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हरियाणा में स्कूलों में बढ़ती हिंसा और हाल ही में शिक्षक जगबीर पानू की छात्र द्वारा की गई निर्मम हत्या के बाद प्रदेशभर के शिक्षकों में रोष की लहर है। शिक्षक संगठनों ने राज्य सरकार से “स्कूल सुरक्षा अधिनियम” को अविलंब लागू करने की मांग की है।
साथ ही, जगबीर पानू को “शहीद” का दर्जा देने, उनके परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और एक परिजन को सरकारी नौकरी देने की मांग भी उठाई है। बुधवार को नरवाना में फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले प्राइवेट स्कूल संचालकों ने एसडीएम जगदीश चंद्र को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। संगठन के प्रधान सतीश ने कहा, “पिछले कुछ वर्षों में स्कूलों में चाकूबाजी, हथियारों का प्रदर्शन और शिक्षकों से बदसलूकी जैसी घटनाएं आम होती जा रही हैं।
अब शिक्षक खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिसार जिले के एक गांव में शिक्षक जगबीर पानू की हत्या ने शिक्षक समाज को अंदर तक झकझोर दिया है। ऐसे हालात में न तो शिक्षक अनुशासन कायम कर पा रहे हैं, और न ही छात्रों को नैतिक शिक्षा देने का माहौल रह गया है, सतीश ने कहा।
नाबालिगों पर उनका मेडिकल करवाकर उनपर सख्त कार्रवाई की भी मांग ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि अधिकतर छात्र 18 वर्ष से कम आयु के होते हैं, और इस आयु वर्ग के अपराधियों में यह सोच विकसित हो रही है कि उन्हें कानून से छूट मिल जाएगी। ऐसे में जघन्य अपराधों में लिप्त नाबालिगों पर भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
शिक्षकों की प्रमुख मांगें
.स्कूल सुरक्षा अधिनियम जल्द से जल्द लागू किया जाए।
.जगबीर पानू को शहीद का दर्जा दिया जाए।
.उनके परिवार को 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए और एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिले।
.नाबालिग छात्रों द्वारा किए गए जघन्य अपराधों पर सख्त दंड का प्रावधान किया जाए।
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