार्ड के अप्लाई प्रोसेस शुरू की
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को ‘ट्रम्प गोल्ड कार्ड’ के लिए अप्लाई प्रोसेस शुरू करने का ऐलान किया था। कार्ड की कीमत 1 मिलियन डॉलर (करीब 9 करोड़ रुपए) है। हालांकि कंपनियों को कार्ड के लिए 2 मिलियन डॉलर देना होगा।
ट्रम्प ने इसी साल फरवरी में ‘गोल्ड कार्ड’ वीजा प्रोग्राम शुरू करने का ऐलान किया था। हालांकि उस वक्त उन्होंने इसकी कीमत 5 मिलियन डॉलर (45 करोड़ रुपए) रखी थी। सितंबर में इसे घटाकर 1 मिलियन डॉलर किया गया।
ट्रम्प का कहना है कि यह अमेरिका फर्स्ट एजेंडे का हिस्सा है, जो टॉप टैलेंट (जैसे भारत-चीन से पढ़े स्टूडेंट्स) को रोकने और कंपनियों को अमेरिका लाने के लिए है। होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी क्रिस्टी नोएम ने कहा, “यह दुनिया के सफल उद्यमियों को आकर्षित करेगा।”
वहीं ट्रम्प का प्लेटिनम कार्ड भी जल्द शुरू होने की उम्मीद है। इसकी फीस करीब 5 मिलियन डॉलर (लगभग 45 करोड़ रुपए) है।

ट्रम्प बोले- सिर्फ टैलेंटेड लोगों को वीजा देंगे
गोल्ड कार्ड की अनलिमिटेड रेसीडेंसी में नागरिकों को सिर्फ पासपोर्ट और वोट देने का अधिकार नहीं मिलता, बाकी सारी सुविधाएं एक अमेरिकी नागरिक के जैसी मिलती हैं। यह प्रक्रिया उसी तरह होगी, जैसे ग्रीन कार्ड के जरिए स्थायी निवास मिलता है।
राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि यह वीजा प्रोग्राम खास तौर पर धनी विदेशियों के लिए है, ताकि वे 1 मिलियन डॉलर देकर अमेरिका में रहते हुए काम कर सकें।
उन्होंने कहा कि अब अमेरिका सिर्फ टैलेंटेड लोगों को ही वीजा देगा, न कि ऐसे लोगों को जो अमेरिकियों की नौकरियां छीन सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस रकम का इस्तेमाल टैक्स को घटाने और सरकारी कर्ज चुकाने में किया जाएगा।
गोल्ड कार्ड में हमेशा रहने का अधिकार मिलेगा
ट्रम्प ने गोल्ड कार्ड के अलावा 3 नए तरह के वीजा कार्ड भी लॉन्च किए थे। इनमें ‘ट्रम्प गोल्ड कार्ड’, ‘ट्रम्प प्लेटिनम कार्ड’ और ‘कॉर्पोरेट गोल्ड कार्ड’ शामिल हैं।
ट्रम्प गोल्ड कार्ड व्यक्ति को अमेरिका में अनलिमिटेड रेसीडेंसी (हमेशा रहने) का अधिकार देगा। वहीं ट्रम्प प्लेटिनम कार्ड जल्दी शुरू किया जाएगा।
EB-1 और EB-2 वीजा की जगह लेगा गोल्ड कार्ड
कॉमर्स सेक्रेटरी हॉवर्ड लुटनिक के मुताबिक, यह गोल्ड कार्ड मौजूदा EB-1 और EB-2 वीजा की जगह लेगा। ग्रीन कार्ड श्रेणियां बंद हो सकती हैं। EB-1 वीजा अमेरिका का एक स्थायी निवास (ग्रीन कार्ड) वीजा है।
EB-2 वीजा भी ग्रीन कार्ड के लिए है, लेकिन उन लोगों के लिए जो उच्च शिक्षा (मास्टर्स या उससे ऊपर) की योग्यता रखते हों।

ट्रम्प गोल्ड कार्ड से जुड़े 10 सवाल-जवाब…
1.सवाल: ट्रम्प गोल्ड कार्ड क्या है?
