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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने विदेश छात्रों को लेकर अपने रुख में यू-टर्न लिया है। ट्रम्प ने कहा है कि विदेशी छात्रों को अमेरिका में पढ़ाई की अनुमति मिलती रहनी चाहिए, क्योंकि वे न सिर्फ देश की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाते हैं बल्कि विश्वविद्यालयों की आर्थिक स्थिति को भी संभालते हैं।
फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि अगर चीन और दूसरे देशों से आने वाले विदेशी छात्रों की संख्या घटाई गई, तो अमेरिका के करीब आधे कॉलेजों के बंद होने की नौबत आ जाएगी।
ट्रम्प ने कहा कि दुनियाभर से आने वाले आधे छात्रों को नहीं रोक सकते, ऐसा किया तो हमारे कॉलेज-यूनिवर्सिटी सिस्टम को भारी नुकसान होगा। मैं ऐसा नहीं चाहता। मैं मानता हूं कि बाहर के देशों से छात्रों का आना अच्छा है, मैं दुनिया से रिश्ते बेहतर रखना चाहता हूं।

6 महीने पहले विदेशी छात्रों के इंटरव्यू पर रोक लगाई थी
अमेरिका ने इस साल मई में पहले विदेशी छात्रों के नए वीजा इंटरव्यू पर रोक लगा दी थी। इसका मकसद देश की यूनिवर्सिटीज में यहूदी विरोध और वामपंथी विचारों को रोकना था।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने दुनियाभर में अमेरिकी दूतावासों को आदेश जारी कर कहा था- वे स्टूडेंट वीजा के लिए नए इंटरव्यू शेड्यूल न करें, क्योंकि ट्रम्प सरकार अमेरिका आने वाले छात्रों के सोशल मीडिया प्रोफाइल की जांच को और सख्त करने जा रही है।
उन्होंने आगे कहा था- तत्काल प्रभाव से कॉन्सुलर सेक्शन आगे के दिशा-निर्देश जारी होने तक स्टूडेंट या एक्सचेंज विजिटर (F, M और J) वीजा के लिए नए अपॉइंटमेंट की इजाजत नहीं दे।
यह रोक F, M और J वीजा कैटेगरी पर लागू होती है, जो ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय छात्रों और एक्सचेंज विजिटर्स को कवर करती हैं। बाद में इंटरव्यू फिर शुरू हुए, लेकिन सोशल मीडिया जांच और सुरक्षा नियम और सख्त कर दिए गए हैं।

अमेरिका जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या 70% गिरी
अमेरिका में पढ़ाई के लिए जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में 70% की गिरावट आई है। ट्रम्प प्रशासन की अंतरराष्ट्रीय छात्रों से जुड़ी नीतियों की वजह से वीजा स्लॉट्स में रुकावट और वीजा रिजेक्शन में अचानक बढ़ोतरी से यह स्थिति बनी है।
दिक्कतों के चलते कई छात्र अब दूसरे देशों में पढ़ाई के विकल्प तलाश रहे हैं।

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ट्रम्प का विदेशी छात्रों पर यू-टर्न: अमेरिका के लिए फायदेमंद बताया; कहा- विदेशी छात्र कम हुए तो आधे कॉलेज बंद हो जाएंगे
