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पंजाब राज्य में आई भीषण बाढ़ से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए नरवाना उपमंडल के गांव उझाना के ग्रामीणों ने बड़ा कदम उठाया है। ग्रामीणों ने राहत सामग्री के रूप में अनाज एकत्रित करना शुरू किया है, ताकि इसे जल्द से जल्द बाढ़ प्रभावित इलाकों तक पहुंचाया जा सके। गांव के समाजसेवी गुरुदेव, रमेश वीर, गुरमेल, जतिन, विजय और संदीप ने बताया कि इस नेक काम में गांव के युवाओं ने सबसे अधिक भागीदारी दिखाई है। युवा टोली घर-घर जाकर अनाज और खाने-पीने का सामान इकट्ठा कर रही है। ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ पीड़ितों की पीड़ा को देखते हुए हर घर से योगदान मिल रहा है। लोगों में मदद करने का जज्बा साफ झलक रहा है। गांव के सुरजीत, मनीष, कर्मवीर और कुलबीर ने जानकारी दी कि अब तक करीब 200 मन्ना (लगभग 8 क्विंटल) गेहूं राहत सामग्री के रूप में एकत्रित किया जा चुका है। यह सामग्री सबसे पहले नजदीकी प्रभावित जिलों, जैसे कपूरथला, में भेजी जाएगी। वहां स्थानीय गुरुद्वारों के माध्यम से इसे पीड़ित परिवारों तक पहुंचाया जाएगा। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले दो दिनों से लगातार यह मुहिम चल रही है। गांव के विभिन्न हिस्सों से टीम बनाकर राहत सामग्री जुटाई जा रही है। जहां भी टोली गई, हर घर से कुछ न कुछ सहयोग जरूर मिला। हालांकि अभी भी गांव का बड़ा हिस्सा बचा हुआ है, जहां से अनाज और खाने-पीने का सामान एकत्र किया जाएगा। ग्रामीणों का अनुमान है कि आने वाले दिनों में यह मात्रा कई गुना और बढ़ जाएगी।
गांववासियों ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों की मदद करना मानवता का सबसे बड़ा धर्म है। जब तक पंजाब में हालात सामान्य नहीं हो जाते, तब तक उझाना के लोग इस मुहिम को जारी रखेंगे। युवाओं ने भी विश्वास दिलाया कि किसी भी जरूरत की घड़ी में वे हर संभव सहयोग देंगे। इस तरह गांव उझाना ने साबित कर दिया है कि आपदा की घड़ी में एकजुट होकर ही राहत पहुंचाई जा सकती है। ग्रामीणों का यह प्रयास न केवल जरूरतमंदों के लिए सहारा बनेगा, बल्कि समाज में आपसी भाईचारे और इंसानियत की मिसाल भी पेश करेगा।
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