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जेलेंस्की को ट्रम्प से बहस करने का अफसोस: कहा- खनिज समझौते के लिए तैयार; ट्रम्प ने यूक्रेन की सभी सैन्य मदद रोकीं Today World News

जेलेंस्की को ट्रम्प से बहस करने का अफसोस:  कहा- खनिज समझौते के लिए तैयार; ट्रम्प ने यूक्रेन की सभी सैन्य मदद रोकीं Today World News

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वॉशिंगटन DC1 घंटे पहले

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व्हाइट हाउस में ट्रम्प और जेलेंस्की के बीच हुई बहस के 3 दिन बाद ये मदद रोकी गई है।

यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने मंगलवार को कहा कि पिछले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ उनकी बैठक उस तरह नहीं हुई जैसी होनी चाहिए थी। जेलेंस्की ने इसे अफसोसजनक बताया और कहा कि यूक्रेन खनिज समझौते के लिए तैयार है।

ट्रम्प ने आज बहस के 3 दिन बाद यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य मदद रोकने का ऐलान किया है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है।

इसमें ऐसी मदद जो अमेरिका से अभी तक यूक्रेन नहीं पहुंची है, उसे भी रोक दिया गया है। इसमें पोलैंड तक पहुंच चुका सामान भी शामिल है।

इसे लेकर यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस श्मिहाल ने कहा कि हमारे पास जितने रास्ते हैं, उनके जरिए शांतिपूर्ण तरीके से अमेरिका के साथ सहयोग जारी रखेंगे।

जेलेंस्की 28 फरवरी को ट्रम्प से मिलने व्हाइट हाउस पहुंचे थे।

जेलेंस्की 28 फरवरी को ट्रम्प से मिलने व्हाइट हाउस पहुंचे थे।

अब वक्त आ गया है कि हम सब कुछ ठीक करें

जेलेंस्की ने कहा-

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शुक्रवार को व्हाइट हाउस में हमारी बैठक उस तरह नहीं हुई जैसी होनी चाहिए थी। यह अफसोस की बात है कि यह इस तरह हुआ। अब समय आ गया है कि हम सब कुछ ठीक करें। हममें से कोई भी अंतहीन युद्ध नहीं चाहता। यूक्रेन स्थायी शांति के लिए जल्द से जल्द बातचीत को तैयार है।

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यूक्रेनी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि यूक्रेन खनिज समझौते पर साइन करने के लिए तैयार है। हम इस समझौते को ठोस सुरक्षा गारंटी की तरफ एक कदम के तौर पर देखते हैं। हम जंग खत्म करने के लिए तेजी से काम करने को तैयार हैं।

ट्रम्प बोले- जेलेंस्की को अमेरिका का समर्थन है, इसलिए वे शांति नहीं चाहते

व्हाइट हाउस के एक अधिकारी के अनुसार रोकी गई मदद तब तक बहाल नहीं की जाएगी, जब तक राष्ट्रपति ट्रम्प को यह यकीन नहीं हो जाता कि यूक्रेनी राष्ट्रपति वास्तव में शांति चाहते हैं।

यूक्रेन की सैन्य मदद रोकने से कुछ घंटे पहले ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। उन्होंने कहा,

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जेलेंस्की नहीं चाहते कि जब तक उन्हें अमेरिका का समर्थन हासिल है, तब तक शांति हो। यह जेलेंस्की की तरफ से दिया गया सबसे खराब बयान है। अमेरिका इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।

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एक अधिकारी का दावा- मदद स्थायी तौर पर नहीं रोकी गई

यूक्रेन को सैन्य मदद रोके जाने को लेकर फिलहाल अमेरिकी रक्षा विभाग और राष्ट्रपति ट्रम्प ने कोई टिप्पणी नहीं की है। ब्लूमबर्ग ने रक्षा विभाग के एक अधिकारी के हवाले से बताया है कि राष्ट्रपति ट्रम्प इस बात की समीक्षा कर रहे हैं कि क्या जेलेंस्की रूस के साथ शांति कायम करना भी चाहते हैं या नहीं। ट्रम्प प्रशासन के एक अधिकारी ने फॉक्स न्यूज से कहा कि यह मदद स्थायी तौर पर नहीं रोकी गई है।

बाइडेन प्रशासन ने 20 जनवरी को एक बयान में कहा कि उसने फरवरी 2022 से यूक्रेन को 65.9 बिलियन डॉलर की सैन्य मदद दी है। इन सैन्य मदद में मिसाइलों से लेकर लैंडमाइंस तक शामिल हैं। अमेरिकी मदद के बिना यूक्रेन का रूस के सामने 3 साल से भी ज्यादा समय तक टिक जाना नामुमकिन था।

यूक्रेन की 8.7 हजार करोड़ रुपए की मदद रुकी

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक इससे एक अरब डॉलर (8.7 हजार करोड़ रुपए) के हथियार और गोला-बारूद संबंधी मदद पर असर पड़ सकता है। इन्हें जल्द ही यूक्रेन को डिलीवर किया जाना था।

