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सिरसा। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, अभय चौटाला व
सिरसा। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि 7 बार विधायक रहना और 5 बार मुख्यमंत्री बनना चौधरी साहब को परिभाषित नहीं करता, बल्कि किसान, गांव का विकास उनकी प्राथमिकताएं थी, उनका संकल्प था, उनका ध्येय था, उनका उद्देश्य था। जीवनपर्यंत उन्होंने अपने को किसान कल्याण और ग्रामीण विकास के लिए समर्पित किया। कुछ भी परिस्थिति हो, कुछ भी हालात हों, किसान हित और ग्रामीण विकास को उन्होंने नहीं छोड़ा।
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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि कोई ऐसा मौका नहीं आया, जब चौधरी ओमप्रकाश जी ने मेरी चिंता नहीं की। पहली बार जब राज्यपाल बनने के बाद उनका आशीर्वाद लिया, तब मेरे गले में खराश थी। उसी समय एक विशेष प्रकार के लड्डू बने हुए थे। उनका कहा कि पैक कर दो और एक यहां खाकर जाओ। नीचे गया तो देखा कि पूरी की पूरी टोकरी मेरी गाड़ी में रखी हुई थी। उपराष्ट्रपति बनने पर भी वे आशीर्वाद देने पहुंचे।
1989 के बड़े राजनीतिक बदलाव के प्रमुख सूत्रधार थे ओपी चौटाला
उपराष्ट्रपति ने कहा कि चौधरी ओमप्रकाश चौटाला 1989 के बड़े राजनीतिक बदलाव के प्रमुख सूत्रधारों में से थे। किसान कर्ज मुक्त हो, यही उनका ध्येय था। जनतादल सरकार का किसान कर्ज माफी का कदम उनकी पहल थी। इन्होंने संकट झेल कर भी किसान की सेवा की है और कर्ज माफी के लिए उस समय लड़ाई लड़ी थी। किसान के साथ संवाद, किसान के हित की बात करना, किसान के हित को आगे बढ़ाना, किसान के हित को अपने मन में रखना, किसान का हित ही देश का विकास है, ये उन्होंने सिखाया। निस्संदेह देश विकास और विकसित भारत का लक्ष्य ग्रामीण और किसान हित साधने से ही संभव है।
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जीवनपर्यंत किसान कल्याण और ग्रामीण विकास को समर्पित रहे ओपी चौटाला : उपराष्ट्रपति