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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप।
वॉशिंगटन: अमेरिका में विभिन्न सरकारी विभागों में कर्मचारियों की लगातार हो रही छंटनी के बीच एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूएस सेंसस ब्यूरो ने मंगलवार को कई जनसांख्यिकीविदों, सांख्यिकीविदों और एडवोकेसी ग्रुप लीडर्स की बाहरी सलाहकार समितियों को भंग कर दिया, जो सांख्यिकीय एजेंसी को तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करती थीं। खास बात यह है कि इन सलाहकार समितियों में काम कर रहे जितने भी एक्सपर्ट्स थे, वे अपनी सेवाओं के बदले में कोई वेतन नहीं ले रहे थे। सरकार की तरफ से उन्हें सिर्फ कुछ भत्ते दिए जा रहे थे।

सिर्फ यात्रा और ठहरने का खर्च लेते थे एक्सपर्ट्स
एसोसिएटेड प्रेस के साथ साझा किए गए ईमेल के मुताबिक, जनगणना वैज्ञानिक सलाहकार समिति और 2030 जनगणना सलाहकार समिति के सदस्यों को मंगलवार को एक नोटिस मिला जिसमें कहा गया कि वाणिज्य सचिव हॉवर्ड ल्यूटनिक ने निर्धारित किया है कि समितियों का काम ‘पूरा हो गया है।’ नेशनल एसोसिएशन ऑफ लैटिनो इलेक्टेड एंड अप्वाइंटेड ऑफिसर्स एजुकेशनल फंड ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि नस्लीय, जातीय और अन्य आबादी पर राष्ट्रीय सलाहकार समिति को भी समाप्त कर दिया गया है। इन समितियों के सदस्य सिर्फ यात्रा और ठहरने का खर्च लेते थे और इसके अलावा कोई वेतन नहीं लेते थे।

‘समितियों को खत्म करने का फैसला समझ से बाहर’
बता दें कि जनगणना ब्यूरो की देखरेख का जिम्मा वाणिज्य विभाग का है और इसका नेतृत्व ट्रंप द्वारा नियुक्त ल्यूटनिक करते हैं। 2030 की जनगणना सलाहकार समिति के सदस्यों को एक साल से भी कम समय पहले नियुक्त किया गया था। इसके अध्यक्ष आर्टुरो वर्गास ने एक इंटरव्यू में कहा कि वे समितियों को खत्म करने का फैसला उनकी समझ से बाहर है। वर्गास ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह जनगणना ब्यूरो के लिए एक बड़ा झटका है।’ उन्होंने कहा कि ब्यूरो को इन बाहरी एक्सपर्ट्स से बहुत मदद मिलती है और वे कई बार कार्यप्रणाली में सुधार करने में अहम भूमिका अदा करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में इस फैसले से वह हैरान हैं।
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ट्रंप सरकार ने फ्री में काम करने वालों की भी कर दी छंटनी, चेयरमैन बोले- ‘हैरान हूं’ – India TV Hindi