नई दिल्ली7 घंटे पहले
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केंद्र सरकार ने 15 मई 2025 को ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) के जरिए सेलेबी और उसकी सहयोगी कंपनियों की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी थी।
तुर्किये की ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो सर्विस कंपनी सेलेबी एविएशन की याचिका को आज यानी, 7 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है।
याचिका में कंपनी ने अपनी सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती दी थी। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के हवाले से सेलेबी की मंजूरी रद्द की थी।
6 सवाल-जवाब में पूरे मामले को समझते हैं…
सवाल 1: सेलेबी एविएशन क्या है और भारत में इसका काम क्या था?
जवाब: सेलेबी एविएशन तुर्किये की कंपनी है, जो हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो सर्विसेज देती है। यानी, ये कंपनी हवाई जहाजों की लैंडिंग, पैसेंजर्स की हैंडलिंग, सामान की लोडिंग-अनलोडिंग और कार्गो मैनेजमेंट जैसे काम करती है।
कंपनी के दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, अहमदाबाद, गोवा, कोचीन, और कन्नूर जैसे 9 बड़े हवाई अड्डों पर ऑपरेशन्स थे। कंपनी हर साल करीब 58,000 फ्लाइट्स और 5.4 लाख टन कार्गो को हैंडल करती थी। इसके 14,000 कर्मचारी भारत में काम करते हैं, जो सभी भारतीय हैं।

1958 में स्थापित सेलेबी एविएशन दुनिया भर में 70 स्टेशनों पर काम करती है।
सवाल 2: सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी क्यों रद्द की गई?
जवाब: केंद्र सरकार ने 15 मई 2025 को ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) के जरिए सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी थी। इसका कारण नेशनल सिक्योरिटी बताया गया।
भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में तनाव बढ़ा था। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर हमले किए थे।
इस दौरान तुर्किये ने पाकिस्तान का समर्थन किया और भारत की कार्रवाई की निंदा की। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस वजह से भारत सरकार ने तुर्किये से जुड़ी कंपनियों पर शक जताया।
कुछ खबरों में ये भी दावा किया गया कि सेलेबी का तुर्किये के राष्ट्रपति की बेटी सुमेये एर्दोगन से कनेक्शन हो सकता है। हालांकि सेलेबी ने इन दावों को सिरे से खारिज किया।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा कि सरकार को खुफिया जानकारी मिली थी, जिसके आधार पर ये फैसला लिया गया। उन्होंने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा खास मामला बताया।
सवाल 3: सेलेबी ने कोर्ट में क्या दलील दी?
जवाब: सेलेबी ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर करके कहा कि सरकार ने बिना कोई नोटिस दिए, बिना सुनवाई के और बिना कोई ठोस वजह बताए उनकी मंजूरी रद्द की, जो गलत है। उनकी भारतीय इकाई पूरी तरह भारतीय कंपनी है और इसके सभी कर्मचारी भारतीय हैं।
कंपनी ने बताया कि वो 17 साल से भारत में बिना किसी दाग के काम कर रही थी और अचानक मंजूरी रद्द करने से उसके 3,791 कर्मचारियों की नौकरी और निवेशकों का भरोसा खतरे में है।
सेलेबी ने साफ किया कि उनका तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन की बेटी सुमेये एर्दोगन या उनकी कंपनी बायकार (जो ड्रोन बनाती है) से कोई लेना-देना नहीं है।
सेलेबी के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि सरकार ने सिर्फ “राष्ट्रीय सुरक्षा” का हवाला दिया, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं दिखाया। उन्होंने ये भी कहा कि सरकार ने कुछ जानकारी सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को दी, जो सेलेबी को नहीं दिखाई गई, जो नेचुरल जस्टिस के खिलाफ है।
सवाल 4: दिल्ली हाईकोर्ट ने क्या फैसला सुनाया?
जवाब: 7 जुलाई 2025 को दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस सचिन दत्ता ने सेलेबी की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सबसे ऊपर है और इस तरह के फैसले को कोर्ट में चुनौती देना मुश्किल है। कोर्ट ने कहा, “बेटर सेफ दैन सॉरी” यानी “सावधानी बरतना ही बेहतर है।”
जस्टिस दत्ता ने सवाल उठाया कि क्या इस तरह के सुरक्षा से जुड़े फैसले को कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है और क्या सरकार को पहले नोटिस देना जरूरी था। कोर्ट ने सरकार की दलील को माना कि खुफिया जानकारी के आधार पर लिया गया फैसला राष्ट्रीय हित में था।

दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस सचिन दत्ता ने सेलेबी की याचिका खारिज कर दी।
सवाल 5: इस फैसले का सेलेबी और हवाई अड्डों पर क्या असर हुआ?
जवाब: इस फैसले ने सेलेबी के भारत में कारोबार को बड़ा झटका दिया:
- ऑपरेशन्स बंद: दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु समेत 9 हवाई अड्डों ने सेलेबी के साथ अपने कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दिए। उदाहरण के लिए, मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (MIAL) ने सेलेबी की सब्सिडियरी सेलेबी नास एयरपोर्ट सर्विसेज का कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया।
- नई कंपनियां: दिल्ली में बर्ड फ्लाइट सर्विसेज और एयर इंडिया SATS, बेंगलुरु में ग्लोबग्राउंड इंडिया और कोच्चि में एजाइल जैसी दूसरी कंपनियों ने ग्राउंड हैंडलिंग का जिम्मा संभाला। मुंबई में इंडो थाई एयरपोर्ट सर्विसेज को 24 घंटे में नियुक्त किया गया।
- कर्मचारी: सेलेबी के 14,000 कर्मचारियों की नौकरी खतरे में है। हालांकि दिल्ली एयरपोर्ट ने कहा कि वो कर्मचारियों को नहीं निकालेगी।
- कानूनी लड़ाई: सेलेबी ने दिल्ली के अलावा बॉम्बे हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई 10 जुलाई को होनी है।
सवाल 6: सेलेबी अब क्या कर सकती है?
जवाब: सेलेबी के पास अब ज्यादा विकल्प नहीं बचे हैं:
- सुप्रीम कोर्ट में अपील: सेलेबी दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकती है, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में कोर्ट आम तौर पर सरकार के साथ ही रहते हैं।
- बॉम्बे हाईकोर्ट: सेलेबी की याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट में 10 जुलाई को सुनी जाएगी, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला इसका आधार बनेगा।
- नए देशों में कारोबार: सेलेबी को भारत में ऑपरेशन्स बंद करने पड़ सकते हैं, जिसके बाद वो दूसरे देशों में अपने बिजनेस पर फोकस कर सकती है।
1958 में स्थापित कंपनी, दुनिया भर में 70 स्टेशनों पर काम करती है
सेलेबी एविएशन तुर्किये की एविएशन इंडस्ट्री में पहली निजी स्वामित्व वाली ग्राउंड हैंडलिंग सर्विस कंपनी है। यह ग्राउंड हैंडलिंग, कार्गो और वेयरहाउस मैनेजमेंट सर्विसेज प्रोवाइड करती है। 1958 में स्थापित, कंपनी आज दुनिया भर में 70 स्टेशनों पर काम करती है।
इसकी सर्विसेज में व्हीलचेयर सपोर्ट, रैंप सर्विसेज, पैसेंजर और कार्गो हैंडलिंग, वेयरहाउस मैनेजमेंट, ब्रिज ऑपरेशन, लाउंज मैनेजमेंट, और एयरक्राफ्ट क्लीनिंग आदि शामिल हैं।
सेलेबी भारत में दिल्ली, कोचीन, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई और गोवा सहित नौ हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग सर्विसेज देता है।

सेलिबी ग्राउंड हैंडलिंग, कार्गो और वेयरहाउस मैनेजमेंट सर्विसेज प्रोवाइड करती है।
सेलिबी ने कहा था- वो तुर्किये की ऑर्गनाइजेशन नहीं
मंजूरी रद्द होने के बाद सेलेबी एविएशन इंडिया ने कहा था- “हम किसी भी मानक से तुर्किये की ऑर्गनाइजेशन नहीं हैं और कॉर्पोरेट गवर्नेंस, ट्रांसपेरेंसी का पूरी तरह से पालन करते हैं। किसी भी विदेशी सरकार या व्यक्तियों के साथ हमारा कोई राजनीतिक संबंध नहीं है।”
कंपनी ने कहा- हमें विश्वास है कि फैक्ट, ट्रांसपेरेंसी और कॉमनसेंस मिसइन्फॉर्मेंशन पर विजय प्राप्त करेंगे। ये ग्लोबली ऑपरेटेड कंपनी है। कंपनी में कनाडा, अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, सिंगापुर, UAE और पश्चिमी यूरोप के अंतरराष्ट्रीय संस्थागत निवेशकों की 65% हिस्सेदारी है।
Source: https://www.bhaskar.com/business/news/delhi-high-court-dismissed-the-petition-of-turkiyes-company-135393333.html