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मानसून की पहली बारिश के बाद से ही अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे किसान मजदूरों को शुक्रवार को बारिश से थोड़ी राहत मिली। बारिश के बिना खेतों में धान, ज्वार, बाजरा, कपास की फसलें सूखने के साथ साथ बीमारी का भी शिकार होने लगी थी। वहीं शहर में पटियाला चौक, रानी तालाब, देवीलाल चौक के पास रेलवे अंडर ब्रिज में जल भराव के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। नगर परिषद के कर्मचारियों ने मैनहोल को खोलकर लोगों को जल भराव से राहत दिलवाने की कोशिश की।
जिले के किसान ट्यूबवेल के पानी के सहारे अपनी फसलें बचाने को मजबूर थे। जिनके पास ट्यूबवेल की सुविधा नहीं है वे दूसरे किसानों से पानी मांगने को मजबूर थे। जिनको पानी नहीं मिल रहा था उन किसानों की फसलें सूखने सूखने की कगार पर थी। मानसून की पहली बारिश के बाद ज्यादातर किसानों ने धान की फसल ज्यादा एकड़ में उगा ली। सारा मानसून निकल गया। बादल बिना बरसे ही चले जाते थे। अब बारिश से किसानों को कुछ राहत मिली है। मौसम विभाग के अनुसार जिले में 38 एमएम बारिश दर्ज की गई। जींद जिले के साथ-साथ दूसरे जिलों में भी मौसम विभाग ने यलो उचाना. उचाना कलां मानव रहित फाटक की जगह बने अंडरपास में भरा बारिश का पानी।


जानिए कहां कितनी बारिश हुई जींद में 15 एमएम, नरवाना में तीन एमएम, सफीदों में 10 एमएम, जुलाना में 10 एमएम, उचाना में 23 एमएम, अलेवा में साढ़े 32 एमएम बरसात किसानों के साथ-साथ शहर के लोगों को भी गर्मी से राहत मिली। बेशक से शहर के लोगों को जल भराव का सामना करना पड़ा हो लेकिन वह बारिश से खुश नजर आए। नगर परिषद कर्मचारी, पब्लिक हेल्थ समेत दूसरे विभागों के कर्मचारियों ने भी मैनहोल को खोलकर पानी निकासी कर लोगों को राहत दिलवाई। इस बरसात से किसानों को काफी लाभ मिलेगा। सबसे ज्यादा फायदा धान की फसल को हुआ है।
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