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हैदराबाद के जुबली हिल्स उपचुनाव के दौरान मंगलवार (11 नवंबर) को एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया. एक महिला पोलिंग बूथ पर मतदान करने गई, लेकिन वो उस वक्त हैरान रह गई जब उसे पता चला कि वो तो पहले ही वोट डाल चुकी है. ये जानकार महिला काफी परेशान हुई और उसने कहा कि वो तो अभी मतदान के लिए आई है.
यह मात्र एक मतदाता की कहानी भर नहीं है, बल्कि देश की चुनाव प्रणाली की विश्वसनीयता पर एक बहुत बड़ा प्रश्नचिह्न है. जब एक जागरूक मुस्लिम महिला अपनी पहचान के साथ मतदान केंद्र पर खड़ी है तो उसकी जगह वोट डालने वाला व्यक्ति कौन है और किस प्रक्रिया के तहत यहां पर फर्जी मतदान किया गया. क्या यह डबल वोटिंग का मामला है या फिर मतदाता सूची में जानबूझकर की गई कोई गड़बड़ी है?
लोगों में दिखा भारी रोष
महिला ने जब बूथ अधिकारियों से वोटिंग को लेकर सवाल किया तो उनके पास इसका कोई सीधा जवाब नहीं था, जिससे महिला और वहां मौजूद अन्य लोगों में भारी रोष देखने को मिला. लोगों ने वहां सीईओ, हमें जवाब चाहिए के नारे लगाते हुए जमकर हंगामा किया. यह दिखाता है कि जमीनी स्तर पर वोटर लिस्ट के सत्यापन (verification) में कितनी गंभीर लापरवाही हुई है.
बता दें कि आधार कार्ड और वोटर आईडी जैसे मजबूत पहचान पत्रों के बावजूद भी अगर कोई दूसरा व्यक्ति किसी और की पहचान का उपयोग करके वोट डाल सकता है तो यह स्पष्ट रूप से एक गंभीर प्रशासनिक विफलता है.
बीआरएस ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की
इस मामले को लेकर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने आरोप लगाया है कि इस तरह की धांधली न केवल एक नागरिक के मौलिक अधिकारों का हनन है, बल्कि यह पूरी चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता को भी सीधे तौर पर चुनौती देती है. बीआरएस के नेताओं ने इस मामले में चुनाव आयोग से तुरंत उच्च-स्तरीय जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है.
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