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जस्टिस निर्मल यादव घूसकांड: CBI ने किया बरी, पर बड़ा सवाल- पैसा किसके लिए था? Haryana News & Updates

जस्टिस निर्मल यादव घूसकांड: CBI ने किया बरी, पर बड़ा सवाल- पैसा किसके लिए था? Haryana News & Updates

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Judge Bribe Case: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में जज रहीं जस्टिस (रिटायर्ड) निर्मल यादव को घूसकांड मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने बरी कर दिया है. इसके बाद बड़ा सवाल यह है कि वह पैसा किसका था और गया कहां.

जस्टिस (रिटायर्ड) निर्मल यादव को सीबीआई कोर्ट ने घूस मामले में क्‍लीनचिट दे दी है. (सांकेतिक तस्‍वीर)

चंडीगढ़/नई दिल्‍ली. पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की पूर्व जज जस्टिस (रिटायर्ड) निर्मल यादव को 15 लाख रुपये के घूसकांड में बरी कर दिया गया है. उनके साथ ही इस मामले के अन्‍य तीन आरोपियों को भी आरोपमुक्‍त कर दिया गया है. सीबीआई की विशेष अदालत ने 17 साल बाद इस मामले में अपना फैसला दिया है. इस हाई-प्रोफाइल मामले में सभी आरोपी बरी तो हो गए हैं, लेकिन एक बड़ा सवाल सबके मन में रह गया. कोर्ट के फैसले के मुताबिक इस मामले के आरोपियों का इससे कुछ भी लेनादेना नहीं है तो उस समय बरामद 15 लाख रुपये किसका था? लाखों रुपये गए कहां?

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की पूर्व जस्टिस निर्मल यादव से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में 29 मार्च 2025 को चंडीगढ़ स्थित CBI की विशेष अदालत ने अपना फैसला सुनाया. यह मामला साल 2008 का है, जब जस्टिस यादव पर 15 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगा था. 15 लाख रुपये की राशि गलती से एक अन्य जज निर्मल कौर के घर पहुंच गई थी. CBI ने इस मामले की जांच शुरू की और अब 17 साल बाद इस मामले में फैसला आया है.जस्टिस यादव (जो 2011 में उत्तराखंड हाईकोर्ट में स्थानांतरण के बाद सेवानिवृत्त हो गई थीं) पर यह आरोप था कि उन्होंने एक जमीन सौदे में पक्ष लेने के लिए रिश्वत मांगी थी. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उस वक्त उन्हें क्लीनचिट देते हुए ट्रांसफर की सिफारिश की थी, लेकिन CBI ने अपनी जांच जारी रखी थी. बता दें कि लाखों रुपये कैश को जब्‍त कर लिया गया था.

दूसरे जज के घर पहुंचा दिया था पैसा
हाईकोर्ट की जज रहीं जस्टिस निर्मलजीत कौर के घर गलती से रिश्वत के 15 लाख रुपए पहुंच गए थे. CBI केस के मुताबिक, यह रकम जस्टिस निर्मल यादव के लिए थी. जस्टिस निर्मलजीत कौर के पीअन अमरीक सिंह ने 13 अगस्त 2008 को हुए इस प्रकरण की शिकायत दी थी. संजीव बंसल का मुंशी प्रकाश राम उनके घर प्लास्टिक बैग में यह रकम लेकर पहुंचा था. उसने पीअन को कहा कि दिल्ली से कुछ पेपर्स आए हैं, जो डिलिवर करने हैं. हालांकि, बैग में मोटी रकम थी. केस की गंभीरता को देखते हुए मामले की जांच CBI को सौंपी गई थी.

तीन अन्‍य आरोपियों को भी राहत
स्‍पेशल कोर्ट ने गवाहों की गवाही पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की पूर्व जस्टिस निर्मल यादव, दिल्ली के होटल कारोबारी रविंदर सिंह भसीन, प्रॉपर्टी डीलर राजीव गुप्ता और निर्मल सिंह आरोपी थे. इस केस के एक आरोपी संजीव बंसल की मौत हो चुकी है. सीबीआई कोर्ट में इस मामले की 300 से ज्यादा सुनवाई हो चुकी है और 76 गवाहों के बयान दर्ज किए गए. हालांकि, मुकदमे के दौरान 10 गवाह अपने बयान से पलट गए. बता दें कि संजीव बंसल पर पैसे भिजवाने के आरोप लगे थे.

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