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घरेलू विमानन बाजार में एक और कंपनी संकट के दलदल में फंसती दिख रही है. यह मामला है किफायती विमानन सेवाएं देने वाली कंपनी स्पाइसजेट का, जिसके ऊपर विमानन नियामक ने सख्त कार्रवाई की है. इससे पहले से परेशान इस विमानन कंपनी की परेशानियां और बढ़ सकती हैं. इस संकट ने भारतीय विमानन क्षेत्र के उस काले इतिहास की याद भी ताजी कर दी है, जिसके चलते भारतीय आसमान को काफी मुश्किल माना जाता है. आंकड़े बताते हैं कि बीते 5 साल के दौरान देश में 8 विमानन कंपनियों ने अपना परिचालन बंद किया है.
दरअसल विमानन नियामक डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने स्पाइसजेट को व्यापक सर्विलांस के दायरे में डालने का निर्णय लिया है, जिसके बाद इतिहास की याद आने लगी है. नियामक ने हालिया कार्रवाई की जानकारी देते हुए कहा है कि कंपनी को तत्काल प्रभाव से व्यापक सर्विलांस पर डाला जा रहा है. डीजीसीए के इस कदम के बाद स्पाइसजेट के कामकाज की निगरानी पहले से बढ़ जाएगी.
इस तरह बढ़ जाती है निगरानी
डीजीसीए के द्वारा जब किसी कंपनी को व्यापक सर्विलांस पर रखा जाता है, तब स्पॉट चेक और नाइट सर्विलांस में तेजी लाई जाती है. डीजीसीए अमूमन यह कार्रवाई तभी करता है, जब उसे लगता है कि संबंधित कंपनी के काम-काज में ढिलाई हो रही है और उसके परिचालन में सुरक्षा के मानकों का सही से पालन नहीं किया जा रहा है.
ऑडिट में गड़बड़ियां मिलने पर एक्शन
डीजीसीए ने इस कार्रवाई से पहले कंपनी के काम-काज की छानबीन की थी. नियामक ने बयान में बताया है कि उसने स्पाइसजेट की इंजीनियरिंग फैसिलिटीज की 7 अगस्त और 8 अगस्त को स्पेशल ऑडिट की. ऑडिट में उसे कई गड़बड़ियां मिलीं. इसी कारण नियामक ने कंपनी को एक बार फिर से व्यापक सर्विलांस पर डालने का निर्णय लिया.
पहले भी बढ़ाई जा चुकी है निगरानी
स्पाइसजेट को इससे पहले भी दो बार व्यापक सर्विलांस पर डाला जा चुका है. सबसे पहले 2022 में जब स्पाइसजेट के विमानों से जुड़ी गड़बड़ियां सामने आई थीं, तब नियामक ने निगरानी बढ़ा दी थी. उसके बाद पिछले साल जब कंपनी के वित्तीय संकट की खबरें आई थीं, तब भी उसके ऊपर निगरानी बढ़ाई गई थी. अब डीजीसीए ने फिर से ऐसे समय में निगरानी बढ़ाई है, जब स्पाइसजेट ने वित्तीय संकटों के चलते अपने 150 कर्मचारियों को 3 महीने के लिए बिना वेतन की छुट्टी पर भेज दिया है.
7 फीसदी तक लुढ़के स्पाइसजेट के शेयर
डीजीसीए के द्वारा की गई कार्रवाई का असर स्पाइसजेट के शेयरों पर भी हुआ. सप्ताह के अंतिम दिन यानी कल शुक्रवार को कारोबार समाप्त होने के बाद स्पाइसजेट का शेयर 5.54 फीसदी गिरकर 62.56 रुपये पर बंद हुआ था. उससे पहले इंट्राडे में शेयर एक समय 7 फीसदी गिरकर 61.99 रुपये पर आ गया था.
5 साल पहले बंद हुई जेट एयरवेज
घरेलू विमानन इंडस्ट्री को काफी मुश्किलों भरा माना जाता रहा है. यह पहला मौका नहीं है, जब कोई विमानन कंपनी संकट में फंसी है. भारतीय बाजार में विमानन कंपनियों के संकट का शिकार बनने और उनके बंद होने का लंबा इतिहास रहा है. चंद सालों पहले तक अव्वल विमानन कंपनियों में गिनी जाने वाली जेट एयरवेज को अंतत: अप्रैल 2019 में बंद होना पड़ा था. पिछले साल गो फर्स्ट का संकट सामने आया था. उसके बाद स्पाइसजेट संकट में फंसी है.
5 साल में बंद हो चुकी हैं ये एयरलाइन
पिछले 5 सालों के दौरान 8 विमानन कंपनियां बंद हुई हैं. साल 2023 में संकट के बाद गो फर्स्ट का परिचालन बंद हो गया. उससे पहले साल 2022 में दो विमानन कंपनियां हेरिटेज एविऐशन प्राइवेट लिमिटेड और टर्बो मेघा एयरवेज प्राइवेट लिमिटेड बंद हुईं. साल 2020 में 3 कंपनियां जेक्सस एयर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, डेक्कन चार्टर्स प्राइवेट लिमिटेड और एयर ओडिशा एविएशन प्राइवेट लिमिटेड बंद हुई थीं. 2019 में भी दो विमानन कंपनियों जेट एयरवेज इंडिया लिमिटेड और जेट लाइट इंडिया लिमिटेड का परिचालन बंद हुआ था.
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