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झोपड़ी में रहता है अमन सहरावत, गरीबी में पहुंचा पेरिस ओलंपिक, रुला देगी कहानी Latest Haryana News

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झज्जर. भारत के युवा पहलवान अमन सहरावत पेरिस ओलंपिक 2024 में मेन्स 57 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग के सेमीफाइनल में पहुंच गए हैं. क्वार्टर फाइनल में अमन ने अल्बेनिया के जेलिमखान अबाकारोव को तकनीकी श्रेष्ठता में 12-0 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया. उन्होंने अपना पहला मैच 10-0 से जीता और क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया. उसके बाद क्वार्टर फाइनल में अबकारोव को 12-0 से हराया. उनकी जीत पर गांव बिरोहड़ में खुशी का माहौल है. अमन सहरावत ने दोनों मैचों में एक तरफा जीत हासिल की है. अमन की क्वाटर फाइनल में मिली जीत से उनके परिजन और ग्रामीण बेहद खुश हैं. रात के समय सभी ग्रामीणों ने एक बड़ी स्क्रीन पर अमन का मैच देखा हैं, हालांकि अमन सहरावत सेमीफाइनल में 10-0 से हार गए हैं. उन्हें अपने बेटे पर गर्व है.

परिजनों व ग्रामीणों द्वारा बिरोहड़ गांव के खेतों की झोपड़ी (ढाणी) में बने मकान में टीवी पर कुश्ती देखने की व्यवस्था की गई थी. पेरिस ओलंपिक में मनु भाकर के बाद अब अमन सहरावत पर देश की नजर टिकी हुई थी. जिले के बिरोहड़ गांव के अमन सहरावत देश का प्रतिनिधित्व करते हुए आठ अगस्त को कुश्ती के 57 किलोग्राम भार वर्ग में उतरे थे. उन्होंने लगातार दो मुकाबले एक तरफा जीते लेकिन सेमी फाइनल में उन्हें जापान के रेइ हिगुची से हार का सामना करना पड़ा.

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अमन का जन्म साल 2003 में झज्जर जिले में हुआ था. अमन एक फ्रीस्टाइल पहलवान हैं. अमन ने अपना पहला खिताब साल 2021 में राष्ट्रीय चैंपियनशिप में जीता था. अमन के माता-पिता का साया बहुत पहले उनके ऊपर से उठ चुका है. 2013 में उनकी माता कमलेश, 2014 में उनके पिता सोमवर सहरावत का स्वर्गवास हो गया था, लेकिन छोटी उम्र में माता-पिता का साया उठ जाने के बावजूद अमन का हौसला कम नहीं हुआ.

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आठ वर्षीय अमन को जब परिजनों ने दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में भेजने की योजना बनाई, तब दिल्ली जाने से छह महीने पूर्व उनकी माता का निधन हो गया था. दिल्ली जाने के छह महीने बाद उनके पिता का निधन हो गया. अमन साधारण किसान परिवार से हैं. उनके हिस्से में केवल ढाई एकड़ जमीन आती है. माता-पिता के निधन के बाद अमन की परवरिश उनके चाचा-ताऊ व दादा ने मिलकर की. अमन की बहन पूजा फिलहाल बीए प्रथम वर्ष में पढ़ रही है. वर्तमान में अमन के दादा मांगेराम, उनके ताऊ सुधीर, जयवीर व चाचा रणवीर, कर्मवीर, वेद प्रकाश आदि परिजन गांव से दो किलोमीटर दूर नौगांव की तरफ जाने वाले कच्चे रास्ते पर बनी छोटी सी झोपड़ी (ढाणी) में रहते हैं.

ये हैं अमन की उपलब्धियां
अमन ने अंडर-17 फ्री स्टाइल 2022 में किर्गिस्तान में स्वर्ण पदक जीता, रैंकिंग सीरीज अल्माटी में स्वर्ण पदक जीता, खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2019 में स्वर्ण पदक जीता, 2018 चैंपियनशिप मनामा 2022 में स्वर्ण पदक जीता, एशियन चैंपियनशिप 2019 में स्वर्ण पदक जीता, वहीं तीन बार भारत कुमार रह चुके. साल 2023 में अमन ने कजाकिस्तान में हुए एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक को अपने नाम किया. जनवरी 2024 में ओपन कुश्ती टूर्नामेंट में पुरुषों की 57 किलोग्राम स्पर्धा में गोल्ड जीता.

Tags: Haryana news, Jhajjar news

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