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कोहरा के संपर्क में लंबे समय तक रहने के कारण डिमेंशिया से लेकर कई तरह की न्यूरोलॉजिकल बीमारियां होती है. वायु प्रदूषण के साथ कोहरे के संपर्क में रहने वाले मनुष्यों में एमआरआई अध्ययन बुजुर्गों में मस्तिष्क की संरचना में परिवर्तन के साथ जुड़ा हुआ है.जिससे मस्तिष्क शोष होता है.


ये परिवर्तन मनोभ्रंश की शुरुआत से बहुत पहले होते हैं.जिसे जानवरों के अध्ययन में देखा गया है.यह मस्तिष्क में न्यूरोनल सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव को बढ़ाता है.जो विभिन्न न्यूरोनल अपक्षयी बीमारियों और चिंता और अवसाद जैसी मानसिक बीमारियों का कारण बनता है.

अल्पकालिक संपर्क वाले लोगों को अक्सर सिरदर्द होता है, ध्यान अवधि कम हो जाती है और वे ध्यान केंद्रित करने में असमर्थ होते हैं.कोहरे के स्वास्थ्य प्रभावों को कम करने के लिए कुछ कारकों पर विचार करने की आवश्यकता है जैसे कि कोहरे के लिए जिम्मेदार उत्सर्जन को पर्यावरण के अनुकूल सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करके कम करने की आवश्यकता है.

कचरे को कम जलाना और वाहनों और उद्योगों के लिए कठोर मानदंडों को लागू करना जो सरकारी अधिकारियों द्वारा वायु प्रदूषण को बढ़ाते हैं.


व्यक्तिगत कदम जैसे कि महीन कण फिल्टर वाला मास्क पहनना.जब हवा की गुणवत्ता अच्छी न हो तो बाहरी गतिविधियों को सीमित रखें और एयर प्यूरीफायर के साथ घर के अंदर हवादार जगह बनाए रखें.

हरी सब्जियां, जामुन और मछली जैसे एंटीऑक्सीडेंट और सूजनरोधी खाद्य पदार्थों से भरपूर आहार मस्तिष्क के स्वास्थ्य का समर्थन कर सकता है.

Published at : 02 Jan 2025 08:04 PM (IST)
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