जालंधर में सायरन के साथ ब्लैकआउट: फिरोजपुर में भी बजा हूटर, पंजाब सेंसेटिव जोन-2 में, कल 20 जगह ब्लैकआउट और मॉक ड्रिल – Jalandhar News Chandigarh News Updates

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जालंधर कैंट में हूटर के बाद हुआ ब्लैकआउट। घरों की लाइटें बंद, लेकिन वाहन हाईबीम पर चलते रहे। इसी बीच आसमान में उड़ता प्लेन जांच करते हुए।

पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान में बढ़ी टेंशन के बीच गृह मंत्रालय ने देशभर में मॉक ड्रिल के निर्देश दिए हैं। इसके चलते पंजाब के सेंसेटिव जोन-2 में आते जालंधर में मंगलवार रात 8 बजे सायरन बजते ही ब्लैक आउट हो गया।

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यहां कैंटोनमेंट एरिया में पुलिस, बीएसएफ और फायर ब्रिगेड ने ब्लैक आउट पर नजर रखी। सैन्य हेलिकॉप्टर से निगरानी की गई। लोगों से जनरेटर और इनवर्टर बंद करवा दिए गए।

इसके अलावा फिरोजपुर में भी मॉक ड्रिल की गई। यहां शाम 7 बजे के करीब जिला परिषद दफ्तर का सायरन बजा। जालंधर और फिरोजपुर प्रशासन ने लोगों से कहा कि मॉक ड्रिल और सायरन के दौरान लोग डरें नहीं। ये केवल युद्ध जैसी परिस्थितियों में बचने का अभ्यास है।

पंजाब सेंसेटिव जोन-2 में, बड़े एयरबेस और गोला-बारूद का डिपो पंजाब को गृह मंत्रालय ने सेंसेटिव जोन-2 में रखा है। यहां 20 स्थानों पर बुधवार (7 मई) को मॉक ड्रिल होगी और ब्लैकआउट का अभ्यास भी किया जाएगा। पंजाब के जालंधर में केंटोनमेंट के साथ-साथ इंडियन ऑयल का डिपो, बीएसएफ हेडक्वार्टर और आदमपुर एयरफोर्स बेस है। पठानकोट जम्मू सीमा के साथ सटा है और यहां मामून कैंट, एयरबेस और गोला-बारूद का डिपो है। अमृतसर का अटारी पाकिस्तान के बॉर्डर से सटा है। फिरोजपुर-फाजिल्का की सीमाएं भी पाकिस्तान के साथ लगती हैं।

पुलिस, SDRF समेत अन्य रेस्क्यू टीमें लेंगी मॉक ड्रिल में भाग इस मॉक ड्रिल में पुलिस, SDRF समेत अन्य रेस्क्यू टीमों को युद्ध के दौरान बचने की ट्रेनिंग दी जाएगी और मॉक ड्रिल के दौरान हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बजाय जाएंगे। पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच पहली बार ऐसा केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा है।

कुछ जिलों में रात साढ़े 10 तो कई में 7 बजे होगा ब्लैकआउट पंजाब में ब्लैकआउट के लिए अलग-अलग समय निर्धारित किया गया है। अमृतसर में ब्लैकआउट के लिए रात 10.30 बज का समय चुना गया है, जबकि काफी जिलों में ये रात 7 बजे होगा। अमृतसर में ब्लैकआउट का समय मात्र 30 मिनट के लिए रखा गया है। इस दौरान साइरन बजेगा और सभी को कम्पलीट ब्लैकआउट करना होगा।

ये रिहर्सल इसलिए की जा रही है, ताकि लड़ाई या हमले के समय उन स्पॉट को ढूंढा जाए, जहां अंधेरा करना आसान नहीं होता। एक्सपर्ट्स की मानें तो रात के समय हवाई हमले के दौरान अगर ब्लैकआउट रहे तो पायलट प्लेन की स्पीड से अंदाजा नहीं लगा पाता कि आबादी कहां है।

