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39 मिनट पहले

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भारत की शाही विरासत से जुड़ा हीरा ‘गोलकोंडा ब्लू’ पहली बार नीलामी में बिकने जा रहा है। यह 23.24 कैरेट का चमकदार नीला हीरा है, जिसे मशहूर पेरिस के ज्वेलरी डिजाइनर JAR ने एक खूबसूरत अंगूठी में जड़ा है।
इसे 14 मई को जिनेवा में क्रिस्टीज नाम की नीलामी कंपनी नीलाम करेगी। इसकी कीमत 300 से 430 करोड़ रुपए (35 से 50 मिलियन डॉलर) के बीच आंकी गई है। क्रिस्टीज का कहना है कि इतने खास और शाही हीरे बहुत ही कम बार बिकने के लिए आते हैं।
इसके पहले भी उन्होंने कुछ ऐतिहासिक गोलकोंडा हीरे नीलाम किए हैं, जैसे – अर्चड्यूक जोसेफ, प्रिंसी और विटेल्सबाख हीरे।

अंगूठी में जड़े हुए गोलकोंडा ब्लू डायमंड की तस्वीर।
इंदौर के महाराजा यशवंत राव होल्कर के पास था यह हीरा
नाशपाती के आकार का यह हीरा भारत की राजशाही से जुड़ा हुआ है। क्रिस्टीज के मुताबिक, यह हीरा महाराजा यशवंत राव होल्कर (इंदौर) के पास था। महाराज यशवंत राव होल्कर 1920-30 के दशक में अपनी लक्जरी और इंटरनेशनल लाइफस्टाइल के लिए जाने जाते थे।
इस हीरे को यशवंत राव के पिता पेरिस के फेमस ज्वेलरी ब्रांड शॉमेट से इंदौर पियर्स हीरे खरीदे थे। 1923 में उन्होंने शॉमेट से अपने 23 कैरेट के नाशपाती के आकार वाले ब्लू डायमंड को जड़वाकर एक ब्रेसलेट बनवाया था।

1933 में महाराजा यशवंत राव ने मॉबूसेन को अपना आधिकारिक जौहरी नियुक्त किया। मॉबूसेन ने उनके गहनों को नए डिजाइन में ढाला। उसने एक लंबा हार बनाया, जिसमें गोलकोंडा ब्लू और इंदौर पियर्स दोनों शामिल थे।

इसे इंदौर की महारानी ने पहना था, जिसकी पेंटिंग प्रसिद्ध चित्रकार बर्नार्ड बूते दे मोनवेल ने बनाई थी।
किंग ऑफ डायमंड हैरी विंस्टन ने नई डिजाइन के साथ बेचा
किंग ऑफ डायमंड के नाम से मशहूर अमेरिकी जौहरी हैरी विंस्टन ने 1946 में इंदौर पियर्स और 1947 में ब्लू डायमंड को खरीदा। उन्होंने बाद में इसे एक ब्रोच में सेट किया। इसमें एक 23 कैरेट का सफेद हीरा भी था। इस ब्रोच को बाद में बड़ौदा के महाराजा ने खरीदा। आगे चलकर हैरी विंस्टन ने इसे फिर से खरीद लिया और नई डिजाइन के साथ दोबार बेचा।
लगभग 80 सालों के बाद यह अब फिर एक बार सार्वजनिक तौर पर नीलाम होने जा रहा है।
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जिनेवा में नीलाम होगा भारत का गोलकोंडा ब्लू हीरा: कीमत 430 करोड़ रुपए आंकी गई; इंदौर और बड़ौदा के राजाओं से कनेक्शन