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‘टूट गया था मैं…’, किस आघात को याद कर भर आया CM एकनाथ शिंदे का गला, चुनाव से पहले सुनाया पूरा Politics & News

‘टूट गया था मैं…’, किस आघात को याद कर भर आया CM एकनाथ शिंदे का गला, चुनाव से पहले सुनाया पूरा Politics & News


Maharashtra Assembly Election: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों का अभी ऐलान नहीं हुआ है लेकिन राज्य में सियासी पारा चढ़ना शुरू हो गया है. इन सब के बीच शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने पुराने दिनों को याद किया और एक हादसे का जिक्र करते हुए वो भावुक हो गए. दरअसल, ये हादसा उनके भाई से जुड़ा हुआ था.

न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में सीएम शिंदे ने एक किस्सा सुनाया. उन्होंने कहा कि हम हर साल बाइक से गांव जाते थे. जहां गांव में एक डैम है. वहां पर हम अपने भाई के साथ वाटर स्पोर्ट में खेलते थे. तभी देखते-देखते हम भाई से बिछड़ गए. एकनाथ शिंदे ने बताया कि भाई की मौत के बाद वो टूट गए थे.

इस दौरान उनसे सवाल किया गया कि एक वक्त था कि एकनाथ शिंदे सब कुछ छोड़ देना चाहते थे, उससे आप कैसे उभरे? इस पर सीएम शिंदे ने जवाब देते हुए कहा कि साल 2000 में एक हादसा हुआ था. मैं उस हादसे को यादकर खुद को संभाल नहीं पाता हूं. उन्होंने कहा कि उस वक्त हम बच्चों के साथ छुट्टी में गांव जाते थे. वहीं, गांव में कोयना वाटर डैम है. हम हर साल मोटर बाइक से वहां पर जाते थे लेकिन देखते-देखते मैं अपने भाई से बिछड़ गया.

मैं भाई की मौत के हादसे के बाद टूट गया था- एकनाथ शिंदे

उस घटना को याद करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि मैं उस हादसे के बाद टूट गया था, जब मेरा बेटा श्रीकांत 12 साल का था. उस दौरान मेरे लिए कुछ बचा नहीं था. मुझे अपने परिवार को भी देखना था और उन्हें सहारा देना था. क्योंकि, इतना बड़ा आघात मेरा हुआ था तो उस वक्त मेरी पत्नी और बच्चों को मेरी जरूरत थी. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आगे बताया कि उस हादसे के बाद आनंद दिघे साहब बार-बार आते थे. मुझे कई बार उन्होंने सहारा दिया.

जानिए कैसा रहा एकनाथ शिंदे का राजनीतिक सफर?

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 18 साल की उम्र में शिवसेना से अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया. जहां पार्टी में क़रीब डेढ़ दशक तक काम करने के बाद 1997 में आनंद दिघे ने शिंदे को ठाणे नगर निगम के चुनाव में पार्षद का टिकट दिया. वहीं, पहली ही कोशिश में शिंदे ने न केवल नगर निगम का यह चुनाव जीता, बल्कि वे ठाणे नगर निगम के हाउस लीडर भी बन गए. उसके बाद 2004 में उन्होंने ठाणे विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और यहां भी पहली ही कोशिश में जीतने में कामयाब रहे.

इसके बाद 2009 से वो लगातार कोपरी-पचपाखड़ी विधानसभा क्षेत्र के विधायक चुने गए हैं. 2015 से 2019 तक राज्य के लोक निर्माण मंत्री रहे. फ़िलहाल राज्य के मुख्यमंत्री हैं.

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