आतंकी हमले से बचने की रिहर्सल भी होगी

पंजाब में कल, बुधवार, का दिन सिर्फ ब्लैकआउट तक ही सीमित नहीं रहने वाला। इस दौरान कई जगहों पर हमले या आतंकी हमले के दौरान उठाए जाने वाले जरूरी कदमों की रिहर्सल भी होगी। इस दौरान हूटर बजेगा और सभी विभाग एक्टिव हो जाएंगे। ये रिहर्सल सिर्फ आतंकी घटना के स्पॉट पर घायलों को अस्पताल पहुंचाने और फस्ट एड देने तक नहीं है।

इस दौरान सभी विभागों को तय समय में तय स्थान पर पहुंचना होगा। सभी का समय काउंट होगा, अगर जरूरत हुई तो रिहर्सल दोबारा भी होती रहेंगी।

लोगों से अपील-फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस को दें रास्ता मॉकड्रिल सिर्फ सरकारी विभागों या आपातकालीन विभागों के लिए नहीं है, जबकि सभी नागरिकों के लिए भी है। कल के बाद जब भी सारन बजे और रास्ते पर आपको एम्बुलेंस या फायर ब्रिगेड की गाड़ी नजर आए तो सभी का कर्तव्य बनता है कि सबसे पहले उसे रास्ता दिया जाए।

जानें…क्या होता है एयर रेड सायरन एयर रेड सायरन एक खास तरह की तेज और तीव्र ध्वनि होती है, जिसे 60 सेकेंड तक बजाया जाता है। इसका मकसद लोगों को किसी संभावित खतरे जैसे हवाई हमले या अन्य आपातकालीन स्थिति की पूर्व चेतावनी देना होता है, ताकि वे समय रहते सुरक्षित स्थान पर पहुंच सकें।

मॉक ड्रिल क्यों जरूरी

  • मॉक ड्रिल असल खतरे से पहले की एक रणनीतिक तैयारी होती है
  • सुरक्षा उपकरण और सायरन प्रणाली ठीक से काम कर रही है या नहीं
  • अधिकारी और आम लोग ऐसी स्थिति में कैसे प्रतिक्रिया देते हैं
  • प्रतिक्रिया समय और समन्वय कितना प्रभावी है
  • इससे आपदा की स्थिति में संभावित नुकसान को कम किया जा सकता है।

वॉर सायरन कैसे काम करते हैं

मैकेनिकल एयर सायरन – इनमें घूमने वाली डिस्क और हवा के दबाव से तेज़ आवाज पैदा होती है।

इलेक्ट्रिक सायरन – ये बिजली से संचालित होते हैं और साउंड कंपन से अलर्ट करते हैं।

इलेक्ट्रॉनिक सायरन – यह आधुनिक तकनीक है, जिसमें डिजिटल कंट्रोल और स्पीकर सिस्टम से दूर से भी ऑपरेट किया जा सकता है।

गृह मंत्रालय की तरफ से जारी की गई लिस्ट…

1971 में भारत-पाक युद्ध से पहले हुई थी ऐसी ड्रिल बता दें कि, ऐसी मॉक ड्रिल पिछली बार साल 1971 में हुई थी। यह समय तब का था, जब भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था। युद्ध से पहले राज्य स्तर पर ऐसे ही मॉक ड्रिल की गई थी। इससे पहले पंजाब के फिरोजपुर कैंट में रविवार सोमवार की गत रात्रि को ब्लैकआउट प्रैक्टिस के तहत ड्रिल की गई थी। सभी गावों की बिजली बंद कर ये ड्रिल गई थी। इस दौरान पंजाब पुलिस का सेना के मुलाजिम मौजूद थे।

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जालंधर में सायरन के साथ ब्लैकआउट: फिरोजपुर में भी बजा हूटर, पंजाब सेंसेटिव जोन-2 में, कल 20 जगह ब्लैकआउट और मॉक ड्रिल – Jalandhar News

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