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सरकारी ई-मार्केट पोर्टल, जीईएम पोर्टल से वस्तुओं और सेवाओं की सार्वजनिक खरीद 30 जुलाई तक 9.82 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गई है। शुक्रवार को संसद को यह जानकारी दी गयी। सरकारी ई-मार्केट (जीईएम) पोर्टल नौ अगस्त, 2016 को सभी केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों द्वारा वस्तुओं और सेवाओं की ऑनलाइन खरीद के लिए शुरू किया गया था। भाषा की खबर के मुताबिक, वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री जितिन प्रसाद ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि जीईएम ने वर्ष 2016-17 में 422 करोड़ रुपये की खरीद के साथ अपनी यात्रा शुरू की थी।
25,000 स्टार्टअप हो चुके हैं रजिस्टर्ड
खबर के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा चार लाख करोड़ रुपये के स्तर को पार कर गया। उन्होंने कहा कि जीईएम पर अपनी स्थापना के बाद से वस्तुओं और सेवाओं के लिए संचयी सकल व्यापारिक मूल्य 30 जुलाई, 2024 तक 9.82 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। जीईएम पोर्टल पर शुरुआत से अबतक 1.63 लाख से ज़्यादा महिला-नेतृत्व वाले एमएसई (सूक्ष्म और लघु उद्यम) और 25,000 स्टार्टअप पंजीकृत हो चुके हैं।
62 लाख से ज़्यादा विक्रेता और सेवा प्रदाता
जीईएम में 63,000 से ज़्यादा सरकारी खरीदार संगठन और 62 लाख से ज़्यादा विक्रेता और सेवा प्रदाता हैं जो उत्पादों और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला पेश करते हैं। दक्षिण कोरिया का केओएनईपीएस दुनिया का सबसे बड़ा ऐसा मंच है। वर्तमान में, जीईएम दूसरे स्थान पर है। सरकारी ई-मार्केटप्लेस जीईएम केंद्रीय सरकार और सभी राज्य सरकार के मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों और संबद्धों के लिए वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के लिए सार्वजनिक खरीद पोर्टल है। जीईएम पोर्टल सार्वजनिक खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी, कुशल और समावेशी बनाने का प्रयास करता है। यह सरकारी खरीदार संगठनों और वस्तुओं और सेवाओं के आपूर्तिकर्ताओं के लिए एक केंद्रीकृत और एकीकृत सार्वजनिक खरीद मंच के रूप में कार्य करता है
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जीईएम पोर्टल से सार्वजनिक खरीद ₹9.82 लाख करोड़ के पार, 25,000 स्टार्टअप हैं रजिस्टर्ड