जागरूकता और जिम्मेदारी से डेंगू के डंक को रोकने की कवायद


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जींद। पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण स्वास्थ्य विभाग मलेरिया व डेंगू के प्रति समय पर अपना अभियान नहीं चला पाया। इस कारण डेंगू के 622 मामले सामने आए थे। पिछली गलती न दोहराते हुए इस बार स्वास्थ्य विभाग बरसात का मौसम शुरू होने से पहले ही लोगों को डेंगू समेत अन्य बीमारियों के प्रति जागरूक कर रहा है। अब तक विभाग के कर्मचारी जिले के 12 हजार घरों में जांच कर चुके हैं। इनमें 88 जगह पर डेंगू का लार्वा मिल चुका है। विभाग ने लापरवाही बरतने पर 65 लोगों को नोटिस जारी किए हैं लेकिन अभी तक किसी पर भी कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। यदि दोबारा इन घरों के आसपास लार्वा मिलता है तो इनके खिलाफ स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई भी कर सकता है। पिछले वर्ष भी स्वास्थ्य विभाग ने 700 लोगों को लार्वा मिलने पर नोटिस जारी किए थे, लेकिन कार्रवाई केवल नोटिस देने तक ही सिमटी रही।
अप्रैल महीने से ही ग्रामीण क्षेत्र में नुक्कड़ सभाएं करके स्वास्थ्य कर्मचारी कूलर, फ्रीज, गमले, गड्ढों की सफाई के बारे में जागरूक कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार सप्ताह में एक दिन इन सभी चीजों को सूखाने के लिए भी कहा जाता है ताकि इन वस्तुओं में खड़े पानी में डेंगू का लार्वा नहीं पनप सके। इस वर्ष स्वास्थ्य विभाग अब तक सात हजार लोगों के रक्त की जांच कर चुका है। राहत की बात यह है इनमें से किसी भी व्यक्ति को डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया की पुष्टि नहीं हुई है।
किस वर्ष क्या रही केसों की स्थिति
वर्ष मलेरिया डेंगू जापानी बुखार चिकनगुनिया
2019 3 47 0 0
2020 0 28 0 0
2021 0 622 1 1
छह हजार लोगों की बनाई स्लाइड
रेपिड फीवर मास सर्वे के तहत अब तक स्वास्थ्य विभाग छह हजार लोगों के रक्त की स्लाइड बना चुका है। इनमें से अभी तक किसी भी व्यक्ति में कोई गंभीर बीमारी नहीं मिली है। हर माह स्वास्थ्य विभाग रेपिड फीवर मास सर्वे करता है। इसके तहत शहर की कॉलोनियों व ग्रामीण क्षेत्रों में अभियान चलाया जाता है।
स्वास्थ्य कर्मचारी बहा रहे पसीना
स्वास्थ्य निरीक्षक राममेहर वर्मा ने कहा कि पिछले वर्ष डेंगू के 622 मामले सामने आए थे। पिछले वर्ष अप्रैल में कोरोना की दूसरी लहर आने के कारण पूरा ध्यान कोरोना की तरफ था। इस बार बरसात का सीजन शुरू होने से पहले ही स्वास्थ्य कर्मचारी घर-घर जाकर लोगों को बरसाती सीजन में होने वाली बीमारियों के प्रति जागरूक कर रहे हैं। अभी तक 88 जगह लार्वा मिल चुका है, जिसको तुरंत नष्ट किया गया है।
इस बार स्वास्थ्य विभाग पिछले दो महीने से शहर की कॉलोनियों व गांवों में अभियान चलाकर लोगों को जागरूक कर रहा है। अब तक 88 जगह लार्वा मिल चुका है। 65 लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं। यदि इनके घरों में या आसपास दोबारा लार्वा मिला तो इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अभी तक जिले में डेंगू, मलेरिया, जापानी बुखार, चिकनगुनिया का कोई मामला सामने नहीं आया है। स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही पूरी तैयारी कर रखी है।
-डॉ. विजेंद्र ढांडा, डिप्टी सिविल सर्जन मलेरिया।

