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हरियाणा के जींद समेत प्रदेश भर में पिछले 22 दिनाें से हड़ताल कर रहे एनएचएम कर्मियों ने आचार संहिता लगते ही अपनी हड़ताल समाप्त कर दी है और सभी कर्मचारी काम पर लौट आए हैं। इससे प्रशासन को भी राहत मिली है। एनएचएम कर्मचारी पक्का करने और सातवें वेतन आयोग
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ये कार्य हो रहे थे प्रभावित
नेशनल हेल्थ मिशन के तहत लगे कर्मचारियों की हड़ताल के कारण लेबर रूम में डिलीवरी का कार्य, नर्सरी में नवजात शिशुओं की देखरेख का कार्य, केएमसी यूनिट, रेफरल, ट्रांसपोर्ट एम्बुलेंस सुविधा न मिलना, जन्म-मृत्यु विभाग कार्य, मेंटल हेल्थ, केंद्रीय औषधि विभाग कार्य, स्कूल हेल्थ (आरबीएसके) व आरकेएसके टीम द्वारा फील्ड में बच्चों के स्वास्थ्य जांच कार्य, एनसीडी, एनआरसी, टीबी विभाग, आयुष विभाग, एनएचएम कार्यालय, पीपी सेंटर, टीकाकरण कार्य, सभी सीएचओ व रिपोर्टिंग के काम प्रभावित हो रहे थे।
इन मांगों को लेकर धरना दे रहे थे एनएचएम कर्मचारी
कर्मियों की मांग है कि एनएचएम कर्मचारियों को पक्का कर्मचारी घोषित किया जाए। सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाए, सर्विस रूल के साथ कोई छेड़छाड़ न की जाए। कैशलैस मेडिकल सुविधा देने, एलटीसी, ग्रेजुएटी व एक्सग्रेशिया का लाभ दिया जाए। कर्मचारियों को सेवा के अनुसार ईएल, स्टडी लीव, ट्यूशन फीस का लाभ दिया जाए। आयुष्मान भारत योजना के तहत सीएचओ कैडर की एसओपी को लागू किया जाए। बांड प्रथा को समाप्त करने, एनएचएम कर्मियों को ट्रांसफर सुविधा देने, वर्ष 2017 से 2024 तक कर्मियों द्वारा दी गई हड़ताल अवधि का वेतन जारी करने व सेवा अवधि में गणना की जाए।
विभिन्न प्रकार से किए थे प्रदर्शन
एनएचम कर्मियों ने अपनी 22 दिन की हड़ताल के दाैरान सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। सोई हुई सरकार को जगाने के लिए कर्मचारियों ने भूख हड़ताल की, मुंडन करवाया, सड़कों पर भीख मांगी, जुलूस निकाला, रक्तदान किया, इसके बावजूद भी सरकार की तरफ से जवाब नहीं आया।
एनएचएम की हड़ताल खत्म कर काम पर लौटे कर्मी
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