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ट्रंप के फैसले की फांस में फंसी कनाडा के पीएम की बेटी और बेल्जियम की राजकुमारी Today World News

ट्रंप के फैसले की फांस में फंसी कनाडा के पीएम की बेटी और बेल्जियम की राजकुमारी Today World News

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कनाडा के पीएम मार्क कार्नी की बेटी क्लियो कार्नी (बाएं) और बेल्जियम की राजकुमारी एलिजाबेथ (दाएं)

वॉशिंगटन/टोरंटो/ब्रसेल्स: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक बड़े प्रशासनिक फैसले की फांस में कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की बेटी और बेल्जियम की राजकुमारी भी फंस गई हैं। इस फैसले के कारण हार्वर्ड विश्वविद्यालय और अमेरिकी सरकार के बीच गहराता विवाद अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चित चेहरों को भी प्रभावित कर रहा है। इसमें अब कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की बेटी क्लियो कार्नी और बेल्जियम की राजकुमारी एलिजाबेथ जैसी हाई-प्रोफाइल छात्राएं भी फंस गई हैं, जो कि हार्रवर्ड की छात्रा हैं।

बता दें कि हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने शुक्रवार को अमेरिकी प्रशासन द्वारा अंतरराष्ट्रीय छात्रों की दाखिला पात्रता रद्द करने के फैसले के खिलाफ अदालत में मुकदमा दायर किया। विश्वविद्यालय ने इस कार्रवाई को संविधान के पहले संशोधन का उल्लंघन बताते हुए कहा कि इसका असर विश्वविद्यालय के लगभग 7,000 विदेशी छात्रों पर “तत्काल और विनाशकारी” होगा।

विदेशी छात्रों के वीजा पर संकट

ट्रंप प्रशासन की ओर से की गई इस कार्रवाई के तहत यदि हार्वर्ड विदेशी छात्रों के बारे में गृह सुरक्षा विभाग को जानकारी नहीं देता, तो विश्वविद्यालय की अंतरराष्ट्रीय छात्र दाखिला क्षमता को दो साल तक के लिए रद्द किया जा सकता है। साथ ही, मौजूदा छात्रों को भी अपने वीजा बनाए रखने के लिए अन्य कॉलेजों में स्थानांतरण के लिए मजबूर किया जा सकता है। हालांकि एक अमेरिकी न्यायाधीश ने फिलहाल इस निर्णय पर रोक लगाते हुए ट्रंप प्रशासन के खिलाफ एक अस्थायी प्रतिबंध आदेश जारी किया है।

कनाडा और बेल्जियम की छात्राएं विवाद की चपेट में

कनाडाई और बेल्जियम प्रेस के अनुसार इस विवाद का असर हार्वर्ड में पढ़ रहीं कनाडा के पीएम की बेटी क्लियो कार्नी पर भी पड़ा है। क्लियो ने हार्वर्ड में संसाधन दक्षता कार्यक्रम में अपना पहला वर्ष पूरा किया है। इसी तरह बेल्जियम की राजगद्दी की उत्तराधिकारी और युवा राजकुमारी एलिजाबेथ का करियर भी दांव पर है। वह भी हार्वर्ड केनेडी स्कूल से सार्वजनिक नीति में दो वर्षीय मास्टर कार्यक्रम कर रही हैं। उन्होंने भी पहला वर्ष पूरा कर लिया है और वर्तमान में बेल्जियम में हैं। रॉयल पैलेस ने कहा है कि वह यह स्पष्टता मिलने की प्रतीक्षा कर रहा है कि क्या वे अपने कार्यक्रम के दूसरे वर्ष के लिए अमेरिका लौट सकेंगी। राजपरिवार के संचार प्रमुख जेवियर बार्ट ने कहा, “हम स्थिति की जांच कर रहे हैं। ताकि यह पता चल सके कि इस फैसले का राजकुमारी एलिजाबेथ पर कोई प्रभाव पड़ेगा या नहीं। अभी कोई निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी।”

हार्वर्ड का कड़ा विरोध

हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने ट्रंप प्रशासन की कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए इसे “अवैध” करार दिया। विश्वविद्यालय का कहना है कि सरकार ने “एक कलम के झटके से, हमारे छात्र समुदाय के एक चौथाई हिस्से — यानी अंतरराष्ट्रीय छात्रों — को मिटाने की कोशिश की है, जो हमारे शैक्षणिक मिशन में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।” विश्वविद्यालय ने आश्वासन दिया है कि वह अपने छात्रों को आवश्यक मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। 

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