Zomato: हम अब लोगों को उनके कपड़े, जूते और कार से नापने लगे हैं. अगर आपने अच्छे कपड़े नहीं पहने हैं तो बड़े होटल, रेस्टोरेंट और मॉल में घुसना असंभव हो जाता है. आपको दरवाजे से ही टरका दिया जाएगा. कुछ ऐसा ही हुआ जोमाटो (Zomato) के सीईओ दीपिंदर गोयल (Deepinder Goyal) के साथ. उनकी नेट वर्थ भले ही अरबों में हो लेकिन, जब वह जोमाटो डिलीवरी बॉय के कपड़े पहनकर गुरुग्राम के एक मॉल में पहुंचे तो उन्हें एंट्री नहीं दी गई. इस सामाजिक प्रयोग के जरिए दीपिंदर गोयल पता लगाना चाहते हैं कि डिलिवरी पार्टनर के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है.
डिलिवरी पार्टनर के लिए वर्किंग कंडीशन अच्छी करनी होंगी
दीपिंदर गोयल ने इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर लिखा कि मुझे इस घटना से समझ में आया है कि हमें मॉल इंडस्ट्री के साथ मिलकर काम करना होगा. हमें अपने डिलिवरी पार्टनर के लिए वर्किंग कंडीशन अच्छी करनी होंगी. इन मॉल को इंसानों के बारे में अपने ख्याल बदलने की जरूरत है. उन्हें भी डिलिवरी पार्टनर के लिए अलग तरह की पॉलिसी लानी होंगी. जोमाटो सीईओ शनिवार को डिलिवरी एजेंट बनकर जिस मॉल में गए थे, वहां उन्हें ऑर्डर कलेक्ट करने के लिए तीन मंजिल ऊपर चढ़ना पड़ा. यह दीपिंदर गोयल की तरफ से दूसरी बार ऑर्डर डिलिवरी के जरिए एजेंटों की समस्या जानने की कोशिश की गई थी.
पत्नी ग्रेसिया मुनोज के साथ गए थे एम्बिएंस मॉल
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि वह अपनी पत्नी ग्रेसिया मुनोज (Grecia Munoz) के साथ गुरुग्राम के एम्बिएंस मॉल गए थे. उन्होंने जोमाटो डिलिवरी एजेंट के कपड़े पहने हुए थे. वहां से उन्होंने हल्दीराम का एक ऑर्डर पिक किया. मॉल के एंट्रेंस पर उन्हें सिक्योरिटी ने रोक दिया. उनसे कहा गया कि उन्हें सीढ़ियों का इस्तेमाल करना पड़ेगा. उन्होंने लिफ्ट के बारे में पूछा तो उन्हें मना कर दिया गया. आखिरकार उन्हें सीढ़ियों का ही इस्तेमाल करना पड़ा.
During my second order, I realised that we need to work with malls more closely to improve working conditions for all delivery partners. And malls also need to be more humane to delivery partners.
What do you think? pic.twitter.com/vgccgyH8oE
— Deepinder Goyal (@deepigoyal) October 6, 2024
अन्य डिलिवरी पार्टनर ने दिए महत्वपूर्ण फीडबैक
ऊपर पहुंचने के बाद उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया. दीपिंदर गोयल अन्य डिलिवरी पार्टनर की तरह सीढ़ियों पर ही इंतजार करते रहे. वहां उन्होंने उन लोगों के साथ बातें कीं. इन लोगों ने उन्हें बहुत महत्वपूर्ण फीडबैक दिए. कुछ देर बाद उन्हें अंदर जाने को मिला और वो अपना ऑर्डर कलेक्ट कर पाए.
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