लोगों के घरों में जाकर जागरूक करती स्वास्थ्य विभाग की टीम। संवाद।

लोगों के घरों में जाकर जागरूक करती स्वास्थ्य विभाग की टीम। संवाद।– फोटो : Jind

जींद। पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण स्वास्थ्य विभाग मलेरिया व डेंगू के प्रति समय पर अपना अभियान नहीं चला पाया। इस कारण डेंगू के 622 मामले सामने आए थे। पिछली गलती न दोहराते हुए इस बार स्वास्थ्य विभाग बरसात का मौसम शुरू होने से पहले ही लोगों को डेंगू समेत अन्य बीमारियों के प्रति जागरूक कर रहा है। अब तक विभाग के कर्मचारी जिले के 12 हजार घरों में जांच कर चुके हैं। इनमें 88 जगह पर डेंगू का लार्वा मिल चुका है। विभाग ने लापरवाही बरतने पर 65 लोगों को नोटिस जारी किए हैं लेकिन अभी तक किसी पर भी कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। यदि दोबारा इन घरों के आसपास लार्वा मिलता है तो इनके खिलाफ स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई भी कर सकता है। पिछले वर्ष भी स्वास्थ्य विभाग ने 700 लोगों को लार्वा मिलने पर नोटिस जारी किए थे, लेकिन कार्रवाई केवल नोटिस देने तक ही सिमटी रही।

अप्रैल महीने से ही ग्रामीण क्षेत्र में नुक्कड़ सभाएं करके स्वास्थ्य कर्मचारी कूलर, फ्रीज, गमले, गड्ढों की सफाई के बारे में जागरूक कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार सप्ताह में एक दिन इन सभी चीजों को सूखाने के लिए भी कहा जाता है ताकि इन वस्तुओं में खड़े पानी में डेंगू का लार्वा नहीं पनप सके। इस वर्ष स्वास्थ्य विभाग अब तक सात हजार लोगों के रक्त की जांच कर चुका है। राहत की बात यह है इनमें से किसी भी व्यक्ति को डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया की पुष्टि नहीं हुई है।

किस वर्ष क्या रही केसों की स्थिति

वर्ष मलेरिया डेंगू जापानी बुखार चिकनगुनिया

2019 3 47 0 0

2020 0 28 0 0

2021 0 622 1 1

छह हजार लोगों की बनाई स्लाइड

रेपिड फीवर मास सर्वे के तहत अब तक स्वास्थ्य विभाग छह हजार लोगों के रक्त की स्लाइड बना चुका है। इनमें से अभी तक किसी भी व्यक्ति में कोई गंभीर बीमारी नहीं मिली है। हर माह स्वास्थ्य विभाग रेपिड फीवर मास सर्वे करता है। इसके तहत शहर की कॉलोनियों व ग्रामीण क्षेत्रों में अभियान चलाया जाता है।

स्वास्थ्य कर्मचारी बहा रहे पसीना

स्वास्थ्य निरीक्षक राममेहर वर्मा ने कहा कि पिछले वर्ष डेंगू के 622 मामले सामने आए थे। पिछले वर्ष अप्रैल में कोरोना की दूसरी लहर आने के कारण पूरा ध्यान कोरोना की तरफ था। इस बार बरसात का सीजन शुरू होने से पहले ही स्वास्थ्य कर्मचारी घर-घर जाकर लोगों को बरसाती सीजन में होने वाली बीमारियों के प्रति जागरूक कर रहे हैं। अभी तक 88 जगह लार्वा मिल चुका है, जिसको तुरंत नष्ट किया गया है।

इस बार स्वास्थ्य विभाग पिछले दो महीने से शहर की कॉलोनियों व गांवों में अभियान चलाकर लोगों को जागरूक कर रहा है। अब तक 88 जगह लार्वा मिल चुका है। 65 लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं। यदि इनके घरों में या आसपास दोबारा लार्वा मिला तो इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अभी तक जिले में डेंगू, मलेरिया, जापानी बुखार, चिकनगुनिया का कोई मामला सामने नहीं आया है। स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही पूरी तैयारी कर रखी है।

-डॉ. विजेंद्र ढांडा, डिप्टी सिविल सर्जन मलेरिया।

लोगों के घरों में जाकर जागरूक करती स्वास्थ्य विभाग की टीम। संवाद।

लोगों के घरों में जाकर जागरूक करती स्वास्थ्य विभाग की टीम। संवाद।– फोटो : Jind

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