जवाब: गोल्ड कार्ड एक नया वीजा/रेसिडेंसी प्रोग्राम है, जिसे डोनाल्ड ट्रम्प ने पेश किया है। यह अमेरिका में लंबे समय तक रहने, काम करने और नागरिकता (US citizenship) पाने का एक विकल्प है।
2.सवाल: यह कार्ड किसको मिलेगा?
जवाब: पारंपरिक वीजा या “ग्रीन कार्ड” (Green Card) से अलग यह प्रोग्राम खासतौर से अमीरों, इन्वेस्टर्स, बिजनेसमैन या टैलेंटेड प्रोफेशनल के लिए बनाया गया है।
3.सवाल: ट्रम्प कॉर्पोरेट गोल्ड कार्ड क्या है?
जवाब: ट्रम्प कॉर्पोरेट गोल्ड कार्ड कंपनी द्वारा अपने एक या अधिक कर्मचारियों के लिए जारी किया जाता है। कंपनी को प्रति कर्मचारी 15,000 डॉलर का गैर-वापसी योग्य DHS शुल्क देना होता है। वेटिंग पूरी होने के बाद प्रति कर्मचारी 2 मिलियन डॉलर देना होता है।
4.सवाल: कंपनी स्पॉन्सरशिप बदलना चाहे तो क्या होगा?
जवाब: अगर कंपनी किसी कर्मचारी का स्पॉन्सरशिप बदलना चाहे तो नया फिर से 2 मिलियन डॉलर नहीं देना पड़ता, पुराना कार्ड नए कर्मचारी के लिए इस्तेमाल हो जाता है। इसमें 1% सालाना मेंटेनेंस फीस और 5% ट्रांसफर फीस (नई DHS बैकग्राउंड चेक सहित) भी लगती है।
5.सवाल: आवेदक को कौन से फायदे मिलते हैं?
जवाब: आवेदक को EB-1 या EB-2 वीजा के तहत लॉफुल परमानेंट रेजिडेंट स्टेटस (ग्रीन कार्ड) मिलता है।
6.सवाल: क्या परिवार के सदस्य भी आवेदन कर सकते हैं?
जवाब:हां। पति/पत्नी और 21 साल से कम उम्र के अविवाहित बच्चे मुख्य आवेदक के साथ शामिल किए जा सकते हैं। उन्हें भी तेज प्रोसेसिंग मिलती है। हर परिवार के सदस्य के लिए अलग से 15,000 डॉलर DHS शुल्क और 1 मिलियन डॉलर देना होता है।
7.सवाल: आवेदन कैसे करें और क्या जिम्मेदारी है?
जवाब: ऑनलाइन आवेदन और 15,000 डॉलर का शुरुआती शुल्क वेबसाइट (https://trumpcard.gov/) के माध्यम से जमा करना होता है। इसके बाद DHS वेटिंग शुरू करता है।
वेटिंग सफल होने पर आगे की फीस जमा करनी होती है। USCIS ईमेल के जरिए myUSCIS.gov अकाउंट बनाने और आगे के दस्तावेज जमा करने के निर्देश भेजता है।
8.सवाल: पेमेंट कैसे करें?
जवाब:
- 15,000 डॉलर प्रोसेसिंग फीस- क्रेडिट कार्ड (अमेरिकी व अंतरराष्ट्रीय) या ACH डेबिट (केवल अमेरिकी बैंक)
- 10 लाख या 20 लाख डॉलर फीस- वेटिंग के बाद मिले ईमेल के अनुसार ACH डेबिट या Swift वायर ट्रांसफर
- अन्य वीजा संबंधी छोटे शुल्क- अमेरिकी विदेश विभाग अलग से बताता है।
9.सवाल: ट्रम्प प्लेटिनम कार्ड क्या है?(जल्द आ रहा है)
जवाब: ट्रम्प प्लेटिनम कार्ड व्यक्ति को बिना किसी ट्रैवल वीजा के हर साल 270 दिन तक अमेरिका में रहने की अनुमति देता है।
10 सवाल: ट्रम्प प्लेटिनम कार्ड के फायदे क्या है?
ट्रम्प प्लेटिनम कार्ड वाले व्यक्ति को विदेश से कमाई हुई इनकम पर अमेरिका में कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
जवाब: अमेरिकी नागरिक या पहले से ग्रीन कार्ड वाले इस कार्ड के लिए अप्लाई नहीं कर सकते।
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