ट्रम्प के आदेश के बाद उस मदद को भी रोक दिया गया है जिसका इस्तेमाल यूक्रेन सिर्फ अमेरिकी डिफेंस कंपनियों से सीधे नए सैन्य हार्डवेयर खरीदने के लिए कर सकता है। अमेरिकी सहायता रोके जाने पर राष्ट्रपति जेलेंस्की की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने CNN से कहा कि यह साफ है कि फैसला जेलेंस्की के बुरे बर्ताव की वजह से उठाया गया। उन्होंने कहा कि अगर जेलेंस्की जंग को खत्म करने के लिए बातचीत की कोशिश करते हैं, तब शायद ये रोक हटाई जा सकती है।

यूक्रेन पर 2 से 4 महीने में दिखेगा मदद रुकने का असर

सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के मार्क कैन्सियन ने कहा कि अमेरिका के मदद रोकने के फैसले से यूक्रेन पर बहुत असर पड़ने वाला है। ट्रम्प के इस फैसले ने एक तरह से यूक्रेन को ‘अपंग’ कर दिया है।

कैन्सियन ने कहा कि अमेरिकी मदद रुकने का मतलब है कि अब यूक्रेन की ताकत आधी हो गई है। इसका असर दो से चार महीने में दिखने लगेगा। फिलहाल यूरोपीय देशों से मिलने वाली सहायता से यूक्रेन कुछ समय तक लड़ाई में बना रहेगा।

खुफिया जानकारी देना भी बंद कर सकता है अमेरिका

कैन्सियन ने कहा कि इस फैसले का मतलब ये है कि यूक्रेन को अब किसी भी हाल में पीस डील को स्वीकार करना पड़ेगा। कैन्सियन ने चेतावनी दी कि ट्रम्प प्रशासन यूक्रेन को कमजोर करने के लिए और भी कई तरीके आजमा सकता है।

उन्होंने कहा कि अमेरिका, यूक्रेन को दी जाने वाली खुफिया जानकारी बंद कर और यूक्रेनी सेना को मिल रही ट्रेनिंग रोककर जेलेंस्की को घुटनों पर ला सकते हैं।

यूक्रेन की सैन्य मदद रोकने के फैसले से क्या असर पड़ेगा

अमेरिका यूक्रेन का एक प्रमुख समर्थक रहा है। पिछले 3 साल में अमेरिका ने यूक्रेन को रूस के खिलाफ संघर्ष में हथियार, गोला-बारूद और वित्तीय सहायता दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मदद के बंद होने से यूक्रेन की रक्षा क्षमता पर असर पड़ेगा। यूक्रेन को अपने इलाके पर पकड़ बनाए रखने में मुश्किलें आ सकती हैं।

यूक्रेन की सेना अमेरिका से मिले हथियारों खासकर तोप, ड्रोन और मिसाइल सिस्टम पर बहुत निर्भर रहा है। इसके बंद होने के बाद यूक्रेन का रूसी हमलों का जवाब देना मुश्किल हो जाएगा। इससे रूस, यूक्रेन के कुछ और इलाकों पर कब्जा कर सकता है।

अमेरिका के साथ बातचीत को तैयार हुए थे जेलेंस्की

इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने 3 मार्च को कहा था कि वे अमेरिका-यूक्रेन मिनरल्स डील पर दस्तखत करने के लिए तैयार हैं। जेलेंस्की ने लंदन में एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि वे पिछले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ बहस के बाद भी अमेरिका के साथ बातचीत करने को इच्छुक हैं।

जेलेंस्की ने कहा कि व्हाइट हाउस में हुई उस घटना का अमेरिका या यूक्रेन को नहीं, बल्कि सिर्फ रूसी राष्ट्रपति पुतिन को फायदा पहुंचा है। उन्होंने कहा, ‘अगर मुझे मिनरल डील के लिए बुलाया जाता है तो मैं व्हाइट हाउस वापस जाऊंगा।’

जेलेंस्की ने सोमवार को वीडियो जारी कर अपना पक्ष रखा।

जेलेंस्की ने सोमवार को वीडियो जारी कर अपना पक्ष रखा।

जेलेंस्की ने शांति के लिए सुरक्षा गारंटी की शर्त फिर से रखी जेलेंस्की ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी की मांग सुनी जाएगी। दोनों पक्ष इस पर सहमत होते हैं तो डील पर दस्तखत किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि वे बस इतना चाहते हैं कि यूक्रेन का पक्ष भी सुना जाए। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे साझेदार याद रखें कि इस जंग में हमलावर कौन है।

जेलेंस्की ने सोमवार सुबह सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी पोस्ट किया। इसमें उन्होंने कहा कि हम अमेरिका की अहमियत को समझते हैं। ऐसा कोई भी दिन नहीं गुजरा जब हमने अमेरिका का एहसान न माना हो।

जेलेंस्की ने फिर कहा कि हम सभी इस बात पर सहमत हैं कि शांति के लिए सुरक्षा गारंटी जरूरी है। यह पूरे यूरोप की स्थिति है।

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, उपराराष्ट्रपति जेडी वेंस और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच शुक्रवार रात व्हाइट हाउस में तीखी बहस हो गई। इस दौरान ट्रम्प-वेंस और जेलेंस्की एक-दूसरे की तरफ उंगली दिखाते नजर आए। ट्रम्प ने कई बार जेलेंस्की को फटकार भी लगाई। उन्होंने जेलेंस्की से कहा कि वो तीसरा विश्वयुद्ध कराने का जुआ खेल रहे हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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